हिमाचल

संवरने लगे हैं पहाड़ों के रास्ते, सपनों को राह दिखा रही विद्या भारती

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मनाली से लौटकर नीरज सिसौदिया की रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश के धरती पहाड़ी की नुहार बदलने लगी है। केंद्र सरकार के प्रयासों से पहाड़ों के पथरीली रास्ते अब संवरने लगे हैं| न सिर्फ सड़कें चौड़ी हो रही है बल्कि पहाड़ों का सीना चीर कर बनाई जा रही सुरंगों के कारण फासले भी कम होने लगे हैं| लेह लद्दाख तक फोरलेन सड़क बनाने का काम तेजी से चल रहा है| इस रास्ते में लगभग 200 से भी अधिक टनल बनाने की योजना है| सभी का काम शुरू हो चुका है। पर्यटन के लिहाज से सबसे अहम माने जाने वाली मनाली की बर्फीली वादियों और लेह लद्दाख का सफर अब और भी आसान हो जाएगा|

मंडी – कुल्लू मार्ग पर चल रहा टनल निर्माण कार्य

सुनियोजित विकास देखना है तो हिमाचल प्रदेश इसका जीता जागता उदाहरण पेश कर रहा है| पहाड़ की राहों पर चुनौतियों के पहाड़ कम होने लगे हैं| एक तरफ केंद्र और प्रदेश सरकारें पहाड़ों की रास्ते संवारने में लगी हुई हैं तो दूसरी ओर विद्या भारती हिमाचल प्रदेश के दुर्गम पहाड़ी एवं सुदूर वर्ती इलाके के बच्चों की जिंदगी संवारने का प्रयास कर रही है| यहां केलांग और चंबा के कुछ इलाके ऐसे हैं जो भारी बर्फबारी के कारण 6 महीने तक बंद रहते हैं और वहां तक पहुंचने के रास्ते भी बेहद दुर्गम हैं। वहां पर विद्या भारती स्कूल संचालित कर रही है। इन विद्यालयों में कई किलोमीटर दूर पैदल चलकर विद्यार्थी और शिक्षक पढ़ने एवं पढ़ाने आते हैं|

अनिला महाजन सरस्वती विद्या मन्दिर के बच्चों व टीचर्स के साथ राजिंदर जी और तिलकराज शर्मा.

विद्या भारती के हिमाचल प्रदेश के संगठन मंत्री तिलकराज शर्मा कहते हैं कि हमारा लक्ष्य दुर्गम पहाड़ी इलाकों के बच्चों को भी आधुनिक एवं संस्कार पूर्ण शिक्षा देने का है| वे आगे कहते हैं कि कई विद्यालय ऐसी जगहों पर स्थित है जहां विकास नहीं पहुंच पाया है| कुछ ग्रामीण इलाके ऐसे हैं जहां से विद्यालयों की दूरी 25 से 30 किलोमीटर भी है| कुछ दुर्गम पहाड़ी इलाकों के बच्चे स्कूल पहुंचने में असमर्थ हैॅ। ऐसी विपरीत परिस्थितियों का सामना करने वाले विद्यार्थियों को ध्यान में रखते हुए अब विद्या भारती आवासीय विद्यालय बढ़ाने के लिए प्रयासरत है| एक आवासीय विद्यालय चलाया जा रहा है और अन्य का निर्माण चल रहा है| वह बताते हैं कि ऐसे दुर्गम पहाड़ी इलाकों के हजारों बच्चों को मुफ्त शिक्षा भी दी जा रही है। कुछ विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेस भी चलाई जा रही हैं|
विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख राजेंद्र जी कहते हैं कि कुल्लू जिले में कई दुर्गम इलाकों के साथ ही शहरों में भी विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं| इन इलाकों में बाल संस्कार केंद्र भी चलाए जा रहे हैं| वे कहते हैं कि हमारा उद्देश्य सिर्फ बच्चों को शिक्षित करना ही नहीं बल्कि उन्हें संस्कारों के साथ इस प्रकार सुशिक्षित करना है ताकि वह समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन सकें| वह कहते हैं कि विद्या भारती सिर्फ बच्चों को शिक्षा ही नहीं देती बल्कि अभिभावकों को भी शिक्षा के प्रति जागरूक किया जा रहा है|
उन्होंने कहा कि पहाड़ की दुश्वारियां कम नहीं हैं ऐसे में शिक्षा के समक्ष भी कई चुनौतियां हैं जिन्हें दूर करने का सार्थक प्रयास विद्या भारती कर रही है| कई विद्यालय सफलतापूर्वक संचालित किए जा रहे हैं और कुछ विद्यालय निर्माणाधीन है|
बहर हाल हिमाचल प्रदेश की तस्वीर बदल रही है और तकदीर संवर रही है| पहाड़ की राह में सबसे बड़ी चुनौती रास्ते की थी| मगर अब यह चुनौती धीरे-धीरे खत्म होती नजर आ रही है| सड़कों का सफर चलता रहा तो जिंदगी का सफर और भी आसान हो जाएगा| हाईवे सुधरने लगे हैं मगर अभी अंदरूनी इलाकों की दशा सुधारने की जरूरत है| विकास का एक सफर शुरू हो चुका है लेकिन मंजिल अभी दूर है।

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