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प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक पर दो धरे में बंटी कांग्रेस

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एमके प्रमोद

नई दिल्लीः पंजाब के फिरोजपुर में एक रैली को संबोधित करने गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक पर कांग्रेसी नेताओं ने अलग-अलग रुख अख्तियार कर लिया है। एक ओर जहां सुबे के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी इसे कोई चूक नहीं मानने को तैयार नहीं हैं तो दूसरी तरफ पंजाब के कांग्रेसी नेताओं के सुर चन्नी के विपरित निकल रहे हैं। कई वरिष्ठ नेता इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण और पंजाबियत के खिलाफ मानते हैं। उल्लेखनीय है कि इन नेताओं में पंजाब के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ और राज्यसभा सांसद मनीष तिवारी के नाम शुमार हैं।

इस बीच इस मुद्दे पर कांग्रेस व भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। लेकिन इस मुद्दे पर कांग्रेस के अलग-अलग राय आने वाले दिनों में पार्टी की मुश्किल बढ़ा सकती है।

मनीष तिवारी ने ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए इस पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश से कराने की मांग की है। तिवारी ने ट्वीट किया है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक का मामला दुर्भाग्यपूर्ण था। ऐसा नहीं होना चाहिए था। वह बेहद बारीकी से पूरे विवाद को देख रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, ”प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर संसद में एक कानून बना है, जिसे एसपीजी एक्ट कहा जाता है। 2019 में इस एक्ट में संशोधन किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक एक संवेदनशील मामला है। इसे राजनीतिक फुटबॉल नहीं बनाना चाहिए। सही तथ्यों को सामने लाने के लिए हाईकोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश से मामले की जांच करानी चाहिए।”

तिवारी की यह टिप्पणी उस वक्त आई है, जब पंजाब सरकार ने इस मामले की जांच के लिए न्यायमूर्ति (सेवानितृत्त) महताब सिंह गिल और अनुराग वर्मा की समिति बना दी है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले पार्टी नेता सुनील जाखड़ भी इस मुद्दे पर चन्नी सरकार को घेर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि पंजाब में जो कुछ हुआ, वह स्वीकार्य नहीं है। प्रधानमंत्री को रैली स्थल तक पहुंचने के लिए सुरक्षित रास्ता दिया जाना चाहिए था।

सुनील जाखड़ ने बुधवार को यहां तक कह दिया था कि घटना पंजाबियत के खिलाफ है। फिरोजपुर की रैली के लिए प्रधानमंत्री को सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा था, ”आज जो हुआ, वह अस्वीकार्य है। यह पंजाबियत के खिलाफ है। देश के प्रधानमंत्री को फिरोजपुर में भाजपा की रैली को संबोधित करने के लिए सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराया जाना चाहिए था। इसी तरह लोकतंत्र कार्य करता है।”

इसके उलट प्रधानमंत्री के पंजाब दौरे के दौरान ”सुरक्षा चूक” को लेकर भाजपा की आलोचना का सामना कर रहे मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी की ”जान को खतरे की नौटंकी” का उद्देश्य राज्य में ”लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकार को गिराने” का है। चन्नी ने कहा कि प्रधानमंत्री देश के एक सम्मानित नेता हैं, लेकिन उनके कद के नेता को इस तरह की ”घटिया नौटंकी” में शामिल होना शोभा नहीं देता।

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि मोदी की जान को कोई खतरा नहीं था, बल्कि फिरोजपुर में भाजपा की रैली में लोगों की संख्या कम होने के कारण उन्होंने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया। उन्होंने कहा कि रैली स्थल पर खाली कुर्सियों के कारण प्रधानमंत्री “सुरक्षा खतरे के तुच्छ कारण” का हवाला देते हुए राष्ट्रीय राजधानी वापस चले गए। चन्नी ने आरोप लगाया कि जिस “झूठे बहाने” पर प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा रद्द की, वह ”पंजाब को बदनाम करने और राज्य में लोकतंत्र की हत्या करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है जैसा कि पूर्व में जम्मू कश्मीर में किया गया।”

 

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