पंजाब

नगर निगम चुनाव पर अमरजीत सिंह किशनपुरा की नजर, दिनेश ढल्ल बोले- मेरे संपर्क में हैं कई नेता पर नाम ओपन नहीं कर सकता, पढ़ें क्या है पूरा मामला?

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नीरज सिसौदिया, जालंधर
विधानसभा चुनाव में जिस तरह से अकाली दल, भाजपा और कांग्रेस पार्टी हाशिए पर चली गई हैं उससे आम कार्यकर्ताओं के मनोबल में भी गिरावट आने लगी है। खास तौर पर वे नेता जो पार्टी में उपेक्षित रहे अब वे चुनावी मोड में दिखाई देने लगे हैं। ये ऐसे नेता हैं जो राजनीति में अपनी अलग पहचान तो बना चुके हैं लेकिन अक्सर किसी न किसी कारण के चलते चुनावी मैदान में उतरने का मौका हासिल नहीं कर सके। ऐसे ही एक नेता हैं अमरजीत सिंह किशनपुरा। अमरजीत सिंह किशनपुरा की गिनती जिले के जाने-माने अकाली नेताओं में होती है। अकाली दल में वह कई अहम पदों पर काबिज भी रह चुके हैं। पूर्व विधायक केडी भंडारी के करीबियों में उनकी गिनती होती है। जिस वक्त अकाली-भाजपा गठबंधन मिलकर चुनाव लड़ता था उस वक्त अमरजीत सिंह किशनपुरा जैसे नेताओं की बदौलत ही भंडारी विधानसभा सीट जीतने में कामयाब हो सके थे। अमरजीत सिंह किशनपुरा वैसे तो किशनपुरा में रहते हैं लेकिन आसपास के लगभग चार-पांच वार्ड ऐसे हैं जिनमें उनकी मौजूदगी हार-जीत का खेल तय करती है। पहले चूंकि उनका वार्ड गठबंधन धर्म के चलते भाजपा के खाते में चला जाता था जिसके चलते वह चुनाव नहीं लड़ पाते थे लेकिन अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं। गठबंधन अब टूट चुका है और वार्ड भी एससी महिला आरक्षित हो चुका है। अब नई वार्ड बंदी होनी है और वार्ड का स्वरूप बदलने की उम्मीद है। अमरजीत सिंह किशनपुरा की चर्चा जिन चार वार्डों के लिए हो रही है उनके पहला वार्ड उनका अपना किशनपुरा वार्ड है, दूसरा प्रीत नगर वाला इलाका, तीसरा लंबा पिंड का वार्ड और चौथा राजा का वार्ड है। इसके अलावा भी कुछ वार्ड हैं जहां अमरजीत बेहतर पकड़ रखते हैं। निर्विवाद एवं साफ सुथरी छवि के कारण अमरजीत सिंह किशनपुरा पर अन्य दलों की भी नजर है। खास तौर पर आम आदमी पार्टी को जिस तरह के चेहरे की तलाश है उन मापदंडों पर अमरजीत सिंह किशनपुरा पूरी तरह खरे उतरते हैं। चर्चा यह है कि अमरजीत सिंह किशनपुरा जल्द ही अकाली दल का दामन छोड़कर भाजपा या आम आदमी पार्टी का दामन थाम सकते हैं। क्योंकि दोनों ही दलों में उनकी जीत की काफी संभावनाएं हैं। बताया जाता है कि अमरजीत सिंह किशनपुरा के समर्थकों ने दोनों ही दलों में उनके टिकट के लिए लॉबिंग तेज कर दी है। इस संबंध में जब अमरजीत सिंह किशनपुरा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मैंने अपनी जिंदगी के कई दशक राजनीति को दिए हैं। अब मेरे समर्थक चाहते हैं कि मैं चुनावी मैदान में उतरूं। समर्थकों की भावनाओं का मैं पूरा सम्मान करता हूं और परिस्थितियां अनुकूल रहीं निश्चित तौर चुनाव मैदान में उतरूंगा। फिलहाल वार्ड बंदी का इंतजार है।
उधर, आम आदमी पार्टी के नॉर्थ विधानसभा इंचार्ज दिनेश ढल्ल उर्फ काली ने भी चुनावी तैयारियां तेज कर दी हैं। नगर निगम चुनाव में वह कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। अमरजीत सिंह किशनपुरा के आम आदमी पार्टी में शामिल होने के सवाल पर वह कहते हैं कि मेरे संपर्क में सिर्फ अकाली दल के नेता ही नहीं हैं, कांग्रेस और भाजपा के भी कई नेता हैं जो आम आदमी पार्टी में शामिल होना चाहते हैं। हमारे यहां टिकट का बंटवारा कांग्रेस और भाजपा की तरह नहीं होता है। जो जीतने वाला कैंडिडेट होगा उसे ही टिकट दिया जाएगा। हमारी तरफ से पहले कुछ नाम जिला स्तर पर भेजे जाएंगे फिर प्रदेश स्तर पर मंथन होगा और फिर सर्वे होगा। सर्वे में जो कैंडिडेट जीतने में सक्षम लगेगा उसे ही टिकट दिया जाएगा। यह सारी प्रक्रिया वार्ड बंदी के बाद होगी। अभी सिर्फ अच्छे लोगों को पार्टी से जोड़ने का काम किया जाएगा।
बहरहाल, अमरजीत सिंह किशनपुरा की मौजूदगी इस बार उन नेताओं के होश जरूर उड़ा रही है जो नेता अमरजीत सिंह किशन पुरा के दम पर चुनावी युद्ध जीतते आ रहे थे। अब अमरजीत भाजपाइयों का खेल बिगाड़ेंगे या आम आदमी पार्टी के नेताओं का यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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