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लाखों बेबसों का सहारा बनी नाथ गद्दी का स्थापना दिवस आज, पढ़ें वर्षों से आराधना कर रहा एक रिटायर्ड बैंक अधिकारी, सबकी पूरी होती है मुराद

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नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
कहते हैं भगवान कण-कण में व्याप्त हैं, फिर भी हम अपने घरों में किसी एक स्थान पर मंदिर बनाते हैं और वहां पूजा अर्चना करते हैं. पूरे घर में भले ही हम परेशान रहें पर मंदिर में सुकून मिलता है. इसी प्रकार कुछ ऐसे भी स्थल हैं जहां जाते ही मन के सारे कष्ट खुद ब खुद दूर हो जाते हैं और मन को बेहद सुकून महसूस होता है. ऐसा ही एक स्थल है पंजाब के जालंधर स्थित रसीला आश्रम के पास स्थापित गुरु गोरखनाथ की नाथ गद्दी. इस नाथ गद्दी के आदेश पर एक भक्त पिछले कई वर्षों से दुखियों और असहायों के कष्टों का निवारण कर रहा है. यह भक्त न तो कोई साधु है और न ही संन्यासी. एक साधारण सी जिंदगी जीकर लोगों के दुखों को हरने वाले इस शख्स का नाम नरेश भरारा है और यह एक रिटायर्ड बैंक अधिकारी है. नरेश भरारा वैसे तो हमेशा से ही गुरु गोरखनाथ के साधक रहे लेकिन बैंक से सेवानिवृत्त होने के बाद नरेश भरारा ने अपने निवास स्थान पर ही गुरु गोरखनाथ की गद्दी की पूजा अर्चना पूरे मनोयोग से शुरू कर दी. ज्योतिष रत्नाकर की उपाधि हासिल कर चुके नरेश भरारा को अब विश्व प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य नरेश नाथ के नाम से जाना जाता है. उनकी नाथ विद्या की प्रसिद्धी अब अमेरिका, कनाडा और इंगलैंड जैसे देशों तक पहुंच चुकी है.

ब्राह्मण को सम्मानित करते नरेश नाथ

नरेश नाथ नियमित रूप से नाथ गद्दी की आराधना करते हैं. आज ही के दिन उन्होंने नाथ गद्दी की स्थापना की थी. तब से आज तक जो भी इस नाथ गद्दी की शरण में गया उसके सारे कष्ट दूर हो गए. नरेश नाथ उन कष्टों के निवारण का एक माध्यम भर हैं. देश के विभिन्न शहरों में ज्योतिष समागम का प्रतिनिधित्व कर चुके नरेश नाथ समाजसेवा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान अदा कर रहे हैं लेकिन समाजसेवा को उन्होंने कभी प्रचार का जरिया नहीं बनाया. उन्होंने न तो कभी किसी को दान देते समय कथित समाजसेवियों की तरह तस्वीरें खिंचवाईं और न ही गरीब बच्चों को मदद करते वक्त तस्वीरें खिंचवाकर अखबारों में छपवाईं. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि नरेश नाथ ने कभी भी ज्योतिष विद्या के माध्यम से अर्जित धन का एक भी रुपया खुद पर खर्च नहीं किया. यह धन नरेश नाथ हमेशा गरीबों और बेबस लोगों पर ही खर्च करे आ रहे हैं. उनका और उनके परिवार का खर्च तो आज भी सरकार से मिलने वाली पेंशन से ही चल रहा है.

विश्व प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य नरेश नाथ

नरेश नाथ की बदौलत ही आज क्षेत्र के करीब ढाई सौ गरीब बच्चों का पेट पल रहा है. इन परिवारों का खर्च नरेश नाथ ज्योतिष विद्या से अर्जित धन के माध्यम से करते हैं. यही वजह है कि नरेश नाथ की प्रसिद्धि दिन दोगुनी और रात चौगुनी की रफ्तार से देश भर में फैल रही है. आज नाथ गद्दी के स्थापना दिवस पर नरेश नाथ ने सभी को शुभकामनाएं दी हैं.

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