यूपी

आजम खां पर सदन में हंगामा, नहीं हो सका प्रश्नकाल

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नीरज सिसौदिया, लखनऊ

लखनऊ उत्तर प्रदेश विधान परिषद में बुधवार को समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक मोहम्मद आजम खां को फर्जी मामलों में फंसाये जाने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। नतीजतन, प्रश्नकाल की कार्यवाही नहीं हो सकी। उधर विधानसभा में भी आजम खां के मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर चर्चा कराये जाने की मांग की और सरकार पर खान तथा उनके परिवार के उत्पीड़न का आरोप लगाया। हालांकि संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्‍ना ने इसे खारिज करते हुए दावा किया कि सरकार दूध का दूध और पानी का पानी कर रही है। पूर्वान्ह 11 बजे विधान परिषद में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सपा सदस्यों ने आजम खां के खिलाफ सरकार द्वारा उत्पीड़नात्मक कार्रवाई किए जाने और फर्जी मामलों में मुकदमे दर्ज किए जाने का विरोध किया। वहीं, विधानसभा में अध्यक्ष सतीश महाना के आसन पर बैठते ही नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सदन के वरिष्ठ सदस्‍य आजम खां का उत्पीड़न हो रहा है। अध्यक्ष ने प्रश्नकाल के बाद इस मामले को उठाने का भरोसा दिया। विधान परिषद में सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने सपा सदस्यों से कहा कि प्रश्नकाल के बाद ही इस मामले को उठाया जा सकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रश्नकाल के बाद वह उनकी पूरी बात सुनेंगे। इसके बावजूद सपा सदस्य अपनी बात कहते रहे। नेता सदन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रश्नकाल को बाधित करना निश्चित रूप से गलत है। इसी दौरान सपा के सदस्य सदन के बीचोबीच आ गए। सभापति ने उन्हें अपने-अपने स्थान पर बैठने को कहा लेकिन सदन को व्यवस्थित नहीं होते देख उन्होंने सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर सपा के सदस्य आजम खां के मुद्दे पर ही चर्चा कराने की मांग करते रहे। इस दौरान उन्होंने सरकार विरोधी नारेबाजी भी की। इस पर सभापति ने सदन की कार्यवाही अपराह्न 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इस वजह से प्रश्नकाल नहीं हो सका। गौरतलब है कि सपा के वरिष्ठ नेता और रामपुर सदर से पार्टी विधायक मोहम्मद आजम खां पर भ्रष्टाचार तथा चोरी समेत विभिन्न आरोपों में करीब 90 मुकदमे दर्ज हैं। उनके खिलाफ मंगलवार को नगर पालिका की सफाई मशीन चोरी कर अपने द्वारा स्थापित मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के काम में लेने और उसके बाद उसे जमीन में गाड़ देने के आरोप में एक और मुकदमा दर्ज किया गया है। विधानसभा में प्रश्‍नकाल के बाद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ सदस्‍य माता प्रसाद पांडेय ने कार्यस्थगन के तहत आजम खां के उत्पीड़न का मुद्दा उठाया और सदन की कार्यवाही रोककर चर्चा कराये जाने की मांग की। उन्‍होंने कहा कि उनपर सरकार ने फर्जी मुकदमे लगाये हैं, जेल में डाला और वह दो साल से ज्यादा जेल में रहे। जमानत पर बाहर रहने के बाद भी सरकार उन्हें परेशान करने के लिए नये-नये हथकंडे अपना रही है। खां उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने के बाद फिलहाल जेल से बाहर हैं। पांडेय ने कहा, ‘‘आजम खान न तो कोई अपराधी हैं और न ही कोई डकैत हैं। उनको, उनके बेटे और पत्नी को पिछली बार जेल में रखा गया। सीतापुर जेल में उन्हें कालकोठरी में रखा गया। जिस तरह अंग्रेजों ने अपने विरोधियों को कालकोठरी में बंद कर परेशान करने की कोशिश की वही प्रक्रिया इस लोकतांत्रिक व्यवस्था में चले तो यह ठीक बात नहीं है।’’ नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव, सपा के सदस्‍य ओम प्रकाश सिंह और लालजी वर्मा ने मामले को बल देते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाया। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्‍ना ने कहा कि जो आरोप लगाए गए हम उससे असहमत हैं और इसका घोर खंडन करते हैं। सरकार की तरफ से किसी भी तरह से किसी को प्रताड़ित करने या किसी भी आरोप का हम खंडन करते हैं। उन्‍होंने कहा कि (आजम खां के खिलाफ) जो भी मुकदमे दर्ज कराये गये हैं वह पीड़ित व्‍यक्ति द्वारा दी गयी तहरीर के आधार पर दर्ज हैं और उसकी विवेचना हुई है। खन्‍ना ने कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है, कानून सबके लिए बराबर है। उन्‍होंने कहा कि यह सरकार हर स्तर पर न्याय चाहती है और दूध का दूध और पानी का पानी होगा। यह सरकार हरेक के साथ न्याय करेगी और माननीय सदस्‍य के साथ भी न्‍याय होगा।

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