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11 हजार से अधिक एफआईआर, सिर्फ 500 गिरफ्तार, पीएम मोदी ने सदन में बताया मणिपुर का सच, जानिए और क्या-क्या खुलासा किया मोदी ने?

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि मणिपुर में स्थिति को सामान्य बनाने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है लेकिन वहां आग में घी डालने का काम करने वालों को छोड़ा नहीं जायेगा। मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जबाव देते हुये कहा कि मणिपुर के संबंध में पिछले सत्र में विस्तार से बात की गयी थी और वहां स्थिति को समाान्य बनााने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। इस संबंध में 11 हजार से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गयी है और पांच सौ से ज्यदा लोग गिरफ्तार हुए हैं। वहां हिंसा की घटनायें कम हो रही है। शांति का भरोसा बढ़ रहा है। मणिपुर के अधिकांश हिस्सों में स्कूल खुल रहे हैं। स्थिति सामान्य है। देश के अन्य हिस्सों की तरह ही वहां भी परीक्षायें हुयी है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री स्वयं वहां गये थे और कई दिनों तक रहकर स्थिति की निगरानी की है। गृह राज्य मंत्री भी कई दिनों तक मणिपुर में रहे हैं और स्थिति का जायजा लिया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार सभी के साथ बातें कर रही है। इस समय मणिपुर में बाढ़ का भी संकट चल रहा है। केन्द्र सरकार राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रही हैै। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें वहां पहुंची है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीति से ऊपर उठकर वहां स्थिति को सामान्य बनाने की कोशिश की जानी चाहिए। जो लोग मणिपुर की आग में घी डालने का काम रहे हैं उन्हें छोड़ा नहीं जायेगा। कांग्रेस को यह पता होना चाहिए कि मणिपुर में 10 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। वर्ष 1993 में भी मणिपुर में इसी तरह की घटनाओं का क्रम चला था और पांच सालों तक चला था। स्थितियों को सामान्य करने का प्रयास करना है। शांति लाने का भारपूर प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर को देश के विकास का सशक्त इंजन बनाने का काम किया जा रहा है। पूर्वोत्तर में पांच वर्ष में जो काम किया गया है जो कांग्रेस को उतना काम करने में 20 वर्ष लगते। पूर्वोत्तर की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया गया है। स्थायी शांति के लिए अनेक प्रयास किये गये हैं। सभी को साथ लेकर यह काम किया गया है। उसकी चर्चा बहुत कम हुयी है। राज्यों को साथ लेकर सीमा विवाद को समाप्त किया जा रहा है। सहमति से यह काम किया जा रहा है। श्री मोदी ने आम चुनाव में दौरान जम्मू कश्मीर में हुये मतदान आदि का उल्लेख करते हुये कहा कि राज्य में आतंकवाद की घटनाओं मेें बहुत कमी आयी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार मणिपुर में प्रदेश की सरकार के साथ मिलकर स्थिति को सामान्य करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने सभी से राजनीति से ऊपर उठकर वहां की स्थिति को सामान्य बनाने में सहयोग की अपील की और साथ ही ‘आग में घी डालने’ वालों को आगाह भी किया कि वे ऐसी हरकतें बंद करें। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मणिपुर की स्थिति सामान्य करने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। वहां जो कुछ भी घटनाएं घटी हैं, उनमें 11,000 से ज्यादा प्राथमिकी दर्ज की गई है। मणिपुर छोटा सा राज्य है फिर भी 11,000 प्राथमिकी…। वहां 500 से ज्यादा लोग गिरफ्तार हुए हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘इस बात को भी हमें स्वीकार करना होगा कि मणिपुर में हिंसा की घटनाएं लगातार कम होती जा रही हैं। इसका मतलब शांति की आशा रखना… शांति पर भरोसा करना संभव हो रहा है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मणिपुर के अधिकतर हिस्सों में आम दिनों की तरह स्कूल, कॉलेज, कार्यालय और दूसरे संस्थान खुल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जैसे देश के अन्य भागों में परीक्षाएं हुईं, वैसे ही मणिपुर में भी परीक्षाएं हुईं और बच्चों ने अपनी विकास यात्रा जारी रखी है। मोदी ने कहा, ‘‘केंद्र और राज्य सरकार सभी से बातचीत करके शांति की खातिर सौहार्दपूर्ण रास्ता खोलने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। छोटी-छोटी इकाइयों को जोड़कर ताने-बाने को बनाना एक बहुत बड़ा काम है और यह शांतिपूर्ण तरीके से हो रहा है।” उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 1993 में मणिपुर में ऐसे ही, घटनाओं का क्रम चला था और इतना तीव्र और व्यापक चला था… वह पांच साल लगातार चला था…यह सारा इतिहास समझकर, हमें बहुत समझदारी पूर्वक स्थितियों को ठीक करने का प्रयास करना है। जो भी इसमें सहयोग देना चाहता है, हम सभी का सहयोग भी लेना चाहते हैं… हम सामान्य स्थिति को बरकरार रखने और शांति लाने के लिए भरपूर प्रयास कर रहे हैं।” उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील करते हुए कहा, ‘‘हम सभी को राजनीति से ऊपर उठकर वहां की स्थिति को सामान्य बनाने में सहयोग करना चाहिए। यह हम सबका कर्तव्य है।” उन्होंने कहा, ‘‘जो भी तत्व मणिपुर की आग में घी डालने की कोशिश कर रहे हैं मैं उन्हें आगाह करता हूं कि यह हरकतें बंद करें। एक समय आएगा जब मणिपुर ही उनको खारिज करेगा।” प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग मणिपुर का इतिहास जानते हैं, उनको पता है कि वहां सामाजिक संघर्ष का एक लंबा इतिहास रहा है और उस संघर्ष की मानसिकता की जड़ें बहुत गहरी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसको कोई नकार नहीं सकता है।” प्रधानमंत्री ने यह भी याद दिलाया कि कांग्रेस के शासनकाल में मणिपुर में 10 बार राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा था। उन्होंने कहा, ‘‘इतने छोटे से राज्य में 10 बार राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा है… कुछ तो मुसीबतें होंगी। और यह हमारे कार्यकाल में नहीं हुआ है लेकिन फिर भी राजनीतिक फायदा उठाने के लिए वहां पर जिस प्रकार की हरकतें हो रही हैं…।” मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों में ऐसा नहीं होता था लेकिन मणिपुर में हिंसा फैलने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री स्वयं कई दिनों तक राज्य में रहे और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री तो हफ्तों तक वहां रहे और बार-बार वहां जाकर संबंधित लोगों को जोड़ने का प्रयास करते रहे। उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक नेतृत्व तो है ही लेकिन सरकार के सभी संबंधित वरिष्ठ अधिकारी वहां लगातार जाते हैं, संपर्क करते हैं और समस्या के समाधान के लिए हर प्रकार से प्रयासों को बल दिया जा रहा है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय मणिपुर में बाढ़ का भी संकट है और केंद्र सरकार, राज्य सरकार के साथ मिलकर पूरा सहयोग कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘आज ही एनडीआरएफ के दो दल वहां पहुंचे हैं। केंद्र व राज्य मिलकर इसकी भी चिंता कर रहे हैं।”
कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह दावा हैरान करने वाला है कि मणिपुर में स्थिति सामान्य है क्योंकि वास्तविकता यह है कि स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में भी मणिपुर का कोई उल्लेख नहीं था। प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार मणिपुर में प्रदेश की सरकार के साथ मिलकर स्थिति को सामान्य करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने सभी से राजनीति से ऊपर उठकर वहां की स्थिति को सामान्य बनाने में सहयोग की अपील की और साथ ही ‘आग में घी डालने’ वालों को आगाह भी किया कि वे ऐसी हरकतें बंद करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मणिपुर के अधिकतर हिस्सों में आम दिनों की तरह स्कूल, कॉलेज, कार्यालय और दूसरे संस्थान खुल रहे हैं। रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘इस मुद्दे पर महीनों की चुप्पी के बाद आज राज्यसभा में ‘‘नॉन-बॉयोलॉजिकल” प्रधानमंत्री ने आश्चर्यजनक दावा किया कि मणिपुर में स्थिति सामान्य है। वास्तविकता में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है जैसा कि आंतरिक मणिपुर के सांसद ने एक जुलाई को लोकसभा में बताया था।” उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने 3 मई, 2023 की रात को हिंसा की शुरुआत के बाद से अभी तक मणिपुर का दौरा नहीं किया है और न ही उन्होंने राज्य के राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात की है।” रमेश ने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण भी इस मुद्दे पर मौन रहा।

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