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बड़ा खुलासा : मोदी सरकार ने नौ वर्ष में कांग्रेस सरकारों का दोगुना कर्ज लिया, राज्यसभा में हुआ खुलासा, पढ़ें पूरे आंकड़े

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पिछले नौ वर्षों में 100 लाख करोड़ रुपए का कर्ज विदेशों से लिया है जबकि 67 वर्षों में 14 प्रधानमंत्रियों की सरकारों ने 55 लाख करोड़ रुपए का कर्जा लिया था। आम आदमी पार्टी के सदस्य संदीप पाठक ने सोमवार को राज्यसभा में यह बात कही। पाठक राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में 45 वर्षों में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि वह जब भी बेरोजगारी के बारे में सरकार से सवाल करते हैं तो यही जवाब मिलता है कि यह सतत प्रक्रिया है और मिशन मोड में काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार बार-बार एक भारत श्रेष्ठ भारत का नारा देती है, लेकिन इसके लिए पर्याप्त कार्य नहीं हो रहा है और इससे लगता है कि कहीं यह ‘स्लोगन’ न बनकर रह जाये। उन्होंने कहा कि रेलवे में सुधार के बजाय सरकार ने कुछ चुनिंदा योजना चलाकर चमकती तस्वीर पेश करने की कोशिश की है। पाठक ने कहा कि देश को श्रेष्ठ बनाने के लिए रामराज्य की परिकल्पना को धारण करना होगा और इसके लिए संस्थागत सुधार सबका मिलकर कार्य करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अमृतकाल की संभावनाएं अपार हैं, लेकिन क्या इसके लिए पर्याप्त कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ भारत तभी बनेगा जब सभी को हर क्षेत्र में समान अवसर मिलें। उन्होंने कहा कि सरकार ‘पैच वकर्’ कर रही है कुछ पैसा इधर लगाया कुछ उधर लगाया, लेकिन सब कुछ करने के चक्कर में देश विकसित नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोगों की आय कितनी है, खर्च कितना है और बचत कितनी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत बहुत पीछे है। महंगाई इतनी ज्यादा है कि हर व्यक्ति की थाली में समान भोजन नहीं है। खाद्य महंगाई नौ प्रतिशत के आस पास है। उन्होंने कहा कि कमाई थोड़ी बढी है और महंगाई बहुत ज्यादा बढ़ गई है इसी से महंगाई का अंदाजा लगाया जा सकता है।

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