नीरज सिसौदिया, बरेली
दुनिया में कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो दूसरों की मुस्कुराहट में अपनी खुशी ढूंढते हैं. खुशियां बांटकर उन्हें खुशी मिलती है. कुछ ही शख्सियत है युवा समाजसेवी डा. दीक्षा सक्सेना की. दीक्षा, एकता, चित्रा और उनकी सहेलियां असल में 138 बच्चों के लिए मां जैसी ही हैं. ये सभी न सिर्फ इन जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठा रही हैं बल्कि उनके साथ खुशियां भी साझा करती रहती हैं. वो न तो कोई राजनेता हैं और न ही कोई सरकारी अधिकारी, फिर भी इन बच्चों की तकदीर अपनी अन्य सहेलियों के साथ मिलकर संवार रही हैं. होली हो या दीपावली या कोई अन्य त्योहार. दीक्षा व उनकी सहेलियां इन बच्चों के साथ खुशियां जरूर बांटती हैं. सोमवार को सोसाइटी ने एजुकेशनली गोद लिए गए बच्चों के साथ गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर खुशियां बांटीं.
सृजन वेलफेयर सोसाइटी ने गणतंत्र दिवस शैक्षिक रूप से गोद लिए बच्चों के साथ मिलकर मनाया|
सोसाइटी अध्यक्ष डॉ दीक्षा सक्सेना ने बताया कि सोसाइटी ने 138 बच्चों को शैक्षिक रूप से गोद लिया है|जिनकी शिक्षा- दीक्षा का पूरा खर्च सृजन वेलफेयर सोसाइटी उठाती है| इन्हीं बच्चों के साथ क्योंकि अभी स्कूल बंद हैं, इनकी मलिन बस्ती में जाकर गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर कार्यक्रम आयोजित किया. इस अवसर पर बच्चों का हेल्थ चेकअप भी किया गया और उनमें पौष्टिक आहार जैसे जूस, बिस्किट फल आदि भी बांटे गए| मीडिया प्रभारी एकता सक्सेना ने कहा कि इन बच्चों के साथ समय बिताकर बहुत अच्छा लगता है| इस अवसर पर उपाध्यक्ष चित्रा जौहरी, महामंत्री प्रतिभा जौहरी, किरन चावला, राजीव सक्सेना आदि उपस्थित रहे.