यूपी

अतुल कपूर की तैयारी पड़ी भारी तो पंजाबी महासभा के साथ दिखे राहुल जौहरी, क्या ऐसे बहल जाएगा पंजाबी खत्री समाज?

Share now

नीरज सिसौदिया, बरेली
सियासत और समाजसेवा का नाता बहुत गहरा होता है लेकिन हमारे सियासतदान चुनावी मौसम में ही समाजसेवा का दंभ भरते नजर आते हैं. कुछ सियासतदान तो ऐसे होते हैं जो पूरे पांच साल कहीं नजर ही नहीं आते लेकिन जब मौसम चुनाव का आता है तो शहर के हर छोटे-बड़े समाजसेवी संगठनों के दरवाजों पर दस्तक देना शुरू कर देते हैं. समाजसेवी संगठन भी उन नेताओं को किसी सुपर हीरो की तरह प्रस्तुत करते नजर आते हैं. ऐसा ही कुछ इन दिनों भारतीय जनता पार्टी से शहर विधानसभा सीट से टिकट के दावेदारों में शुमार और पूर्व मंत्री दिनेश जौहरी के सुपुत्र राहुल जौहरी कर रहे हैं. हाल ही में वह पंजाबी महासभा की ओर से पिछले लंबे समय से किए जा रहे भोजन वितरण कार्यक्रम में जरूरतमंदों को भोजन वितरित करते नजर आए. इसके बाद से ही सियासी गलियारों में चर्चा का बाजार गर्म हो गया है.
दरअसल, खत्री पंजाबी समाज के उभरते हुए नेता और पूर्व उप सभापति अतुल कपूर पिछले लगभग तीन साल से भी अधिक समय से जनता के बीच जाकर सेवा कार्यों में जुटे हुए हैं. कोरोना काल में भोजन और राशन वितरण से लेकर, पटरी दुकानदारों और व्यापारियों के हक की आवाज भी वह बुलंद करते रहे हैं. वहीं कोरोना काल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से प्रवासी मजदूरों के लिए किए गए सेवा कार्यों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते नजर आए थे. जब-जब किसी गरीब के साथ अत्याचार हुआ तो अतुल कपूर पुलिस थानों की दूरी मापने से भी पीछे नहीं हटे. इतना ही नहीं जाम हो चुकी नालियों की शिकायतों का त्वरित निपटारा भी  कराते रहे हैं, साथ ही घनी आबादी के बीच स्थित 70 साल पुराने डलाव घर से जनता को निजात दिलाने का भी कार्य किया.

70 साल पुराना डलावघर अतुल कपूर के प्रयासों के बाद घनी आबादी के बीच से हट पाया

संगठन के कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के चलते वह आला नेताओं के बीच भी अपनी अलग पहचान स्थापित कर चुके हैं. वह न सिर्फ शहर विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट के प्रबल दावेदार हैं बल्कि प्रत्येक दावेदार से ज्यादा सक्रिय भी हैं. खत्री पंजाबी समाज से ताल्लुक़ रखने के कारण वह अपने समाज के हक की आवाज भी बुलंद कर रहे हैं और इसी आधार पर टिकट की मांग भी कर रहे हैं. अतुल कपूर ने अपनी मेहनत के दम पर आज बरेली की सियासत में अपनी अलग पहचान स्थापित कर ली है. चूंकि बरेली में खत्री पंजाबी समाज के स्व. रामसिंह खन्ना विधायक भी रहे और मंत्री भी रहे थे. राजनीति में उनका एक अलग मुकाम हुआ करता था लेकिन भाजपा ने कभी इस समाज को बरेली शहर या कैंट ही नहीं बल्कि जिले की किसी भी सीट से प्रतिनिधित्व नहीं दिया. यही वजह है कि अब अतुल कपूर अपने समाज का प्रमुख चेहरा बनने के बाद टिकट का दावा करने लगे हैं. चूंकि खत्री पंजाबी समाज शहर विधानसभा सीट पर निर्णायक भूमिका में है इसलिए पार्टी भी उनके दावे पर गंभीरता से विचार करने लगी है. अतुल कपूर की किलेबंदी देख भाजपा के इंपोर्टेड दावेदार राहुल जौहरी की धड़कनें बढ़ गईं. अब तक समाजसेवा से दूरी बनाकर रखने वाले राहुल जौहरी को अचानक से समाजसेवा की याद आ गई. ऐसे में वह पहुंच गए पंजाबी महासभा के मंच पर और जो सेवा कार्य पंजाबी महासभा वर्षों से करती आ रही है उसमें फोटो खिंचवाकर चलते बने. अब सवाल यह उठता है कि क्या खत्री पंजाबी समाज राहुल जौहरी के इस सियासी दांव को नहीं समझ पाएगा? क्या समाज के लोग यह नहीं समझ पाएंगे कि राहुल जौहरी सिर्फ चुनावी सीजन में खुद को प्रोजेक्ट करने के लिए विभिन्न समाजसेवी संगठनों के मंच का इस्तेमाल कर रहे हैं? हालांकि राहुल जौहरी इस दांव को भले ही अपनी उपलब्धि के तौर पर देख रहे हों मगर असल में यह उपलब्धि पूर्व उपसभापति और भाजपा पार्षद अतुल कपूर की है. यह अतुल कपूर की मेहनत का ही नतीजा है कि आज खत्री पंजाबी समाज काफी हद तक एकजुट नजर आ रहा है और दूसरे समाज के सियासतदान भी इस समाज की ओर आकर्षित होने लगे हैं. बहरहाल, अतुल की मेहनत रंग लाने लगी है. जमीनी स्तर पर किए जा रहे उनके सेवा कार्य और अपने समाज के प्रति समर्पण के भाव ने खत्री पंजाबी समाज को आज इस मुकाम तक पहुंचाने में कामयाबी हासिल कर ली है कि चुनावी मौसम में उनके समाज को भी पूरी तवज्जो दी जा रही है. संभव है कि खत्री पंजाबी समाज का प्रतिनिधि एक बार फिर उसी सियासी बुलंदी को हासिल कर सकेगा जिस पर कभी स्व. राम सिंह खन्ना जैसे नेता विराजमान हुआ करते थे.

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *