नीरज सिसौदिया, बरेली
सुभाष नगर, मढ़ीनाथ, नेकपुर सहित कई इलाकों के लोगों को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए मेयर उमेश गौतम की ओर से शुरू किए गए महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में अधिकारियों की लापरवाही खुलकर सामने आ गई है। अधिकारियों की लापरवाही का नमूना आज उस वक्त देखने को मिला जब मेया डा. उमेश गौतम करगैना मे निर्माणाधीन नाले का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों की लापरवाही का आलम देख मेयर भड़क गए और मौके पर मौजूद अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। साथ ही पूरी सजगता के साथ नाला निर्माण करने के निर्देश दिए। उन्होंने लापरवाह अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
दरअसल, बदायूं रोड पर जिस नाले का निर्माण किया जा रहा है उसके बनने के बाद सुभाष नगर, मढ़ीनाथ, नेकपुर व आसपास के इलाकों में जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान हो जाएगा।
इस नाले का निर्माण पूर्ववर्ती मेयर ने भी कराया था लेकिन उनकी अदूरदर्शिता के चलते हमेशा इस नाले को कई हिस्सों में अलग-अलग ठेकेदारों से बनवाया जाता रहा। इसका नतीजा यह हुआ कि नाले का लेवल कभी मिल नहीं पाया और जलभराव की समस्या के समाधान के नाम पर खर्च किए गए करोड़ों रुपये पानी में बह गए। मेयर उमेश गौतम ने जब जलभराव की समस्या पर गहनता से मंथन किया तो नाले की खामियां सामने आईं। इसके बाद उन्होंने एक ही कार्यदायी संस्था को इस नाले के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी ताकि इसकी लेवलिंग में कोई दिक्कत न हो और लोगों की समस्या का स्थाई समाधान हो सके। इसके बाद इस पर युद्ध स्तर पर काम शुरू हुआ लेकिन अधिकारी फिर लापरवाह हो गए। इसकी सूचना जब मेयर डा. उमेश गौतम को मिली तो उन्होंने मौके का औचक निरीक्षण किया।
मेयर को देखते ही अधिकारियों के होश उड़ गए। मेयर ने देखा कि मौके पर नाले का लेवल चेक करने के लिए लेवलर ही नहीं था। सरिया चेक करने के लिए गेज भी नहीं था। नाला टेढ़ा-मेढ़ा बन रहा था। इस पर मेयर ने सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि नाला एकदम सीधा और लेवल में बनाया जाए। साथ ही जांच के सभी प्रकार के उपकरण हर वक्त साइट पर मौजूद रहें।