नीरज सिसौदिया, बरेली
लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व आई कोरोना महामारी ने देश ही नहीं दुनियाभर में हाहाकार मचाकर रख दिया था. किसी ने अपनों को खोया तो किसी ने सपनों को खोया. कोई महामारी का शिकार बन गया तो किसी का कारोबार चौपट हो गया. दुनिया का शायद ही कोई ऐसा शख्स रहा होगा जो इस महामारी से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित न हुआ हो. पहली लहर के खत्म होने के बाद जब दूसरी लहर आई तो वह और भी भयावह निकली. श्मशान घाट पर लाशों के ढेर थे और अस्पतालों के बाहर लंबी लाइनें लगी थीं. वह खौफनाक मंजर आज भी लोगों के दिलों में दहशत छोड़ गया है. किसी तरह से इस दूसरी लहर से अब कुछ राहत मिलने लगी थी तो तीसरी लहर की आहट सुनाई देने लगी है. पिछले डेढ़ वर्षों में जो हुआ वह दोबारा न हो इसके लिए भारतीय जनता पार्टी ने पहल की है. कोरोना की तीसरी लहर से लोगों को बचाने और लापरवाहों को समझाने के लिए अब भारतीय जनता पार्टी के स्वास्थ्य स्वयंसेवक आगे आ रहे हैं. पार्टी की ओर से ऐसे स्वयंसेवकों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. ऐसे ही एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन गुरुवार को भाजपा के सिविल लाइन्स स्थित पार्टी कार्यालय में दोपहर करीब एक बजे से किया गया. शिविर का शुभारंभ पार्टी के ब्रज क्षेत्र के महामंत्री हेमंत जी, ब्रज क्षेत्र के चिकित्सा प्रकोष्ठ के सह संयोजक डा. प्रमेंद्र माहेश्वरी, भाजपा के महानगर अध्यक्ष डा. केएम अरोड़ा और कार्यक्रम संयोजक तृप्ति गुप्ता द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया.
इस मौके पर बड़ी तादाद में स्वास्थ्य स्वयंसेवक भी शामिल हुए. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डा. प्रमेंद्र माहेश्वरी थे.
महामंत्री हेमंत जी ने सभी स्वयंसेवकों को बताया कि किस तरह से कोरोना काल में पार्टी के कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों ने अपनी जान हथेली पर रखकर लोगों की सेवा की. उन्हें राशन, भोजन और दवाओं से लेकर जरूरत का हर सामान मुहैया कराया. उन्होंने कहा कि हमारे स्वयंसेवकों ने अपनी जान की परवाह न करते लोगों की मदद की. हममें से कई लोग ऐसे भी रहे जिन्होंने अपनों को खोया.
उस दौरान लोगों को जिस मुश्किल दौर का सामना करना पड़ा था वह स्थिति दोबारा उत्पन्न न हो इसलिए कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सरकार के स्तर पर तो तैयारियां की ही जा रही हैं, पार्टी के स्तर पर स्वास्थ्य स्वयंसेवकों को भी इसके लिए देश भर में पहले से ही तैयार किया जा रहा है ताकि इस भीषण त्रासदी की पुनरावृत्ति को रोका जा सकेगा. हमारे स्वयंसेवक शहर से लेकर गांव-गांव तक लोगों को इस महामारी से बचाने की दिशा में कार्य करेंगे, तभी इसे रोका जा सकेगा.
मुख्य वक्ता डा. प्रमेंद्र माहेश्वरी ने बताया कि जब कोरोना महामारी आई थी तो वह पूरी दुनिया के लिए नई बीमारी थी. डाक्टरों के साथ ही सरकारों के समक्ष भी यह बड़ी चुनौती थी क्योंकि इसकी कोई दवा नहीं थी और कोई वैक्सीन भी नहीं बन सकी थी. इन सब विपरीत परिस्थितियों के बावजूद केंद्र सरकार सहित योगी आदित्य नाथ सरकार ने युद्ध स्तर पर काम किया. जिस सरकारी सिस्टम को हम आए दिन कोसते रहते थे उसी सरकारी स्वास्थ्य सिस्टम ने दिन रात एक कर लोगों की जिंदगी बचाई. इतनी घनी आबादी वाला देश होने के बावजूद हम कोरोना से नुकसान को अन्य देशों की तुलना में कम करने में सफल हुए. हमने दो -दो वैक्सीन न सिर्फ बनाई बल्कि आज करोड़ों लोगों को लगाई भी जा चुकी है. यह सब उसी सरकारी सिस्टम की वजह से संभव हो पाया जिसे लोग अक्सर कोसते नजर आते हैं.
विपक्ष का काम ही कमियां निकालना होता है लेकिन किसी की आलोचना से हम काम करना नहीं छोड़ सकते. हमारे कार्यकर्ता भी इंसान ही हैं और उन्हें भी कोरोना का खतरा था, फिर भी वे अपनी जान हथेली पर रखकर लोगों की सेवा करते रहे और आगे भी करते रहेंगे. डा. प्रमेंद्र माहेश्वरी ने कहा कि सभी स्वास्थ्य स्वयंसेवकों की यह जिम्मेदारी होगी कि वे अपने क्षेत्र के लोगों को न सिर्फ जागरूक करें बल्कि जरूरत पड़ने पर उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं भी मुहैया कराएं. इसके लिए सीएचसी, पीएचसी के स्टाफ से लेकर सीएमओ तक के नंबर आपके पास होने चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर आप स्वयं लोगों को आवश्यक सहायता उपलब्ध करा सकें. सभी स्वयंसेवकों को संगठन की ओर से एक किट भी दी जाएगी जिससे वह मरीज का पल्स रेट, टेंप्रेचर आदि स्वयं ही चेक कर सकें. इसके लिए सभी को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. डा. प्रमेंद्र माहेश्वरी ने कहा कि आज भी कोई ऐसी दवा नहीं बन सकी है जिसे कहा जाए कि इस दवा को खाने से कोरोना का सौ फीसदी इलाज हो सकता है. सिर्फ पैरासिटामॉल ही एकमात्र दवा है जिसे उपचार के लिए लिया जा सकता है. इसके अलावा कुछ अन्य सहयोगी दवाओं के बारे में भी डा. प्रमेंद्र माहेश्वरी ने मौके पर मौजूद स्वास्थ्य स्वयंसेवकों को बताया.
स्वास्थ्य स्वयंसेवकों में महिला मोर्चा को शामिल करने के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए डा. प्रमेंद्र माहेश्वरी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी महिलाएं पुरुषों से अपनी समस्याएं साझा नहीं कर पातीं और चूंकि आधी आबादी महिलाओं की है इसलिए महिला मोर्चा की जिम्मेदारी भी अहम हो जाती है. महिलाओं को बेहतर तरीके से जागरूक करने का काम महिलाएं ही कर सकती हैं. उन्होंने स्वयंसेवकों को 24 घंटे हर तरह का सहयोग देने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि आप पूर्ण सेवाभाव से कार्य करें जहां कहीं भी किसी भी तरह की समस्या हो तो हम 24 घंटे आपके लिए उपलब्ध हैं. आपके साथ एक पूरा संगठन खड़ा है. सिर्फ भाजपा ही ऐसी पार्टी है जो इस दिशा में न सिर्फ सोच रही है बल्कि अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है.
महानगर अध्यक्ष डा. केएम अरोड़ा ने स्वयंसेवकों के कार्यों की सराहना करते हुए इसे एक सराहनीय पहल करार दिया. उन्होंने कहा कि जब अन्य दलों के लोग घरों में दुबके बैठे हुए थे तब भाजपा के कार्यकर्ता जान हथेली पर लेकर सड़कों पर लोगों की मदद कर रहे थे. हमारे कार्यकर्ताओं ने हमेशा खुद को सर्वश्रेष्ठ साबित किया है और एक बार फिर हमें खुद को साबित करना होगा. गांव गांव तक भाजपा के इस प्रयास को ले जाकर कोरोना महामारी को रोकना होगा.