नीरज सिसौदिया, बरेली
अवैध रूप से बनाई गई बन्नूवाल कॉलोनी में साठगांठ कर 2.58 करोड़ रुपये से सड़कें बिछाने का खेल परवान नहीं चढ़ सका है. पार्षद दीपक सक्सेना, सतीश चंद्र सक्सेना उर्फ मम्मा कातिब और पूर्व पार्षद राजेश तिवारी के प्रयासों से जनता के 2.58 करोड़ रुपये डूबने से बच गए. नगर निगम को सड़क डालने का प्रस्ताव रद करना पड़ा. अब बन्नूवाल कॉलोनी में सड़क की मरम्मत नहीं कराई जाएगी.
बता दें कि बन्नूवाल कॉलोनी को बरेली विकास प्राधिकरण पिछले वर्ष ही अवैध घोषित कर चुका है. इस कॉलोनी को अवैध कालोनियों की सूची में 35वें नंबर पर दर्ज किया गया है. पूर्व पार्षद राजेश तिवारी ने बताया कि नगर निगम की अवस्थापना निधि की बैठक में मेयर और निगम के तत्कालीन अभियंता संजय चौहान द्वारा इस अवैध कॉलोनी में सड़क निर्माण का प्रस्ताव रखवाया गया था. दीपक सक्सेना, मम्मा और राजेश तिवारी ने इसकी शिकायत शासन स्तर पर की थी. जब बीडीए ने इस कॉलोनी को अवैध करार दे दिया तो शासन ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देने से इंकार कर दिया था. सोमवार को पार्षद दीपक सक्सेना को विकास विरोधी बताते हुए एक अन्य भाजपा पार्षद ने उनके घर के बाहर प्रदर्शन किया था. इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और मेयर को यह प्रस्ताव रद करना पड़ा. राजेश तिवारी ने शासन से नियम विरुद्ध तरीके से राजकीय राजस्व की क्षति पहुंचाने का षडयंत्र रचने के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि बन्नूवाल कॉलोनी में तो ढाई करोड़ रुपये खर्च होने से बचा दिए गए लेकिन जिन कॉलोनियों में करोड़ों रुपये खपाकर भूमाफिया को लाभ पहुंचाया गया है उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए. साथ ही उन्होंने बरेली विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता आरके जायसवाल को धन्यवाद भी दिया है कि उन्होंने बन्नूवाल कॉलोनी की सही रिपोर्ट दी.