पंजाब

एक मंच पर आए कॉलोनाइजर, रियल एस्टेट सेक्टर के लिए सरकार से आसान पॉलिसी की उठाई मांग, पढ़ें क्या हैं अन्य मांगें?

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नीरज सिसौदिया, जालंधर
सरकारें बदलती रहती हैं लेकिन रियल एस्टेट सेक्टर के लिए आसान नीतियां बनाने की दिशा में कोई ठोस पहल आज तक नहीं की गई। इसी मुद्दे पर अब जालंधर और आसपास के जिलों के रियल एस्टेट कारोबारी एकजुट हुए और पंजाब में पहली बार सत्ता पर काबिज हुई आम आदमी पार्टी की सरकार से रियल एस्टेट सेक्टर में उछाल लाने के लिए आसान पॉलिसी लाने की मांग उठाई।
स्थानीय स्काई लार्क होटल में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस नेता मेजर सिंह, भूपिंदर सिंह भिंदा, अकाली नेता सरदार अमरजीत सिंह किशनपुरा, सरदार अमरप्रीत सिंह मोंटी, निशांत गुप्ता, राजपाल, नागपाल सहित सैकड़ों की तादाद में रियल एस्टेट कारोबारी पहुंचे थे। नेताओं ने कहा कि कॉलोनियां काटने के नए नियम इतने सख्त हो गए हैं कि आज के दौर में कॉलोनी डेवलप करना नामुमकिन सा हो गया है। उन्होंने कहा कि एक कॉलोनी पास कराने के लिए दर्जन भर से ज्यादा दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं। अफसर अलग से परेशान करते हैं। अत: मुख्यमंत्री भगवंत मान से अपील करते हैं कि वह कॉलोनी डेवलपर्स के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू करे। साथ ही फीस की राशि भी कम की जाए।


उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों की ओर से पंजाब राज्य के गठन से लेकर अब तक आबादी की तुलना में गिनी-चुनी कॉलोनियां ही डेवलप की गई हैं। छोटे कॉलोनाइजर कम दामों में आम जनता के लिए प्लॉट एवं आवास उपलब्ध कराने का काम करते हैं तो अफसरशाही द्वारा उनका शोषण किया जाता है। ऐसे में कॉलोनाइजर कैसे काम कर सकते हैं। उन्होंने सरकार से अफसरों के भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगाने की मांग की। साथ ही यह भी कहा कि सरकार नई रियल एस्टेट नीति लेकर आए और उसके तहत सभी पुरानी कॉलोनियों को एकमुश्त शुल्क लेकर रेगुलराइज करे। तभी आम आदमी को कम कीमत पर उसके सपनों का घर हासिल हो सकेगा और मंदी से गुजर रहे रियल एस्टेट सेक्टर को संजीवनी मिलेगी। सम्मेलन की खासियत यह रही कि राजनीति से ऊपर उठकर कारोबारी और जनहित के लिए सभी दलों के नेता एक मंच पर नजर आए।

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