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महिलाओं का सम्मान ही राष्ट्रीय उन्नति का प्रतीक है : वैशाली जौहरी

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नीरज सिसौदिया, बरेली

शिक्षा जगत से जुड़ी लायंस विद्या मंदिर स्कूल की प्रधानाचार्य वैशाली जौहरी आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है । उनके अनुसार भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान को बहुत महत्व दिया गया है। संस्कृत में एक श्लोक है- ‘यस्य पूज्यंते नार्यस्तु तत्र रमन्ते देवता:। अर्थात्, जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। किंतु वर्तमान में जो हालात दिखाई देते हैं, उसमें नारी का हर जगह अपमान होता चला जा रहा है। उसे ‘भोग की वस्तु’ समझकर आदमी ‘अपने तरीके’ से ‘इस्तेमाल’ कर रहा है। यह बेहद चिंताजनक बात है। लेकिन हमारी संस्कृति को बनाए रखते हुए नारी का सम्मान कैसे किय जाए, इस पर विचार करना आवश्यक है।

सिविल लाइंस स्थित लायंस विद्या मंदिर स्कूल की प्रधानाचार्य वैशाली जौहरी का कहना है कि भले ही अभी बहुत कुछ बदल गया है परंतु फिर भी अभी बहुत कुछ बदलना बाकी है। उनका मानना है की महिला ईश्वर की गड़ी वह खूबसूरत कृति है, जिसके बिना सृष्टि की कल्पना भी नहीं की जा सकती है । अतः महिला अपने हिस्से के सम्मान की पूर्णतः हकदार है।

पिछले कई वर्षों से एक शिक्षक के रूप में वैशाली जौहरी के अनुसार महिला अब अबला नहीं है, महिला को अधिकार, स्वतंत्रता से रहने व जीने की आज़ादी मिलनी चाहिए। इसके लिए महिलाओं को भी शिक्षित होने के साथ साथ अपने हक़ की आबाज को बुलंद करने के लिए खुद भी आगे आना होगा व महिलाओं के उत्थान हेतु प्रेरणा स्रोत की मिसाल भी बनना होगा। अपने 22 साल की मेहनत से वैशाली जौहरी एक शिक्षिका से प्रधानाचार्य तक का सफर, स्कूल व समाज के साथ साथ परिवार के प्रति भी पूर्ण जिम्मेदारियों के साथ निभा रही हैं। अभी हाल ही में समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता जूही सिंह द्वारा महिला सम्मान से सम्मानित भी किया गया था।

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