नीरज सिसौदिया, बरेली
भोजीपुरा विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के टिकट के लिए सियासी घमासान और तेज हो गया है। एक तरफ जहां मेवाती समाज के नेता हाजी तसव्वर खां की दमदार दावेदारी ने पूर्व मंत्री और टिकट के प्रबल दावेदार शहजिल इस्लाम की नाक में दम कर रखा है वहीं अब उनके चचेरे चाचा अखलाक अहमद ने भी इस सीट पर ताल ठोक दी है। अखलाक अहमद के ठोकने के बाद शहजिल इस्लाम का पत्ता साफ होने का रास्ता साफ हो गया है। क्योंकि अब तक पार्टी आलाकमान इस पसोपेश में था कि अगर शहजिल का पत्ता साफ करते हैं तो जिले की अन्य सीटों पर अंसारी समाज का वोट प्रभावित हो सकता है लेकिन पिछले दिनों अखलाक अहमद ने सभी को चौंकाते हुए समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। इसके बाद टिकट की दावेदारी भी ठोक दी। ऐसे में यह स्पष्ट हो गया है कि अंसारी समाज पर अब शहजिल इस्लाम का वह दबदबा नहीं रहा जो पहले कभी हुआ करता था। अंसारी समाज का एक बड़ा वोट बैंक उनके रिश्ते के चाचा अखलाक अहमद के साथ भी जुड़ा है। अब चूंकि शहजिल इस्लाम और अखलाक अहमद के परिवार में लंबे समय से दूरियां चल रही हैं, ऐसे में शहजिल इस्लाम अंसारी वोटों को प्रभावित नहीं कर पाएंगे। अखलाक अहमद वही शख्स हैं जो कभी बसपा में हुआ करते थे और वर्ष 2012 में शहजिल इस्लाम का टिकट कटवाकर खुद बसपा से चुनाव लड़े थे।
बहरहाल, हाजी तसव्वर खां की लोकप्रियता से घबराये शहजिल इस्लाम के सामने अब सपनों से भी संग्राम की चुनौती खड़ी हो गई है। क्षेत्र की जनता पहले से ही उनके विरोध में एकजुट है। ऐसे में अब उनका बिरादरी वाला दांव भी हाईकमान के दरबार में नहीं चलने वाला।
टिकट की इस लड़ाई में बाजी कौन मारता है यह तो आने वाला वक्त ही तय करेगा।