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शिवपाल यादव से हरी झंडी मिलते ही बरेली में एक्टिव हो गई प्रसपा, फिर लोगों की मुश्किलें बढ़ाएंगे वीरपाल सिंह यादव, मलखान सिंह और डा. मोहम्मद खालिद, किया धमाकेदार आगाज

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नीरज सिसौदिया, बरेली
समाजवादी पार्टी में दो दशक से अधिक समय तक सेवाएं देकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का हिस्सा बनने वाले पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव अपने मलखान सिंह यादव और डा. मोहम्मद खालिद जैसे साथियों के साथ सियासी मैदान में कूद पड़े हैं. गुरुवार को पार्टी ने प्रदेश भर में पद यात्रा का आगाज किया. इसी कड़ी में बरेली में कैंट विधानसभा क्षेत्र से इसका आगाज किया गया. इसके शुभारंभ के मौके पर वीरपाल सिंह यादव, मलखान सिंह यादव और डा. मोहम्मद खालिद भी पूरे जोशो खरोश के साथ नजर आए. ये वही साथी हैं जो कभी समाजवादी पार्टी में वीरपाल सिंह यादव के सबसे भरोसेमंद साथी के तौर पर जाने जाते थे और वीरपाल सिंह के साथ ही प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का हिस्सा बने थे.
बता दें कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का हिस्सा बनने के बाद वीरपाल सिंह ने रात्रि चौपाल के जरिये गांव-गांव जाकर अपनी दमदार उपस्थिति का एहसास विरोधियों को करा दिया था लेकिन पिछले कुछ समय से पार्टी सुप्रीमो शिवपाल सिंह यादव की ओर से कोई निर्देश न मिलने के कारण बरेली में पार्टी की गतिविधियों को विराम सा लग गया था. हालांकि सामयिक मुद्दों पर पार्टी अपना विरोध धरना प्रदर्शन के माध्यम से दर्ज कराती रही लेकिन कोई विशेष अभियान नहीं चलाया गया था. इसकी कई वजहें रहीं लेकिन शिवपाल की यह देरी कार्यकर्ताओं को निराश कर रही थी. इस बीच पार्टी के कुछ लोग विरोधी दलों का हिस्सा भी बन गए. ऐसे में शिवपाल यादव ने पिछले दिनों लखनऊ में पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की और विधानसभा का चुनावी बिगुल बजा दिया. इसका आगाज गुरुवार को पदयात्रा के साथ हुआ. प्रसपा की पदयात्रा के अहम मुद्दों के बारे में बताते हुए डा. मोहम्मद खालिद बताते हैं कि पार्टी सुप्रीमो शिवपाल सिंह यादव और पार्टी के प्रदेश महासचिव वीरपाल सिंह यादव के नेतृत्व में शुरू की गई पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य प्रदेश सरकार द्वारा जनता से किए गए छल को जन-जन तक पहुंचाना और जनता को जगाना है. वह कहते हैं, ‘आज पूरा प्रदेश समस्याओं से जूझ रहा है. केंद्र और राज्य सरकार की जनविरोधि आर्थिक नीतियों से प्रदेश का हर तबका परेशान है. किसान फसलें उगाने की जगह आंदोलन करने पर मजबूर है. युवा बेरोजगार घूम रहे हैं और सत्ताधारियों के महल खड़े हो रहे हैं. श्रमिक और कारोबारी तक तंगहाली में आत्महत्याएं कर रहे हैं. अपराध का ग्राफ दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है. प्रदेश में जंगलराज जैसे हालात बन गए हैं. आज पिछड़ों को जातिगत गणना के आधार पर न तो प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है और न ही विशेष अवसर. दलितों की उपेक्षा की जा रही है. महिला सशक्तिकरण की जगह महिलाओं के प्रति हिंसा और उत्पीड़न किया जा रहा है. समान शिक्षा प्रणाली की जगह शिक्षा का व्यवसायीकरण किया जा रहा है.’
डा. खालिद मानते हैं कि आज देश का अल्पसंख्यक वर्ग दहशत में है. वह कहते हैं, ‘आज भेदभाव की माहौल बनाकर अल्पसंख्यक में भय पैदा किया जा रहा है. इससे अल्पसंख्यक वर्ग दहशत में है.’
किसानों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं. डा. खालिद इसे लोकतंत्र की हत्या करार देते हैं. वह कहते हैं, ‘लोकतंत्र में सांकेतिक विरोध प्रदर्शन का अधिकार सबको है. यही हमारेे लोकतंत्र की ताकत भी है. बातचीत से हर मसले का हल निकाला जा सकता है. जन आकांक्षा के दमन और लाठीचार्ज जैसी चीजों के लिए लोकतंत्र में कोई जगह ही नहीं है.’
यही वजह है कि आज जनता में सत्ता के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है. जनता के इसी असंतोष और आक्रोश को स्वर देने एवं व्यवस्था एवं सत्ता परिवर्तन कर समाजवादी सरकार के गठन हेतु संघर्ष में जनता का सहयोग बेहद आवश्यक है. इस पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के हर गांव तक पहुंचना और जनता तक पार्टी के विचारों को पहुंचाना है. इसकी शुरुआत बरेली में कैंट विधानसभा हलके से कर दी गई है.
बहरहाल, बरेली के दिग्गज नेताओं में शुमार और किंग मेकर की भूमिका निभाते रहे वीरपाल सिंह यादव प्रसपा में आने के बाद क्या करिश्मा दिखाते हैं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन पदयात्रा के आगाज के साथ ही उन्होंने एक बार फिर बरेली की सियासत में हलचल जरूर मची है.

वहीं वीरपाल सिंह यादव ने यह भी संकेत दिए कि प्रदेश की सियासत में जल्द ही एक नया गठबंधन देखने को मिलेेगा जिसका नेतृत्व शिवपाल सिंंह यादव करेंगे. अगर ऐसा हुआ तो निश्चित तौर पर सपा और बसपा को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा.

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