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एसबीआई लाइफ की ‘थैंक्स ए डॉट’ पहल ने स्तन के स्व-परीक्षण और कैंसर का शीघ्र पता लगाने की ज़रूरत पर बल देने के लिए लॉन्च किया एक और नवोन्मेषी जीवनरक्षक उपकरण

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पूजा सामंत, मुंबई

अक्टूबर को स्तन-कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है, यह हर महिला के लिए अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और नियमित रूप से स्तन के स्व-परीक्षण की आदत डालने के लिए रिमाइंडर की तरह है। इस महत्वपूर्ण महीने में, *एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस* अपनी *’थैंक्स ए डॉट’* पहल के माध्यम से महिलाओं को स्व-स्तन परीक्षण सीखने और इसकी आदत बनाने में मदद करने के लिए एक और साल भर लम्बा सफ़र शुरू कर रही है।

इस पहल के एक अंग के रूप में, एसबीआई लाइफ ने ‘हॉट वॉटर बैग’ का उपयोग कर स्तन के स्व-परीक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक नया नवोन्मेषी उपकरण विकसित किया है, जिसका उपयोग देश भर में महिलाओं द्वारा मासिक धर्म के दर्द से निपटने के लिए सबसे अधिक किया जाता है। गर्म पानी की थैली के डिज़ाइन में एक साधारण बदलाव यानि बैग के सामने की तरफ विशेष गांठों को उकेर देने से महिलाओं को यह अनुभव करने में मदद मिलती है कि स्व-परीक्षण के दौरान स्तन कैंसर की वास्तविक गांठ कैसी महसूस होगी। यह उपकरण भारतीय महिलाओं को स्तन स्व-परीक्षण को एक नियमित आदत बनाने और शीघ्र पता लगाने के महत्व के बारे में प्रशिक्षित करने, शिक्षित करने और याद दिलाने में मदद करता है।

हाल के वर्षों में हुई प्रगति के बावजूद स्तन कैंसर के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। हाल के अध्ययनों के अनुसार, 25 से 50 वर्ष की युवा भारतीय महिलाओं में स्तन कैंसर के मामलों में चिंताजनक रूप से वृद्धि हुई है। दुखद बात यह है कि इनमें से 60% मामलों का निदान एडवांस चरणों में किया जाता है, जिससे जीवित रहने की दर काफी कम हो जाती है। हालांकि, जल्दी पता लगने से स्तन कैंसर के 98% मामलों में जान बचाई जा सकती है, जो नियमित जांच को स्तन कैंसर के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण कदम बनाता है।

हालांकि, यह लड़ाई अकेले नहीं लड़ी जा सकती। एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस समुदायिक स्तर पर सार्थक बदलाव लाकर और इस तरह संगठनों को इस पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर इस बड़े उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है। विभिन्न संगठन, इन विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए बैग का उत्पादन और वितरण अपने ग्राहकों, कर्मचारियों आदि के लिए निःशुल्क कर, इस उद्देश्य में शामिल हो सकते हैं, जिससे यह जीवन रक्षक उपकरण भारतीय महिलाओं के बीच स्तन के परीक्षण को एक नियमित आदत बनाते हुए हर घर का हिस्सा बन सकता है।

थैंक्स ए डॉट किट ऑर्डर करने या इस मुद्दे से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
https://www.sbilife.co.in/thanksadot

स्तन के स्व-परीक्षण की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए, *एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के ब्रांड, कॉर्पोरेट संचार और सीएसआर के प्रमुख, श्री रवींद्र शर्मा* ने कहा, “धीरे-धीरे महिलाएं विभिन्न किस्म के कर्तव्यों और ज़िम्मेदारियों से अधिक अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के महत्व को समझना शुरू कर दिया है, लेकिन हमने महसूस किया कि व्यावहारिक रूप से उनमें से कई अभी भी, अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए कदम उठाने के लिए संघर्ष कर रही हैं। स्तन कैंसर आज महिलाओं में सबसे आम बीमारियों में से एक है, इसलिए हर महिला के लिए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि वह सबसे पहले अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दे और स्तन की जांच खुद करने के लिए सरल कदम उठाएं। स्तन के स्व-परीक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूकता पैदा करने की तत्काल आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, एसबीआई लाइफ के *’थैंक्स ए डॉट’* ने अपने पांचवें वर्ष में मौजूदा आदत का लाभ उठाकर, देश के हर घर में प्रवेश करने का एक अनूठा तरीका खोजा है। यह नया नवोन्मेषी उपकरण, महिलाओं को आत्म-परीक्षण के लिए प्रशिक्षित करने के लिए गर्म पानी की थैली (हॉट वॉटर बैग) का उपयोग करता है, जो आमतौर पर हर घर में पाया जाता है।

उन्होंने कहा, “इस पहल के माध्यम से, हमारा लक्ष्य है, व्यवहार में बदलाव लाना, खुली बातचीत को बढ़ावा देना और अंततः स्तन के स्व-परीक्षण की स्वस्थ आदत बनाने में मदद करना। हमें महिमा चौधरी को अपनी टीम में शामिल करके खुशी हो रही है, जो स्तन कैंसर से उबर चुकी महिला के तौर पर अपने अनुभव साझा करने और शीघ्र पता लगाने तथा आत्म-परीक्षा के महत्व के बारे में बताएंगी। हमें आशा है कि हम इस चुनौती को दृढ़ संकल्प के साथ स्वीकार करेंगे, और एक ऐसा भविष्य तैयार करने की दिशा में काम करेंगे, जहां स्तन का स्व-परीक्षण हर घर का हिस्सा बन जाएगा, जिससे देश भर में हर महिला अपने सपनों, अपने कर्तव्यों और ज़िम्मेदारियों को पूरा करने के लिए स्वस्थ रह सकेगी।

*DVC देखने के लिए यहां क्लिक करें:* https://www.youtube.com/watch?v=4RtSa9C2lEQ

*भारतीय अभिनेत्री और कैंसर सर्वाइवर (कैंसर से उबर चुकी) महिमा चौधरी* ने कहा, “स्तन कैंसर सर्वाइवर के रूप में, मैं शीघ्र पता लगाने के महत्व और किसी के जीवन पर होने वाले इसके प्रभाव को समझती हूं। एसबीआई लाइफ का ‘थैंक्स ए डॉट’ अभियान महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य है, महिलाओं को स्तन के स्व-परीक्षण के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल के साथ सशक्त बनाना। भारत में, बहुत सी महिलाओं में बाद के चरण में स्तन कैंसर का पता चलता है, और यह अभियान उस वास्तविकता को बदलने की दिशा में एक कदम है।

*डेंटसू क्रिएटिव के अध्यक्ष – डिजिटल अनुभव, साहिल शाह* ने कहा, “पिछले 5 वर्षों में, ‘थैंक्स ए डॉट’ ने महिलाओं को प्रौद्योगिकी के नवोन्मेषी उपयोग के माध्यम से स्तन का स्व-परीक्षण सीखने और इसकी आदत बनाने में मदद की है। इस साल, हमने भारत में महिलाओं के बीच आमतौर पर प्रचलित व्यवहार के ज़रिये उन्हें जीवन-रक्षक अभ्यास के बारे में सिखाने के अवसर में बदल दिया। प्रोजेक्ट हग ऑफ लाइफ के साथ, हम स्व-परीक्षण को हमेशा के लिए अपनी मासिक दिनचर्या का स्वाभाविक और नियमित हिस्सा बनाकर हर भारतीय महिला को अपने स्तन स्वास्थ्य की ज़िम्मेदारी लेने के लिए सशक्त बनाना चाहते हैं।”

एसबीआई लाइफ, इस प्रयास के अंग के तौर पर स्तन कैंसर से जुड़ी सामाजिक-सांस्कृतिक बाधाओं को तोड़ने और महिलाओं को स्तन कैंसर के खिलाफ लड़ाई लड़ने की सरल तकनीक सीखने के लिए देश के ग्रामीण इलाकों में शैक्षिक कार्यशालाओं का भी आयोजन करेगी।

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