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महाकुंभ के इतिहास में पहली बार बिना अमृत स्नान किए लौटे अखाड़े के संत, भगदड़ के बाद नहीं मिली स्नान की अनुमति, पढ़ें क्या है पूरा मामला?

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नीरज सिसौदिया, प्रयागराज

144 वर्षों के इंतजार के बाद संगम नगरी में आयोजित महाकुंभ संतों के लिए निराशाजनक रहा महाकुंभ के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब मौनी अमावस्या के पावन मौके पर अखाड़े को बिना स्नान के ही वापस लौटना पड़ा।


दरअसल, सुबह-सुबह मेरा क्षेत्र में मची भगदड़ के कारण पुलिस प्रशासन ने अखाड़े के जुलूस को संगम तक तक जाने की अनुमति नहीं दी जिसके कारण उनके काफिले को बीच रास्ते से ही वापस लौटना पड़ा। महाकुंभ में हुई भगदड़ के कारण कई लोगों की मौत हो गई और बड़ी संख्या में अन्य लोग घायल हुए हैं। घायलों को तत्काल अस्पताल ले जाया गया है। हादसे में कितने लोगों की मौत हुई है, इसका सही आंकड़ा फिलहाल पता नहीं लगाया जा सका है। पुलिस प्रशासन ने महाकुंभ मेला क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करने के उद्देश्य से किसी को भी स्नान की अनुमति नहीं दी है। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि महाकुंभ में प्रशासन अपना काम कर रहा है जो अनहोनी हुई है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। हम श्रद्धालुओं का पूरा ख्याल रख रहे हैं।उन्हें किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।

वहीं, पंजाब हिमाचल महासभा के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा की मेले में आए श्रद्धालुओं को अगर किसी भी तरह की कोई परेशानी हो रही है तो वह उनसे व्यक्तिगत तौर पर संपर्क कर सकते हैं। वह हिमाचल और पंजाब के लोगों की मदद के लिए महाकुंभ क्षेत्र में मौजूद हैं। साथ ही उन्होंने श्रद्धालुओं से यह भी अपील की है कि वह धैर्य बनाए रखें।

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