बोकारो थर्मल। रामचंद्र कुमार अंजाना
माओवादियों ने बड़कीकुड़ी-तैतरियाबेड़ा मुख्य मार्ग पर पहाड़ के ऊपरी सतह पर पत्थर से सात फीट की मोर्चा बना रखें है। मोर्चा की बनावट ’एल’ की तरह है। पहाड़ के ऊपरी सतह पर पत्थर से बनी मोर्चा देखकर सीआरपीएफ के होश उड़ गए। चारों तरफ से पहाड़ी और घनें जंगलों से घिरा बड़कीकुड़ी-तैतरियाबेड़ा पहाड़ जाने के लिए एक मात्र पगडंडी है। जवान भी पहाड़ चढ़ते समय फिसल रहें थे। मोर्चा से माओवादी पहाड़ के चारों और आराम से निगरानी करते होंगे। वहां माओवादी के अलावे मवेशी ही चरने के लिए चढ़ते होंगे, अन्यथा दूसरे लोगों की पहुंचना एक कल्पना होगी।
माओवादियों के लिए बड़कीकुड़ी-तैतरियाबेड़ा जंगल सुरक्षित जोन : बड़कीकुड़ी-तैतरियाबेड़ा पहाड़ और जंगल भुगोलिक दृष्टिकोण से माओवादियों के लिए सुरक्षित जोन कहा जाता है। पहाड़ के लगभग एक हजार मीटर निचली सतह पर पहुंचना लोहे की चना चबाने जैसी साबित होगी। पहाड़ के निचली सतह में जीवंत नाला है, जिसमें सालों भर प्रचुर मात्रा में पानी बहती रहती है।
किसी बड़ी घटना के फिराक में थे माओवादी
पुलिस का मानना है कि माओवादी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे। इसी उदेश्य से इस जंगल में लैंडमाइंस को छिपाकर रखा गया था। पुलिस की खुफिया तंत्र की मजबूती का यह परिणाम है कि समय रहते लैंड माइंस की सूचना मिल गयी। पुलिस अब यह पता करने में जुट गयी है कि माओवादी ये दोनों लैंडमाइंस कहां लगाते और इसके जद में कौन था। बेरमो डीएसपी सतीशचंद्र झा ने कहा कि माओवादियों की मंसूबे को किसी हाल में पुलिस नाकाम करेंगी। उनकी हर गतिविधियों पर पुलिस की पैनी नजर है।
झारंखड बंदी आज, पुलिस अलर्ट मोड पर
लोहरदगा-गुुमला सीमा बुलबुल जंगल में पिछलें 20 दिनों से लगातार बमबारी के खिलाफ माओवादियों ने झारखंड के ऊतरी छोटानागपुर, दक्षिणी छोटानागपुर और पलामू प्रमंडल में 10 मार्च को बंदी की घोषणा किए है। इसको लेकर बोकारो पुलिस अलर्ट मोड़ पर है। बेरमो डीएसपी सतीश चंद्र झा ने इसकी पुष्टि की और कहा कि प्रभावित थाना क्षेत्रों में एलआरपी कूच कर गयी है।