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बेबसों की मुश्किलें कर रहे आसान, मंदिर हो या सियासत का मैदान, हर जगह बना रहे अलग पहचान, जानिये किस रणनीति पर आगे बढ़ रहे हैं अतुल कपूर?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
थोड़े ही समय में राजनीति के नए आयाम गढ़ने वाले पूर्व उपसभापति और भाजपा पार्षद अतुल कपूर किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. शहर विधानसभा के चप्पे-चप्पे पर लगे होर्डिंग, पोस्टर और बैनर वैसे तो पहले से ही उनकी सशक्त मौजूदगी का अहसास करा रहे थे मगर अब जिस तेजी से वह बेबस लोगों की शिकायतें सुनने और उनका निवारण करने में लगे हैं उससे उन्होंने आम जनता के दिलों में अपनी अलग पहचान बना ली है. कुछ दिन पूर्व जब एक पटरी दुकानदार का निधन हुआ था तो वह अतुल कपूर ही थे जो उस दुकानदार की बेबस बेटी और पटरी दुकानदारों की आवाज बुलंद करते नजर आए थे. इतना ही नहीं वह जहां लगातार जनता की समस्याएं सुन रहे हैं वहीं उनके निवारण में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं. फिर चाहे वह शहर विधानसभा क्षेत्र हो या कैंट विधानसभा क्षेत्र.
जमीनी स्तर पर पार्टी की मजबूती के लिए पूरी तन्मयता से काम कर रहे अतुल कपूर संगठन और साथी पार्षदों में भी पैठ बनाने में सफल साबित हो रहे हैं. इसकी बानगी उस वक्त देखने को मिली जब बड़ी तादाद में साथी पार्षद उनके नवनिर्मित कार्यालय में एकत्र हुए. अतुल कपूर के कार्यालय में साथी पार्षदों की मौजूदगी स्पष्ट रूप से उनकी लोकप्रियता और व्यवहार कुशलता की गवाही दे रही थी.


सामाजिक कार्यों में भी अतुल कपूर बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. अच्छे कार्य करने वालों को प्रोत्साहित करने की दिशा में भी वह सबसे आगे नजर आते हैं. इसकी बानगी हाल ही में बटलर प्लाजा में आईएमए ब्लड बैंक की ओर से आयोजित रक्तदान शिविर में देखने को मिली. उक्त शिविर में अतुल कपूर बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल हुए. उन्होंने रक्तदाताओं के इस सेवा कार्य की सराहना की. साथ ही युवाओं से रक्तदान की अपील भी की.


अतुल कपूर सिर्फ सामाजिक कार्यों भी ही नहीं बल्कि धार्मिक आयोजनों में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं. रामलीला में तो उनका अहम योगदान रहता ही है, गणेश चतुर्थी पर भी वह जगह-जगह आयोजित कार्यक्रमों में शामिल हुए. चतुर्थ गणेश उत्सव यात्रा में पूर्व उप सभापति अतुल कपूर भी शामिल हुए.


इन सब आयोजनों के बावजूद संगठन के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाना और प्रशिक्षण वर्ग का लाभ लेना वह बिल्कुल नहीं भूले. हाल ही में वह भाजपा के नवीन विस्तारक प्रशिक्षण वर्ग में शामिल हुए जिसमें भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक और प्रदेश मंत्री अर्चना मिश्रा ने भाजपा नेताओं का मार्गदर्शन किया.


बूथ सत्यापन अधिकारी के रूप में वह अपनी जिम्मेदारियों को बाखूबी अंजाम दे रहे हैं.
बहरहाल, अतुल कपूर एक सुनियोजित रणनीति के तहत विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी सियासी जमीन तैयार करने में जुटे हुए हैं. जो न सिर्फ अतुल कपूर के सियासी भविष्य के लिए फायदेमंद है बल्कि पार्टी को भी मजबूत करने में उल्लेखनीय भूमिका निभाएगी. अतुल कपूर जिस तेजी के साथ जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करते जा रहे हैं उससे 124 शहर विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट के लिए उनकी दावेदारी और मजबूत होती नजर आ रही है.

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