झारखण्ड

ऊपरघाट के जुड़ामना में झारखंडी खतियानी भाषा संर्घष समिति के महाजुटान जन सभा

बोकारो थर्मल, रामचंद्र कुमार अंजाना
झारखंड राज्य बने 22 साल हो गया। बावजूद हम झारखंडियों को पहचान नहीं मिली है। 22 साल राज्य में भाजपा, झामुमो, कांग्रेस, आजसू सहित अन्य पार्टियों की सरकार रहीं, लेकिन यहां स्थानीय नीति नहीं बनी। राज्य बनने के बाद ही स्थानीय नीति बनना चाहिए था। उक्त बातें ऊपरघाट के जुड़ामना में झारखंडी खतियानी भाषा संर्घष समिति के महाजुटान जन सभा को संबोधित करते हुए समिति के प्रदेश संयोजक टाईगर जयराम महतो ने कहीं। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य को अलग करने के लिए हमारे पूवर्ज 88 साल संघर्ष किया। 88 हजार झारखंडी अपनी बलिदानी दिए। इसके बाद झारखंड मिला है। झारखंड तो मिला लेकिन इसको बाहरी चला रहें है। यहां के लोग आजादी की लड़ाई में लड़े और शहीद हुए। अब समय आ गया है कि अपनी खतियान 1932 और भाषा की लड़ाई लड़नी है। इसके लिए शहीद क्यों ना होना पड़े, पर लड़ाई जारी रहनी चाहिए। यहां के लोग अंग्रेजों के तोपो को तीर-धनुष से चुनौति दिए थे। किडनी बेच देंगे लेकिन जमीन नहीं बेचेंगे। यहां की पहचान ही भाषा और 1932 की खतियान है। हमारी लड़ाई 1932 का खतियान लागू करने और बाहरी भाषा को राज्य से बाहर निकालने के लिए है। सरकार ने 1932 खतियान लागू नहीं कर युवाओं को रोजगार से वंचित करने पर तुली है। 21 साल बीतने के बाद भी खतियान आधारित नीति को सरकार लागू नहीं कर रही है। मोतीलाल महतो ने कहा कि 21 साल बीतने के बाद भी खतियान आधारित नीति को सरकार लागू नहीं कर रही है। जब तक खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू नहीं होती है आंदोलन जारी रहेगा। राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और रोजगार सभी विभाग में पिछड़ा है। सरकार की कोई इच्छा शक्ति नहीं है। अगर राज्य सरकार ने इस मांग को हल्के में लिया, तो सरकार को न केवल सत्ता से हाथ धोना पड़ सकता है, बल्कि भविष्य में वापसी का कोई रास्ता झामुमो और गठबंधनदल के पास नहीं रह जाएगा। सरकार इस गलतफहमी में ना रहे कि यह आंदोलन थोड़े दिनों में थम जाएगा।

चाहे इसके लिए हमें 32 साल या उससे अधिक ही क्यों ना लड़ना पड़े। हम सभी झारखंडी लड़ेंगे और 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति, नियोजन नीति और विस्थापन नीति लागू करा कर ही दम लेंगे। झारखंडियों ने अपने हक-अधिकार की हमेशा लड़ाई लड़ी है और हासिल करके भी दिखाया है। अलग राज्य का निर्माण इसका सबसे जीता जागता प्रमाण है। अगर हम लड़कर झारखंड अलग राज्य ले सकते हैं, तो 1932 का खतियान भी लेकर दिखाएंगे। महाजुटान जनसभा में योगेंद्र कुमार रंजन, पुरन महतो, दीप्पू अग्रवाल, देवनारायण महतो, खेमलाल महतो, खगेंद्र कुमार महतो, मुखिया ललीता देवी, बसंती देवी, पंसस नागेश्वर महतो, रेवतलाल महतो, महेश महतो, दिनेश महतो, कृष्णा महतो, मुकेश महतो, डब्लू तुरी, नागेश्वर सिंह, कुंजलाल महतो, मनोज महतो, अजय कुमार, उमेश उजागर, देवनारायण महतो, शनिचर तुरी, खिरोधर महतो, योद्वा महतो, लालमोहन तुरी सहित कई लोक संस्कृति से जुड़े कलाकार और राजनीतिक दल के समर्थक मौजूद थे।

Facebook Comments

प्रिय पाठकों,
इंडिया टाइम 24 डॉट कॉम www.indiatime24.com निष्पक्ष एवं निर्भीक पत्रकारिता की दिशा में एक प्रयास है. इस प्रयास में हमें आपके सहयोग की जरूरत है ताकि आर्थिक कारणों की वजह से हमारी टीम के कदम न डगमगाएं. आपके द्वारा की गई एक रुपए की मदद भी हमारे लिए महत्वपूर्ण है. अत: आपसे निवेदन है कि अपनी सामर्थ्य के अनुसार नीचे दिए गए बैंक एकाउंट नंबर पर सहायता राशि जमा कराएं और बाजार वादी युग में पत्रकारिता को जिंदा रखने में हमारी मदद करें. आपके द्वारा की गई मदद हमारी टीम का हौसला बढ़ाएगी.

Name - neearj Kumar Sisaudiya
Sbi a/c number (एसबीआई एकाउंट नंबर) : 30735286162
Branch - Tanakpur Uttarakhand
Ifsc code (आईएफएससी कोड) -SBIN0001872

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *