नीरज सिसौदिया, बरेली
सियासत की जंग में जीत के लिए किसी भी पार्टी के लिए एकजुटता और समर्पित कार्यकर्ता की भूमिका सबसे अहम होती है. खासतौर पर जब पार्टी विपक्ष में होती है तो समर्पित कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है. अक्सर देखने को मिलता है कि टिकट की चाहत में नेताओं और कार्यकर्ताओं का पार्टी के प्रति समर्पण भाव हवा हो जाता है. ऐसे में गुटबाजी और नाराजगी का सिलसिला शुरू हो जाता है जो अंतत: पार्टी की हार की वजह बनता है. बात अगर बरेली शहर की करें तो यहां 124 शहर और 125 कैंट विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी में दावेदारों की भरमार है. कुछ दावेदार तो ऐसे हैं जिन्हें पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है. वह इस इंतजार में बैठे हैं कि पार्टी उन्हें टिकट देगी तब जाकर वे बिलों से बाहर निकलेंगे वरना जिसे टिकट मिलेगा उसे हराने का पुरजोर प्रयास करेंगे. वहीं कुछ दावेदार ऐसे हैं जो पार्टी से गद्दारी तो नहीं करना चाहते मगर पार्टी के लिए काम भी नहीं करना चाहते. वे भी टिकट का इंतजार कर रहे हैं. अगर पार्टी उन्हें टिकट देती है तो वे पार्टी के लिए काम करेंगे वरना नहीं करेंगे लेकिन कुछ दावेदार ऐसे भी हैं जो दावेदार बाद में हैं पहले पार्टी के वफादार हैं. वह पूरे तन, मन, धन से पार्टी के लिए समर्पित हैं. उनका सिर्फ एक ही मकसद है कि पार्टी की जीत कैसे सुनिश्चित हो? वह सिर्फ अपने लिए मेहनत नहीं कर रहे बल्कि पार्टी की जीत के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं. उन्हें यह मालूम है कि उनका पत्ता साफ हो सकता है और टिकट किसी को भी मिल सकता है लेकिन चुनाव से साल भर पहले से ही वे दावेदार पार्टी के प्रति समर्पण और सेवा भाव से अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं वह काबिले तारीफ है.
ऐसे दावेदारों में पहला नाम आता है पूर्व विधानसभा प्रत्याशी और 125 कैंट विधानसभा सीट से सपा के टिकट के प्रबल दावेदार इंजीनियर अनीस अहमद खान का. इंजीनियर अनीस अहमद खान पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने में तो सफल हुए ही हैं, वोट बनाने और घर-घर जाकर पोलिंग बूथ नंबर से भी मतादाताओं को रूबरू कराने का अपनी तरह का पहला अभियान लेकर आए हैं जो बरेली के इतिहास में पहले कोई भी लेकर नहीं आया. रोड शो से लेकर सरकार की नाकामियों को उजागर करने में भी वह लगातार सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव द्वारा किए गए कार्यों, नीतियों और भविष्य की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रपत्र और मतदाताओं को जागरूक करने के लिए वह स्टीकर भी बांट रहे हैं. हाल ही में उन्होंने सभी सभासदों, पूर्व सभासदों, पूर्व प्रत्याशियों, पार्टी पदाधिकारियों और विधानसभा के टिकट के दावेदारों को एक मंच पर लाकर पार्टी को मजबूती देने का प्रयास किया था. जिसमें वह एकजुटता का संदेश देने में सफल भी रहे.
पार्टी के प्रति समर्पित दावेदारों की सूची में दूसरा नाम आता है चार बार के पार्षद रहे अब्दुल कय्यूम मुन्ना का. अब्दुल कय्यूम मुन्ना ने 124 शहर विधानसभा सीट से टिकट के लिए दावेदारी की है. उनकी गिनती पार्टी के कद्दावर नेताओं में होती है मगर मुन्ना ने कभी इसका गुमान नहीं किया. हमेशा जमीन से जुड़े रहे और आज भी जमीनी स्तर पर पार्टी की मजबूती के लिए काम कर रहे हैं. यही वजह है कि सत्ता चाहे किसी की भी रही हो पर पार्षद का चुनाव सिर्फ मुन्ना ही जीतते आ रहे हैं. मुन्ना को मालूम है कि शहर विधानसभा सीट पर पार्टी ने कभी भी किसी भी मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतारा है और इस बार भी प्रबल संभावनाएं हैं कि इस सीट से किसी हिन्दू को ही मैदान में उतारा जाएगा. इसके बावजूद मुन्ना के प्रयासों में कोई कमी नहीं आई. वह लगातार पार्टी को मजबूती देने के लिए जनता के बीच जा रहे हैं. उन्हें समाजवादी पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
मुन्ना का स्पष्ट रूप से कहना है कि आगे बढ़ने की चाहत हर सियासतदान में होती है और मुझमें भी है. इसीलिए मैंने टिकट के लिए आवेदन भी किया है लेकिन पार्टी मुझे टिकट दे या किसी और को, मेरा मकसद पार्टी प्रत्याशी को जिताना है और माननीय अखिलेश यादव जी को मुख्यमंत्री बनवाना है. मैंने हमेशा पार्टी के लिए काम किया है और आगे भी करता रहूंगा.
इस श्रेणी में अगला नाम आता है पत्रकारिता से राजनीति में पदार्पण करने वाले डा. पवन सक्सेना का. पवन सक्सेना ने हाल ही में समाजवादी पार्टी ज्वाइन की है लेकिन पार्टी ज्वाइन करते ही जिस सेवा और समर्पण भाव से वह लगातार पार्टी को मजबूती देने का कार्य कर रहे हैं वह काबिले तारीफ है. पवन सक्सेना कैंट विधानसभा सीट से टिकट के प्रबल दावेदार हैं. कैंट सीट पर सपा की कमजोरियों को वह भली-भांति जानते हैं. वह जानते हैं कि सुभाष नगर और मढ़ीनाथ जैसे हिन्दू बाहुल्य इलाकों का वोट अगर पार्टी को मिल गया तो पार्टी की जीत सुनिश्चित है. यही वजह है कि वह लगातार इन क्षेत्रों में समाजवादी पार्टी को मजबूती देने की दिशा में काम कर रहे हैं.
साथ ही विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से भी हिन्दू वोटों को पार्टी के पक्ष में करने का प्रयास कर रहे हैं. पार्टी में शामिल होते ही वह कैंट विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले अपने कई हिन्दू साथियों को भी पार्टी में लेकर आए जिससे पार्टी के हिन्दू वोट बैंक में इजाफा हो सके. पवन सक्सेना जानते हैं कि कैंट विधानसभा सीट मुस्लिम बाहुल्य है और हिन्दू वोटों पर थोड़ा सा भी काम कर लिया जाए तो पार्टी को जीत मिल सकती है. यही वजह है कि उनका पूरा फोकस हिन्दू वोटों पर है.
इस कड़ी में अगला नाम कैंट विधानसभा सीट से टिकट के दावेदार और पार्टी के महानगर महासचिव गौरव सक्सेना का आता है. जोश से लबरेज युवा नेता गौरव सक्सेना छात्र राजनीति से संगठन की राजनीति में आए और वर्तमान में संगठन में महानगर महासचिव जैसे अहम पद की जिम्मेदारी निभाने के साथ ही कैंट विधानसभा सीट से दावेदारी भी कर चुके हैं.
गौरव सक्सेना के साथ बड़ी तादाद में युवाओं की टीम है और वह लगातार बूथ कमेटियां भी तैयार करने में जुटे हुए हैं. हाल ही में इंजीनियर अनीस अहमद खान की ओर से वोट बनवाने का जो विशेष अभियान शुरू किया गया उसके शुभारंभ के मौके पर गौरव सक्सेना भी पहुंचे और स्पष्ट रूप से एकजुटता का संदेश भी दिया. उन्होंने सार्वजनिक मंच से अपने कॉम्पिटिटर इंजीनियर अनीस अहमद के प्रयासों की न सिर्फ सराहना की बल्कि खुद पार्टी हित के इस कार्य में कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ने की बात भी कही.
पार्टी के प्रति समर्पित नेताओं की सूची नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष और पार्षद राजेश अग्रवाल के जिक्र के बिना पूरी हो ही नहीं सकती. राजेश अग्रवाल वह शख्सियत हैं जो कोरोना काल में लोगों के मददगार बने और आज भी अपने दम पर कोरोना से जंग लड़ रहे हैं. उनके इसी समर्पण की वजह से बरेली में कोरोना वैक्सीनेशन करवाने वालों में राजेश अग्रवाल नंबर वन बन चुके हैं. निजी स्तर पर राजेश अग्रवाल की यह उपलब्धि पार्टी के लिए फायदेमंद है. राजेश अग्रवाल शहर विधानसभा सीट से टिकट के प्रबल दावेदार हैं. हाल ही में इंजीनियर अनीस अहमद की ओर से आयोजित समारोह में राजेश अग्रवाल भी पहुंचे थे. उन्होंने मंच से जो बात कही वह निश्चित तौर पर पार्टी के हर कार्यकर्ता के लिए एक सीख थी. राजेश अग्रवाल ने एकजुटता का संदेश देते हुए स्पष्ट रूप से कहा था कि यह समय करो या मरो का है. हम एक नहीं हुए तो नुकसान पार्टी को उठाना होगा.
इसलिए निजी स्वार्थ को भूलकर पार्टी हित में कार्य करें. इस कार्यक्रम को सिर्फ इंजीनियर अनीस अहमद से जोड़ कर न देखें, पार्टी हित से जोड़कर देखें. पार्टी चाहे जिस किसी को भी टिकट दे उसे चुनाव लड़ाएं और पार्टी को जिताएं. राजेश अग्रवाल जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूती देने का काम कर रहे हैं.
कैंट और शहर विधानसभा सीट के सपा के इन समर्पित दावेदारों का समर्पण अन्य दावेदारों के लिए भी एक मिसाल है.
पार्टी के प्रति समर्पित दावेदारों में नूतन शर्मा का नाम भी शामिल है. नूतन शर्मा चूंकि जिला कमेटी में पदाधिकारी भी हैं और कैंट विधानसभा सीट से दावेदार भी हैं इसलिए उनकी दोहरी जिम्मेदारी बनती है. निजी स्तर पर वह लगातार पार्टी को मजबूती देने का काम कर रहे हैं. जनता के बीच पार्टी की नीतियों को पहुंचाने से लेकर वोट बनवाने तक में वह अहम योगदान दे रहे हैं.