नीरज सिसौदिया, बरेली
बरेली मंडल की चार आरक्षित सीटों में से कम से कम एक सीट पर समाजवादी पार्टी हर बार धोबी समाज को प्रतिनिधित्व के खाते में जाती रही है। यही वजह है कि इस बार भी इन चारों ही सीटों पर धोबी समाज पुरजोर तरीके से अपने समाज को टिकट देने की मांग उठा रहा है। अब देखना यह है कि इस बार यह सीट बरेली जिले के खाते में आती है या अब भी किसी बाहरी जिले को तवज्जो दी जाती है।
बता दें कि बरेली मंडल में बदायूं जिले की बिसौली, शाहजहांपुर जिले की पुवायां, पीलीभीत जिले की पूरनपुर और बरेली जिले की फरीदपुर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई है। इनमें फरीदपुर और बिसौली से ज्यादातर जाटव समाज को ही प्रतिनिधित्व दिया गया है जबकि पुवायां से धानुक समाज के मिथिलेश कुमार और उनकी पत्नी शकुंतला को समाजवादी पार्टी मैदान में उतारती रही है। मिथिलेश कुमार सांसद भी रह चुके हैं। मिथिलेश कुमार अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं। ऐसे में वहां से धोबी समाज के उपेंद्र कुमार प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। ठीक इसी तरह फरीदपुर सीट से भी इस बार वैसे तो धोबी समाज के कई चेहरे टिकट मांग रहे हैं। इनमें रिटायर्ड फौजी विजेंद्र माथुर, मीरगंज के पूर्व ब्लॉक प्रमुख ओमप्रकाश दिवाकर और सपा के जिला सचिव जयप्रकाश भास्कर धोबी शामिल हैं। इनमें जयप्रकाश भास्कर धोबी सबसे प्रबल दावेदार हैं। अपने समाज के विकास के लिए जयप्रकाश लगातार प्रयासरत रहे हैं। यही वजह है कि उनका दबदबा सिर्फ फरीदपुर विधानसभा सीट पर ही नहीं बल्कि जिले की अन्य सीटों पर भी देखने को मिलता है। हालांकि, इस सीट से माना जा रहा है कि ब्रह्मस्वरूप सागर को पहले ही हरी झंडी दी जा चुकी है लेकिन धोबी समाज की ओर से उठ रही मांग को देखते हुए जयप्रकाश की दावेदारी पर भी विचार करने की प्रबल संभावनाएं दिख रही हैं।
बता दें कि फरीदपुर सीट से सिर्फ एक बार समाजवादी पार्टी ने धोबी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले नंदराम को वर्ष 1996 में मैदान में उतारा था। नंदराम दो बार भाजपा से भी विधायक रहे थे। इसके अलावा सपा ने यहां से हमेशा जाटव समाज को ही प्रतिनिधित्व दिया है क्योंकि जाटव बसपा का वोट बैंक रहा है और जाटव के सहारे दलित समाज को साधने की कोशिश सपा करती रही है।
इसके अलावा पीलीभीत जिले की पूरनपुर सीट ऐसी है जहां से सपा ने धोबी समाज के पीतमराम को प्रतिनिधित्व दिया था। पीतमराम विधायक भी रह चुके हैं। वह इस बार भी टिकट की दौड़ में सबसे आगे खड़े नजर आ रहे हैं लेकिन उनकी उम्र काफी होने की वजह से माना जा रहा है कि उनका टिकट काटा जा सकता है और धोबी समाज को मंडल की किसी अन्य सीट पर प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है।
Facebook Comments