संवाददाता, नई दिल्ली
पिछले विधानसभा चुनाव के उपरांत बंगाल में घटित हिंसा की घटना के अनुसंधान के दौरान तथ्यहीन पाए जाने की जानकारी को देश की जांच एजेंसी सीबीआई ने सिरे से नकार दिया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल बंगाल में आयोजित विधानसभा के परिणाम घोषित होने के बाद घटित हिंसा की घटनाओं के परिपेक्ष में मानवाधिकार आयोग की ओर से की गई सिफारिश पर सीबीआई ने 21 मामले दर्ज किए थे। इस मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मानवाधिकार आयोग को इन मामलों की जांच करने का आदेश पारित किया था। मानवाधिकार आयोग की सिफारिश पर बाद में सीबीआई ने इस मामले में मुकदमा दर्ज किया था।
इस बाबत कुछ मीडिया संस्थानों की ओर प्रकाशित खबरों में कहा गया था कि एजेंसी को जांच के दौरान इन मामलों में कुछ भी हाथ नहीं लग पाया। सीबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पिछले तीन व चार जनवरी को कुछ मीडिया संस्थानों की ओर से प्रकाशित खबरों में कहा गया है कि उक्त मामलों में एजेंसी को सबूत के रूप में कुछ भी हासिल नहीं हुआ। काबिलेजिक्र है कि इन 21 मामलों में हत्या, बलात्कार व बलात्कार के प्रयास जैसे जघन्य घटनाओं की चर्चा की गई है।
सीबीआई ने आगे अपने बयान में कहा है कि पिछले साल 22 दिसंबर तक एजेंसी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से यौन अपराध के 29 मामले अग्रसारित किए गए। इन मामलों में से दो मामलों को सीबीआई द्वारा कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर राज्य में गठित विशेष जांच टीम को सौंप दिया गया।
उल्लेखनीय है कि राज्य पुलिस ने उच्च न्यायालय के निर्देश पर 64 मामलों को सीबीआई के हवाले किया था। इनमें से 39 मामलों में सीबीआई ने नियमित केस दर्ज किया। चार मामलों में भी अभी प्राथमिकी दर्ज किए जाने की प्रक्रिया की जांच चल रही है जबकि 21 मामलों को उच्च न्यायालय की संपुष्टि पर राज्य पुलिस के हवाले कर दिया गया।