जबलपुर। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए एक जवान के परिजनों से किए गए वादों को पूरा नहीं करने से संबंधित मामले में राज्य सरकार से अगले सप्ताह तक जवाब मांगा है। उच्च न्यायालय ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवानों की मौत हो गई थी जिनमें से एक जवान अश्विनी काछी मध्य प्रदेश का था। शहीद अश्विनी काछी के परिवार ने उनकी प्रतिमा अपने खर्च पर स्थापित की है। शहीद के भाई सुमंत काछी और भतीजी प्रियंका ने बताया कि प्रतिमा स्थापित करने में साढ़े छह लाख रुपये का खर्च आया था। शहीद के अंतिम संस्कार और प्रतिमा अनावरण के समय प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने शहीद के नाम पर स्कूल और प्रतिमा स्थल पर पार्क बनाने की घोषणा की थी। शहादत के पांच साल बाद भी यह घोषणा अभी तक पूरी नहीं हुई है।
उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा वादा पूरा नहीं करने के संबंध में शुक्रवार को इस संबंध में प्रकाशित एक समाचार पर स्वत: संज्ञान लिया। मुख्य न्यायाधीश आर मलिमथ और न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने शुक्रवार को कहा, “हम अतिरिक्त महाधिवक्ता हरप्रीत रूपरा को मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव की ओर से नोटिस लेने का निर्देश देते हैं, जो अगली तारीख (अगले सप्ताह) तक अपना जवाब दाखिल करें।” उच्च न्यायालय ने कहा, ” उन 40 लोगों में से एक शहीद मध्य प्रदेश से थे। जैसा कि बताया गया है, उस समय उनके परिवार के सदस्यों से कई वादे किए गए थे। ऐसा नहीं लगता कि वे सभी पूरे हो गए हैं।” उच्च न्यायालय ने कहा, “एक शहीद के परिवार को उस राहत का इंतजार करना, जिसका वादा राज्य ने पांच साल पहले किया था, बहुत परेशान करने वाली बात है। हम यह अपेक्षा नहीं करते हैं कि हमारे शहीदों के साथ इस तरह का व्यवहार किया जाएगा।”
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