नीरज सिसौदिया, बरेली
समाजवादी पार्टी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के सम्मेलन में बरेली पहुंचे पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राजपाल कश्यप जमीनी हकीकत से बेखबर नजर आए. पत्रकारों के सवालों का सटीक जवाब देने की बजाय वह गोलमोल जवाब देकर पीछा छुड़ाते दिखे. बरेली में गुटबाजी और बहेड़ी में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा पूर्व मंत्री अता उर रहमान को भू माफिया बताने के सवाल पर राजपाल कश्यप भाजपा नेताओं को भूमाफिया और अपराधी बताने लगे.

दरअसल, पत्रकारों के साथ बातचीत में समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष और एमएलसी राजपाल कश्यप ने कहा कि प्रदेश की जनता का रुझान समाजवादी पार्टी की ओर है और जनता अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहती है. जब उनसे पूछा गया कि बरेली में समाजवादी पार्टी कई गुटों में बंटी हुई है. जिला अध्यक्ष का अलग गुट है, नेताओं का अलग गुट है, ऐसे में पार्टी कैसे विधानसभा चुनाव जीते तो राजपाल कश्यप बोले कि पार्टी हर हाल में चुनाव जीतेगी. पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है. जब उनसे पूछा गया कि पूर्व मंत्री अता उर रहमान और बहेड़ी के सपा नेता नसीम अहमद के बीच 36 का आंकड़ा चल रहा है. पार्टी के ही लोगों द्वारा अता उर रहमान को भूमाफिया बताया जा रहा है, क्या आपराधिक छवि वाले नेताओं को पार्टी टिकट देगी तो राजपाल कश्यप इसका सही तरीके से जवाब नहीं दे सके. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी में कोई भूमाफिया नहीं है. भूमाफिया और अपराधी सब भारतीय जनता पार्टी में हैं. अखिलेश यादव का काम बोल रहा है और योगी आदित्य नाथ के कारनामे बोल रहे हैं. आज गरीब, किसान, महिलाओं का उत्पीड़न बढ़ा है.
इससे पहले पूर्व मंत्री अता उर रहमान, पूर्व विधायक छोटे लाल गंगवार, साधना मिश्रा, जिला अध्यक्ष अगम मौर्य, महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरन कश्यप, सपा नेता कमल साहू, संजीव सक्सेना आदि नेताओं की मौजूदगी में राजपाल कश्यप का भव्य स्वागत किया गया.
पूर्व ब्लॉक प्रमुख और छुटभैये नेता मंच पर, महिला राष्ट्रीय सचिव और महिला जिला अध्यक्ष के लिए मंच पर जगह नहीं
समाजवादी पार्टी भले ही महिलाओं सम्मान का ढिंढोरा पीटती नजर आती हो मगर पार्टी नेताओं के दिल में महिलाओं के प्रति कितना सम्मान है इसका नमूना आज पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के सम्मेलन में देखने को मिला. जहां पूर्व ब्लॉक प्रमुख, जिला एवं महानगर अध्यक्ष, नगर निगम में विपक्ष के नेता, पूर्व जिला पंचायत सदस्य तो मंच पर विराजमान रहे मगर महिला सभा की राष्ट्रीय सचिव नीरज तिवारी और महिला जिला अध्यक्ष को मंच पर जगह नहीं दी गई जबकि पूर्व मंत्री साधना मिश्रा मंच पर जरूर नजर आईं.

अब ऐसा गुटबाजी के चलते हुआ या किसी अन्य कारण से यह तो पार्टी के नेता ही जानें मगर महिला सभा की राष्ट्रीय सचिव और जिला अध्यक्ष को मंच पर बैठने लायक भी न समझना कहीं न कहीं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्णय का भी अपमान है. हैरानी की बात है कि अखिलेश यादव जिन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष जैसे सम्मानित पदों की जिम्मेदारी सौंपते हैं उन्हें पार्टी नेता मंच पर जगह देने लायक भी नहीं समझते. इसी तरह राजपाल कश्यप के बगल वाली सीट पर जहां महानगर अध्यक्ष को जगह मिलनी चाहिए थी वहां पूर्व मंत्री अता उर रहमान को बिठाने का निर्णय थोड़ा हैरान करने वाला था.
ऐ… ऐ… हट… हट…
कार्यक्रम में अपने नेताओं के समर्थन में पहुंची भीड़ का आलम यह था कि जिला अध्यक्ष अगम मौर्या सारी मर्यादाएं भूलकर ऐ… ऐ…हट…हट… करते नजर आए.

अगम मौर्य का यही रवैया उस दिन भी देखने को मिला था जिस दिन राजेंद्र चौधरी उत्तराखंड जाते वक्त रास्ते में नसीम अहमद के सतरंग रेस्टोरेन्ट पर पहुंचे थे.