इंटरव्यू

22 साल से कर रही हैं पार्टी की सेवा, समाजवाद की मिसाल है इनका परिवार, कैंट से सपा की एकमात्र महिला दावेदार, पढ़ें नीरज तिवारी उर्फ चाची का स्पेशल इंटरव्यू…

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समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय सचिव नीरज तिवारी चाची के नाम से मशहूर हैं. गैर राजनीतिक पारिवारिक पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाली नीरज तिवारी ने अपने दम पर पार्टी और समाज में एक अहम मुकाम हासिल किया है. उनका परिवार समाजवाद की मिसाल है. महानगर अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय सचिव तक के महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी निभा चुकीं नीरज तिवारी ने इस बार कैंट विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट के लिए आवेदन किया है. शहर विधानसभा क्षेत्र में रहने वाली नीरज तिवारी ने कैंट सीट से आवेदन क्यों किया? कैंट विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख समस्याएं उनकी नजरों में कौन सी हैं? वह कौन से मुद्दे हैं जिन पर चाची चुनाव लड़ना चाहती हैं? बरेली शहर के विकास और वर्तमान विधायक के कार्यकाल को वह किस नजरिये से देखती हैं? ऐसे कई मुद्दों पर सपा की राष्ट्रीय सचिव और कैंट विधानसभा सीट से टिकट की एकमात्र महिला दावेदार नीरज तिवारी उर्फ चाची ने इंडिया टाइम 24 के संपादक नीरज सिसौदिया के साथ खुलकर बात की. पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश…
सवाल : आप मूल रूप से कहां की रहने वाली हैं, बचपन कहां बीता, पारिवारिक पृष्ठभूमि क्या रही?
जवाब : हम मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के बहेड़ी स्थित जाम गांव के रहने वाले हैं. मेरी कोई राजनीतिक पारिवारिक पृष्ठभूमि नहीं रही. मेरे पिता पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे. मेरा बचपन बरेली में ही बीता. अब मेरे पिता नकटिया में बस गए हैं. मेरा ससुराल राजेंद्र नगर में है. मेरे पति जरूर 80 के दशक में सभासद का चुनाव चाहबाई से लड़े थे. हम छह भाई-बहनों में मैं चौथे नंबर की हूं. मेरे दो भाई कातिब हैं और मैं भी कातिब हूं.
सवाल : आपकी पढ़ाई-लिखाई कहां से हुई और कहां तक पढ़ाई की?
जवाब : मेरी शुरुआती शिक्षा साहू साहू गोपीनाथ इंटर कॉलेज से हुई. उसके बाद मैंने बरेली कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. जब मैं एमए कर रही थी तो मेरा एक्सीडेंट हो गया था जिसकी वजह से मुझे पढ़ाई छोड़नी पड़ी.
सवाल : राजनीति में कब आना हुआ? अब तक का राजनीतिक सफर कैसा रहा?
जवाब : मैंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत वर्ष 1999 में समाजवादी पार्टी से की थी. मेरे राजनीतिक गुरु वीरपाल सिंह यादव थे. उन्होंने मुझे आगे बढ़ाने में बहुत सपोर्ट किया. वर्ष 2000 में मेरी काबिलियत को देखते हुए तत्कालीन जिला अध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव ने मुझे महिला सभा की महानगर अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी और मैंने राजेंद्र नगर इलाके सहित पूरे शहर में संगठन की महिला शाखा को खड़ा करने का काम किया. मुझे यह जिम्मेदारी वैजयंती माला जी का चुनाव पूरी तन्मयता से लड़वाने की वजह से में मिली थी. मेरी उसी तन्मयता को देखते हुए मुझे महानगर अध्यक्ष बनाया गया था. उसी समय हमारी सरकार बनी तो मुझे शक्ति वाहिनी आयोग की सदस्य का जिम्मा सौंपा गया. धीरे-धीरे मेरा राजनीतिक कद बढ़ने लगा था. साथ ही राजनीतिक विरोधी भी बढ़ते गए तो मुझे वर्ष 2004 में महानगर अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया. इस पर मैं नेताजी से मिली. नेताजी मुझे चाची कहकर बुलाया करते थे. उन्होंने तत्काल मुझे राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बना दिया. फिर जब लीलावती कुशवाहा प्रदेश अध्यक्ष बनीं तो उन्होंने मुझे बरेली, बदायूं, पीलीभीत और मुरादाबाद चारों जिलों का प्रभारी बनाया. मैं प्रदेश कार्यकारिणी की सदस्य भी थी. फिर वर्ष 2010 में जब एक भी महिला पार्टी कार्यालय में नहीं आती थी तो वीरपाल जी ने मुझसे कहा कि तुम ही संगठन को फिर से खड़ा कर सकती हो और मुझे एक बार फिर महिला सभा की महानगर अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई. फिर वर्ष 2014 में मैं एक बार लखनऊ गई थी तो मुलायम सिंह जी ने भरी सभा में मुझसे पूछा कि लोकसभा चुनाव का क्या हाल है? मैंने बड़ी बेबाकी के साथ अपनी बात रखी और उन्हें बताया कि एक भी पार्टी उम्मीदवार लोकसभा चुनाव नहीं जीत पा रहा है. मेरी बेबाकी से लोग प्रभावित हुए और मुझे काफी सराहना मिली. मेरी बेबाकी से प्रसन्न होकर नेता जी ने मुझे महिला सभा की जिला अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी. उस वक्त प्रदेश अध्यक्ष लीलावती कुशवाहा थीं. उन्होंने मुझसे सिर्फ 8 दिन के भीतर सम्मेलन कराने को कहा तो मैंने अपनी जिम्मेदारी को पूरी तन्मयता से निभाया और एक ऐसे सम्मेलन का आयोजन किया जिसकी चर्चा उस वक्त पूरे प्रदेश में हुई. खुद अखिलेश यादव जी ने मुझे इस आयोजन के लिए सराहना पत्र भी दिया. फिर मुझे राष्ट्रीय सचिव बनाया गया. मैंने जो कुछ भी हासिल किया अपनी मेहनत और अपनी लगन के बल पर हासिल किया. मैं लगभग 22 वर्षों से पार्टी की सेवा कर रही हूं. वर्तमान में भी मैं राष्ट्रीय सचिव पद की जिम्मेदारी निभा रही हूं.

सम्मेलन को संबोधित करतीं नीरज तिवारी उर्फ चाची.

सवाल : अब आपने कैंट विधानसभा सीट से दावेदारी की है?
जवाब : 20-22 वर्षों में मैंने पार्टी के लिए पुरुषों से भी ज्यादा मेहनत की है. मैं भी चाहती थी कि मेरी मेहनत के बदले में पार्टी भी मुझे कुछ दे. बरेली शहर में चाची और नीरज तिवारी के नाम से मैं अपनी मेहनत के लिए ही जानी जाती हूं वरना कई और नेत्रियां थीं,साधना मिश्रा भी हैं, वह मंत्री भी रहीं पर कौन जानता है उन्हें, आज कौन नाम लेता है उनका? मैंने अपनी मेहनत से ही अपना नाम कमाया है. आज तक मुझे जितने भी पद दिए गए वे सभी मेहनत वाले पद थे. मुझे कोई चेयरमैन वाले पद तो दिए नहीं गए कि मुझे कोई आर्थिक लाभ हो जाता. मैंने हमेशा संगठन को मजबूत करने वाले जिम्मेदार पदों पर काम किया है और खुद को साबित करके दिखाया है.
सवाल : आपने कैंट विधानसभा सीट से दावेदारी क्यों की जबकि आप रहती शहर विधानसभा क्षेत्र में हैं?
जवाब : कैंट विधानसभा सीट से मैंने दावेदारी इसलिए की है क्योंकि सबसे बड़ा तो हमारा मुस्लिम वोट बैंक उस सीट पर है. यादव भी वहां बहुत हैं, कायस्थ भी बहुत हैं और वैश्य बिरादरी भी निर्णायक भूमिका में है. चूंकि मैं मायके से कायस्थ हूं और ससुराल पक्ष से ब्राम्हण हूं, मेरी बहू यादवों की बेटी है और मेरा दामाद वैश्य बिरादरी से है. चारों बिरादरी मेरे घर के अंदर हैं तो असली समाजवादी तो मैं हूं. पूरा समाजवाद मेरे घर के भीतर है इसलिए मैं कैंट विधानसभा सीट को अपने लिए ज्यादा बेहतर पाती हूं. अगर मुझे वहां से मौका मिलता है तो पार्टी निश्चित तौर पर जीत हासिल करेगी.
सवाल : बरेली शहर को आपने बचपन से देखा है, शहर के विकास को आप किस नजरिए से देखती हैं?
जवाब : पहले तो मैं राजनीति में नहीं थी लेकिन वर्ष 1999 में राजनीति के आने के बाद मैं देख रही हू, मुझे तो कोई विकास ही नहीं दिखाई दिया आज तक कहीं भी. पूरा शहर खुदा हुआ है. इस वक्त कितने एक्सीडेंट हो रहे हैं, जगह-जगह गड्ढे हैं, यह कौन सा विकास है मेरी समझ में नहीं आ रहा. यह कैसी स्मार्ट सिटी है मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि आए दिन पब्लिक मर रही है, महिलाएं सुरक्षित नहीं है, उनसे पर्स छीनने जा रहे हैं, उनकी चेनें छीनी जा रही हैं. छोटी सी बच्ची का रेप हो रहा है, यह कैसी राजनीति चल रही है? यह कैसा प्रशासन है? यह सरकार क्या कर रही है?

पार्टी के कार्यक्रम में जातीं नीरज तिवारी उर्फ चाची

सवाल : कैंट विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे आपकी नजर में क्या हैं?
जवाब : बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा यही मुख्य मुद्दे हैं. पुराना शहर बदहाल है, सुभाष नगर, मढ़ीनाथ, बिहारीपुर का भी बुरा हाल है. कोई देखने वाला नहीं है. रोजगार भी अहम मुद्दा है. रोटी के बिना विकास की बात करना तक बेमानी है.
सवाल : अगर आपको विधायक बनने का मौका मिलता है तो आपकी प्राथमिकताएं क्या होंगी?
जवाब : मेरी पहली प्राथमिकता तो सड़कों का निर्माण होगी. फिर किचन की आग को ठंडा करने का प्रयास करूंगी. आज सिलेंडर के दाम हजार रुपए कर दिए गए हैं. अगर मुझे मौका मिलेगा तो सबसे पहले रसोई गैस के दाम कम करवाऊंगी. महंगाई पर अंकुश लगवाने का प्रयास करूंगी. महिलाओं की सुरक्षा भी मेरी प्राथमिकता होगी जो महिलाएं परेशानियों से जूझ रही हैं, जिनसे छेड़छाड़ हो रही है तो उनकी समस्याओं का हल करवाना मेरी प्राथमिकता में शुमार है. स्कूलों का निर्माण और रोजगार के लिए नए उद्योग लगाने का भी प्रयास होगा. जलभराव की समस्या बहुत विकराल है. कई स्थानों पर बहुत बुरा हाल है. इस समस्या को दूर करवाने की कोशिश करेंगे.
सवाल : वर्तमान विधायक राजेश अग्रवाल के 10 वर्षों के कार्यकाल को आप किस नजरिए से देखती हैं?
जवाब : राजेश अग्रवाल ने किया ही क्या है कैंट की जनता के लिए? अगर उन्होंने कुछ किया होता तो हम लोगों को कुछ करने की जरूरत ही नहीं पड़ती. उन्होंने कुछ किया होता तो जनता दूसरा विधायक क्यों ढूंढती? वह तो पता नहीं यह कौन सी राजनीति खेलते हैं वरना इन्हें एक भी वोट न मिले. मेरा वश चले तो एक वोट भी न दूं इन्हें.

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