शचींद्र श्रीवास्तव, प्रयागराज
प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले में देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं| इस बार का पहला शाही स्नान आस्था और श्रद्धा की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण रहा| इसमें जहां कई दिग्गज संतों ने हिस्सा लिया वहीं राष्ट्रीय सिख संगत के उत्तर क्षेत्र व यूूूूपी और उत्तराखंड के संगठन मंत्री सरदार जसबीर सिंह ने जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर पंचानंद गिरी के साथ शाही स्नान में हिस्सा लिया|
शाही स्नान एक निर्धारित विधि के अनुसार किया जाता है| इसमें सबसे आगे अखाड़े की ध्वजा, उसके बाद अखाड़े से संबंधित देवता की पालकी चलती है| जूना अखाड़े में इसके बाद सबसे पहले नागा साधुओं का दल जाता है, उसके पीछे जूना अखाड़े के अध्यक्ष अवधेशानंद गिरी जी और उसके बाद महामंडलेश्वर एवं अन्य संगत चलती है। सुबह 7:00 बजे अखाड़ा स्नान के लिए निकला और जसबीर सिंह अखाड़े के साथ ही आगे बढ़ते गए| पंचानंद गिरी जी के साथ रथ पर सवार होकर जसबीर सिंह और अन्य संगम की ओर बढ़े| 7:30 से 8:00 के बीच शाही स्नान संपन्न हुआ|
स्नान के बाद जसबीर सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि प्रयाग कुंभ में शाही स्नान करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । सुबह 2:30 बजे उठ कर महामंडलेश्वर पंचानंद गिरी जी के कैम्प में पहुंचे वहां से 4:00 बजे जूना अखाड़े के मुख्य स्थान पर गए।वहां जूना अखाड़े की शाही यात्रा की तैयारी चल रही थी ।लगभग 200 के करीब रथ सजे हुए थे जिन पर महा मंडलेश्वरों ने बैठना था। इस बरवकी विशेष बात ये रही कि जूना अखाड़ा में पहली बार एक वाल्मीकि स्वामी जी को महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान की गई तथा किन्नर अखाड़े को भी जूना अखाड़ा में समाहित किया गया।पहली बार किन्नरों के 11 रथ शाही स्नान में जूना अखाड़े के साथ चले।