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सो रहे हैं मेयर, विधायक और अफसर, आधी-अधूरी तैयारियों के साथ कोरोना से जंग लड़ रहा निगम, पर्याप्त सैनेटाइजेशन वाहन तक नहीं निगम के पास

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नीरज सिसौदिया, बरेली
आधी-अधूरी तैयारियों के साथ बरेली नगर निगम कोरोना से जंग जीतने का सपना देख रहा है. नगर निगम के पूरे शहर को सैनेटाइज करने के दावों की हकीकत उसकी लचर व्यवस्था खुद ब खुद बयां कर रही है. कोरोना महामारी को आए हुए एक वर्ष से भी अधिक का समय हो गया है लेकिन नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि आज तक सैनेटाइजेशन के लिए पर्याप्त वाहनों तक की व्यवस्था नहीं कर सके हैं. इसका खामियाजा बेबस जनता को संक्रमण का शिकार होकर भुगतना पड़ रहा है. हैरानी की बात तो यह है कि कोरोना के पीक पर आने के बावजूद मेयर से लेकर विधायक तक सो रहे हैं. किसी पार्षद ने भी अब तक इस दिशा में आवाज उठाना तक जरूरी नहीं समझा. जब जनता की मुसीबतें बढ़ीं तो भारतीय जनता पार्टी के पार्षद दीपक सक्सेना ने पहल करते हुए महापौर डा. उमेश गौतम को पत्र लिखकर 25 सैनेटाइजेशन वाहन तत्काल खरीदने के निर्देश देने की अपील की है.
बता दें कि नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत शहर और कैंट विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इनके तहत कुल 80 वार्ड आते हैं. इसके अलावा दस नामित सभासद भी मौजूद हैं. केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार भी इसी शहर में रहते हैं और आसपास के विधानसभा हलकों के विधायक और पड़ोसी लोकसभा हलके के सांसद समेत जनप्रतिनिधियों की पूरी फौज नगर निगम क्षेत्र के दायरे में ही रहती है. इतनी बड़ी जनप्रतिनिधियों की फौज होने के बावजूद किसी ने आज तक इस दिशा में प्रयास करना तो दूर ध्यान देना तक मुनासिब नहीं समझा कि नगर निगम के पास पर्याप्त सैनेटाइजेशन वाहन हैं अथवा नहीं. जनप्रतिनिधियों की यह अनदेखी बरेली शहर में कोरोना महामारी के प्रसार को बढ़ावा दे रही है. ऐसे में देर से ही सही पर भाजपा पार्षद दीपक सक्सेना ने पहल की है. उन्होंने मेयर डा. उमेश गौतम को पत्र लिखकर 25 सैनेटाइजेशन वाहन खरीदने के आदेश देने की मांग की है.
मेयर को लिखे गए पत्र में दीपक सक्सेना ने कहा है कि कोरोना महामारी पूरे विश्व में पैर पसार चुकी है. बरेली नगर निगम क्षेत्र में भी इसके दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं. जिसके कारण प्रतिदिन कई लोगों की मौत हो रही है और सैकड़ों लोग संक्रमित हो रहे हैं. नगर निगम की ओर से वर्तमान समय में लगातार सैनेटाइजेशन का काम किया जा रहा है लेकिन इसकी भयावहता को देखते हुए ये प्रयास नाकाफी हैं. वर्तमान समय में कोरोना महामारी से निपटने के लिए पूरे नगर निगम क्षेत्र में सघन सैनेटाइजेशन की आवश्यकता है लेकिन इसके लिए नगर निगम के पास पर्याप्त सैनेटाइजेशन वाहन नहीं हैं. अत: जनहित में 25 सैनेटाइजेशन वाहन(छोटा हाथी पर लगी सैनेटाइजेशन मशीन वाले) तत्काल खरीदने का आदेश दिया जाए ताकि इस महामारी से निपटा जा सके.
बता दें कि सीमित मात्रा में सैनेटाइजेशन वाहन न होने के चलते सिर्फ वीआईपी वार्डों तक ही नगर निगम का सैनेटाइजेशन अभियान सीमित होकर रह गया है. जब वीआईपी इलाकों से फुरसत मिल जाती है तो अन्य वार्डों में भी वाहन भेज दिए जाते हैं. वाहनों के अभाव में सैनेटाइजेशन ठीक तरह से नहीं हो पा रहा है. अगर नगर निगम वाहन न खरीदे तो कम से कम किराये पर लेकर काम तो चला ही सकता है लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को निजी स्वार्थ से फुरसत मिले तब तो जनता के बारे में सोचें.

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