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जनता बोली- दस साल तक बाकरगंज के लोगों को बेवकूफ बनाते रहे पूर्व मेयर तोमर, उमेश गौतम ने हल कराई समस्‍या, पढ़ें क्‍या है मामला?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
मेयर डा. उमेश गौतम की कार्यशैली पूर्व मेयर आईएस तोमर के लिए मुश्किलों का सबब बनती जा रही है। जिस तरह से उमेश गौतम एक के बाद एक जनसमस्‍याओं का निवारण करने में जुटे हैं उसने यह साबित कर दिया है कि उक्‍त समस्‍याओं का समाधान पहले भी हो सकता था लेकिन दस साल मेयर रहने वाले डा. आईएस तोमर की अनदेखी और मनमानी की वजह से जनता लगभग दो दशक तक इन समस्‍याओं से जूझती रही। ताजा मामला बाकरगंज इलाके में लगे कूड़े के पहाड़ का है। पूर्व मेयर और समाजवादी पार्टी के नेता डा. आईएस तोमर बाकरगंज की इस समस्‍या का स्‍थाई समाधान नहीं कर सके थे लेकिन उमेश गौतम के प्रयास रंग लाए और आज कूड़े के पहाड़ खाली होने की शुरुआत कर दी गई है। इतना ही नहीं इस प्रक्रिया में निकलने वाली मिट्टी भी नगर निगम का राजस्‍व बचाने का काम करेगी। यह हम नहीं बल्कि बाकरगंज के लोगों का कहना है।


दरअसल, मेयर डा. उमेश गौतम के प्रयासों से बाकरगंज के कूड़े के पहाड़ हटाने की समस्‍या का स्‍थाई समाधान शुरू हो चुका है। मशीनों के जरिये वेस्‍ट सेग्रिगेशन का काम किया जा रहा है। इससे बाकरगंज के लोगों में खुशी की लहर है। मेयर के इस प्रयास पर बाकरगंज के लोगों ने उन्‍हें सम्‍मानित किया। समाजसेवा समिति और खड्ड विरोधी संघर्ष समिति की अध्‍यक्ष शहीन खान ने बाकरगंज के लोगों के साथ मिलकर मेयर को फूलमालाएं पहनाकर और बुके देकर सम्‍मानित किया। सम्‍मानित करने वाले लोगों का कहना था कि पूर्व मेयर डा. आईएस तोमर हों या सुप्रिया एरन, सभी ने उन्‍हें बेवकूफ बनाने का काम किया है। अगर डा. उमेश गौतम चार साल में इस समस्‍या का समाधान करा सकते हैं तो आईएस तोमर ने दस साल मेयर रहने के बावजूद इलाके के लोगों की सुध क्‍यों नहीं ली? उन्‍होंने कहा कि उमेश गौतम ने यह साबित कर दिया है कि काम पहले भी हो सकते थे लेकिन वे लोग काम करना नहीं चाहते थे। उन लोगों ने काम के नाम पर सिर्फ राजनीति की।
इस मौके पर मेयर डा. उमेश गौतम ने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि एक मेयर ऐसे रहे जो दस साल मेयर रहे। उन्‍होंने सिर्फ बहकाने का काम किया कि उमेश गौतम प्‍लांट को चलने नहीं दे रहे हैं वरना मैं तो कब का कूड़ा खत्‍म कर चुका होता। उन्‍होंने राजनीति कर-कर के जबरदस्‍ती का विरोध उत्‍पन्‍न कराया।

बाकरगंज के खड्ड को लेकर राजनीति हो रही थी। जब नदीम शम्‍सी मेरे पास आए तो मैंने उन्‍हें कोर्ट का ऑर्डर भी दिखाया और कहा कि मैं नहीं चाहता कि सिर्फ मेरी समस्‍या खत्‍म हो। मैं चाहता हूं कि सबकी समस्‍या खत्‍म होनी चाहिए। मैंने नदीम शम्‍सी से वादा किया था कि मैं ही इस समस्‍या को खत्‍म करके दिखाऊंगा। मेयर बनने के बाद हमने दो-तीन तरह से प्रयास किए कि यह कैसे खत्‍म होगा लेकिन उसका जो सबसे बेहतर प्रयास निकल कर आया उस पर अमल किया। शहर की जनता के लिए यह वर्ष 2022 का सबसे बड़ा तोहफा है। अब वहां काम शुरू हो चुका है। मिट्टी अलग हो रही है, प्‍लास्टिक भी अलग हो रही है। अब आलम यह है कि लोग हमसे मिट्टी खरीदने तक आ रहे हैं। हमने यह निर्णय लिया है कि इस मिट्टी को हम नगर निगम के विकास कार्यों के लिए इस्‍तेमाल करेंगे। अभी तक नगर निगम विभिन्‍न विकास कार्यों के लिए भराव करने के लिए मिट्टी खरीदता था लेकिन अब मिट्टी का पैसा अलग से नहीं दिया जाएगा। नगर निगम बाकरगंज से निकलने वाली मिट्टी का ही इस्‍तेमाल करेगा विकास कार्यों के लिए। मैंने कभी यह नहीं सोचा कि जाति के आधार पर काम किए जाएं या धर्म के आधार पर काम किए जाएं। लगातार हमने बाकरगंज पर ही नहीं बल्‍कि जहां-जहां भी काम किए वह जाति के आधार पर नहीं किए, धर्म के आधार पर नहीं किए। अगर रोड बनेगी तो उस पर हर जाति धर्म का आदमी चलेगा। अगर नई इंडस्‍ट्री आएगी तो उसमें हर जाति का आदमी काम करेगा। अगर स्‍ट्रीट लाइट लगेगी तो हर जाति के व्‍यक्ति को उसकी रोशनी का लाभ मिलेगा। इस चुनाव में लोग तरह-तरह से आपको बहकाने आएंगे। कोई जाति के नाम पर बहकाएगा, कोई धर्म के नाम पर बहकाएगा। वह आपसे कहेगा कि मेरी जाति के लोगों मेरे साथ जुड़ जाओ चाहे वह आपको मिट्टी में ही क्‍यों न मिला दे। यह नहीं कहेगा कि मैं आपके लिए क्‍या करूंगा या मैंने आपके लिए क्‍या किया है। खाली बातों से कुछ नहीं होता। हमारी आने वाली जो पीढि़यां हैं उन्‍हें अच्‍छा काम भी चाहिए और रोजगार भी चाहिए। तभी हमारे शहर की तरक्‍की हो सकती है। हम लोगों ने जो काम किए हैं उनके जरिये यह साबित करके दिखाया है कि हर क्षेत्र में काम हुए हैं। अगर इच्‍छाशक्ति हो तो कोई भी काम असंभव नहीं होता।


महापौर को किया सम्मानित करने वालों में समाज सेवा समिति व खड्ड विरोधी संघर्ष समिति की अध्यक्ष शाहीन खान, नदीम शम्‍सी, राजेंद्र प्रसाद घिल्डियाल, राजपाल, तरन चड्ढा, मिलन शर्मा, शहजाद, हिमायूं, नावेद खान, साजिद हुसैन, जाहिद हुसैन, गजेंद्र पांडेय, चंदन सिंह नेगी, मोहम्मद अलीम, वसीम हुसैन, राशिद कुरैशी, नसीम खान, दानिश खान आदि शामिल थे।

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