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हाइवा व 709 वैन सहित 35 टन अवैध कोयला जब्त

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बोकारो थर्मल,रामचंद्र कुमार अंजाना
बोकारो एसपी चंदन कुमार झा के गुप्त सूचना के आदेश पर ऊपरघाट के विभिन्न इलाकों में थाना प्रभारी सुमन कुमार ने छापामारी कर 35 टन अवैध कोयला सहित एक हाइवा और एक 709 वाहन को जब्त किया है। पुलिस को देखकर धंधेबाज अंधेरें का लाभ लेकर भागने में सफल रहें। पुलिस को सूचना थी कि कंजकिरो के घांसी टोला से एक 709 वाहन और हरिजन टोला (नयाबस्ती) में एक हाइवा में कोयला लोड़कर धंधेबाज टपाने की फिराक में है। सूचना के आलोक में थाना प्रभारी सुमन कुमार व अनि मुणा कुमार राणा सहित सशस्त्र बल के जवान दो टुकडियों में बंट कर छापामारी शुरू किए। बुड्डगढ़ा मोड़ पर थाना प्रभारी ने स्वंय भाग रहे हाइवा को पीछाकर पकड़ लिए। दुसरी और अनि मुणा कुमार राणा ने 709 वैन को बुटबरिया के पास खदेड़कर पकड़ लिए। दोनों गाड़ियों के चालक गाड़ी छोड़कर भाग। बाद में पुलिस ने दो स्थानीय ड्राइवरों के सहयोग से गाड़ियों को थाना ले आयी। इस संबंध में पेंक-नारायणपुर थाना में कांड संख्या 85/2022 व 86/2022 के दो अलग-अलग मामला दर्ज किया है। दोनों मामलों में मुकेश घांसी सहित पांच अन्य धंधेबाजों पर मामला दर्ज किया गया है।
बोकारो थर्मल पुलिस भी चार कर चुकी है कार्रवाईः बोकारो थर्मल के पूर्व थाना प्रभारी रविंद्र कुमार सिंह व वर्तमान थाना प्रभारी शैलेश कुमार चौहान ने हरिजन टोला, कंजकिरो व लुकूबाद में बोकारो एसपी चंदन कुमार झा और बेरमो एसडीपीओ सतीश कुमार झा के आदेश पर चार बार छापामारी कर चुकी है, लेकिन उस समय सिर्फ कोयला ही बरामद हुई थी। लेकिन सोमवार की रात पुलिस को कोयला सहित दोनों वाहन को पकड़ने में सफलता मिली है।
धंधेबाजों का यहां पर सुरक्षित जोन है : बताया जाता है कि हरिजन टोला जंगल में धंधेबाजों के लिए कोयला का अवैध धंधा का यहां सुरक्षित जोन है। नजदीक में गोविंदपुर परियोजना होने के कारण आसानी से कोयला मजदूरों से मिल जाता है। जंगल रहने के कारण कोयला को झाड़ियों में छुपा दिया जाता है। इसके अलावे हरलाडीह, डेगागढ़ा, बंशी, जुड़ामना, छोटकीकुड़ी व पिलपिलो में धंधेबाजों के लिए तस्करी के लिए सुरक्षित जोन माना जाता है।
चार जगहों पर धंधेबाजों का संतरी रहता है तैनातः पुलिस से बचने के लिए धंधेबाजों का खासमहल होटल, सारूबेड़ा, लालचौक, पिलपिलो मोड़ में बाइक और चार पहिया वाहन में संतरी तैनात रहते है। किसी तरह से अगर पुलिस की मुवमेंट की जानकारी मिलने के बाद धंधेबाज वाहनों को जंगलों में छुपा देते है। बाद में वहां से पुलिस निकलने के बाद जंगल से गाड़ी निकालकर समीप के पेट्रोल पंप में खड़ा कर देते है।

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