विचार

पूजा के बाद गणपति विसर्जन की प्रथा कैसे हुई शुरू, क्या हैं गणेश चतुर्थी से जुड़ी कुरीतियां, बता रहे हैं विश्व प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य नरेश नाथ

नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली 

गणपति बप्पा को हर साल पूजन के बाद जल में विसर्जित करना धर्म सम्मत नहीं बल्कि एक कुप्रथा है. अगर आपका घर शुद्ध है तो इसे विसर्जित करने की कोई आवश्यकता नहीं है. गणपति को आप सारी जिंदगी के लिए अपने घर पर रख सकते हैं. विश्व प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य नरेश नाथ बताते हैं, ‘बहुत सालों से सावन के बाद गणेश चतुर्थी आने पर मुंबई कोलकाता आदि क्षेत्रों में भगवान गणेश की बड़ी-बड़ी मूर्तियां बनाई जाती हैं. कहीं एक हफ्ता, कहीं 10 दिन तक पूजा होती है. फिर उसी मूर्ति को ले जाकर समंदर में जल प्रवाह कर दिया जाता है. यह प्रथा क्या है?
असल में प्राचीन समय में मुंबई कोलकाता आदि समुद्री तट पर सिर्फ मछुआरों की बस्ती थी. मछुआरों के घर में हर वक्त मछली का मांस पड़ा रहता था इसलिए उनके घर अशुद्ध होते थे. वे लोग धर्म को मानते थे इसलिए गणेश चतुर्थी आने से पहले 1 हफ्ते के लिए अपने घर से सारे अशुद्ध पदार्थ निकाल देते थे और गणपति भगवान की मूर्ति बनाकर उसकी पूजा करते थे गणेश चतुर्थी के दिन वे अपनी नाव में भगवान जी को बैठा कर उनका विसर्जन कर देते थे क्योंकि उन्हें मालूम था कि उनके घर अशुद्ध रहेंगे. वहां मछली और उसके टुकड़े वहां सदा पड़े रहेंगे और भगवान को अशुद्ध जगह पर बैठाना पाप होता है. यह पुराने समय की बात थी. उनका विश्वास था कि समंदर में जब गणेश भगवान चले जाएंगे और भी कई कई दिन तक जब समंदर में रहते हैं और मछली का शिकार करते हैं तो वहां भी भगवान गणेश उनकी मदद करेंगे.

आज हर व्यक्ति गणपति बप्पा को घर में ला रहा है. 1 दिन 2 दिन हफ्ता 10 दिन रखकर अलग-अलग शहरों में विसर्जन करने चल पड़ते हैं यह मछुआरों की प्रथा थी. इसे भारतीय समाज ने मछुआरों की शैली को क्यों अपना लिया है.
आज आपके घर शुद्ध हैं, पक्के हैं तो आप गणपति जी को घर में मूर्ति रूप में या फोटो रूप में स्थापित करके उनकी पूजा कीजिए और सारा साल कीजिए.
यह एक सामाजिक कुरीति बन गई है. कृपया अपना दिमाग लगाएं और सोचें कि मछुआरे तो अपनी मजबूरी के कारण 5 दिन पूजा करके विसर्जन करते थे ताकि भगवान को अशुद्ध जगह पर बैठा कर पाप को प्राप्त ना हो. आप शुद्ध घर में रहकर देवता को जल में तिलांजलि देकर आ रहे हैं, इससे बड़ा पाप क्या होगा? क्या 5 दिन के लिए ही गणपति जी घर आ सकते हैं? उसके बाद उनको जल में डुबो दो.
जो समझदार और सच्चे हिंदू हैं मेरी उनसे विनती है कि वे इस कुरीति से ऊपर उठें और भगवान गणेश जो कि शुभदा के प्रतीक हैं, उन्हें सदैव अपने घर में स्थापित रखें. आजकल के दिनों में उनकी पहले दिनों से ज्यादा पूजा करें. मोदक का प्रसाद बनाएं. पीले फूलों से आसन सजाएं और यह वर मांगें कि हमारे घर में आप सदा विराजमान रहो. हम 12 महीने आपकी पूजा करेंगे और आप 12 महीने हमारे घर में वास करें और हमारे कारोबार हमारे परिवार पर शुभदा की कृपा करें. सत्य और धर्म पर चलो अंधविश्वास पर यकीन न करो. गणेश भगवान शुभदा के प्रतीक हैं उनको अपने से कभी जुदा मत करो.

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