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अतुल कपूर ने समझा था पटरी कारोबारी का दर्द, दिलाया था सामान, नहीं समझे अफसर तो गरीब को गंवानी पड़ी जान, अनाथ बेटी की करेंगे मदद

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नीरज सिसौदिया, बरेली
नगर निगम के अधिकारियों की मनमानी ने एक पटरी कारोबारी की सांसें छीन लीं और एक बेटी को अनाथ कर दिया. पटरी कारोबारियों की फरियाद सुनने के बाद बेबस बेटी की तकदीर संवारने और पटरी कारोबारी को इंसाफ दिलाने के लिए पूर्व उप सभापति और शहर विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट के प्रबल दावेदार अतुल कपूर आगे आए हैं. उन्होंने मामले को पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद संतोष गंगवार, मेयर डा. उमेश गौतम, विधायक डा. अरुण कुमार और नगर आयुक्त के समक्ष उठाने व मृत कारोबारी की अनाथ बेटी की आजीविका के लिए हर संभव मदद दिलाने का भरोसा दिलाया है.

बता दें कि पिछले दिनों नगर निगम की टीम ने कुतुबखाना घंटा घर सहित अन्य स्थानों पर अभियान चलाकर पटरी कारोबारियों का सामान जब्त किया था. इस पर सभ पटरी कारोबारी पूर्व उप सभापति अतुल कपूर के पास पहुंचे और उनसे सामान वापस दिलाने की गुहार लगाई. इनमें बिहारीपुर निवासी पटरी कारोबारी राजकुमार गुप्ता भी थे. उस वक्त अतुल कपूर ने नगर आयुक्त से बात कर पटरी कारोबारियों को उजाड़ने की जगह बसाने को कहा और सभी का सामान वापस कराया. इसके तीन-चार दिन बाद निगम की टीम के फिर से अतिक्रमण हटाने पहुंचने की सूचना मिली. सूचना मिलते ही राजकुमार गुप्ता घबरा गए और उन्हें दिल का दौरा पड़ गया. राजकुमार गुप्ता दिल का दौरा बर्दाश्त नहीं कर सके और दम तोड़ दिया. उनके परिवार में एक 23 साल की पुत्री है.

राजकुमार की मौत से बेबस बेटी का रो-रो कर बुरा हाल है और रेहड़ी पटरी कारोबारियों में रोष व्याप्त है. उनका कहना था कि एक तरफ सरकार ने हमें कोरोना काल के संकट से उबारने के लिए दस-दस हजार रुपये का कर्ज दिया वहीं दूसरी ओर ये निगम के अधिकारी आए दिन अतिक्रमण के नाम पर हमें उजाड़ रहे हैं. ऐसे में परिवार का पेट भरना भी मुश्किल हो रहा है.

कारोबारी के अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे पूर्व उप सभापति और भाजपा पार्षद अतुल कपूर को पटरी कारोबारियों ने जब सारी बात बताई तो उन्होंने भरोसा दिलाया कि वह गरीबों और बेबसों के हक की लड़ाई आखिरी सांस तक लड़ेंगे. अनाथ बेटी मेघा गुप्ता की आजीविका के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री, मेयर, विधायक और नगर आयुक्त से बात करेंगे. साथ ही यह भी प्रयास करेंगे कि किसी भी पटरी कारोबारी को परेशान न किया जाए. उनसे रोजी रोटी कमाने का साधन न छीना जाए.

बता दें कि अतुल कपूर हमेशा से ही गरीबों के हक की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं. वह पहले भी कई बार पटरी और रेहड़ी वालों का जब्त किया गया सामान नगर निगम से वापस दिला चुके हैं. अब वह इस समस्या के स्थायी समाधान का प्रयास कर रहे हैं.

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