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पीएम मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस और विपक्ष को दिखाया आईना, पढ़ें पीएम मोदी का पूरा भाषण

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नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में कांग्रेस और विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक को निशाने पर लिया। अपना भाषण शुरू करते हुए मोदी ने कहा कि हमारे आदरणीय राष्ट्रपति जी ने विकसित भारत के संकल्प को अपने प्रवचन में विस्तार दिया है। आदरणीय राष्ट्रपति महोदया ने अहम विषय उठाएं हैं। आदरणीय राष्ट्रपति जी ने हम सबका और देश का मार्गदर्शन किया है, इसके लिए मैं राष्ट्रपति जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
कल और आज कई माननीय सदस्यों ने राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। मैं विशेषकर के जो पहली बार सांसद बनकर के हमारे बीच आए हैं और उनमें से कुछ आदरणीय साथियों ने अपने जो विचार व्यक्त किए, संसद के सभी नियमों का पालन करते हुए किए, उनका व्यवहार ऐसा था जैसे एक अनुभवी सांसद का होता है। और इसलिए प्रथम बार आने के बावजूद भी उन्होंने सदन की गरिमा को बढ़ाया है और उन्होंने अपने विचारों से इस डिबेट को और अधिक मूल्यवान बनाया है।
मोदी ने कहा, देश ने एक सफल चुनाव अभियान को पार करते हुए विश्व को दिखा दिया है कि ये दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव अभियान था। देश की जनता ने दुनिया के सबसे बड़े चुनाव अभियान में, जनता ने हमें चुना हैं। मैं कुछ लोगों की पीड़ा समझ सकता हूं कि लगातार झूठ चलाने के बावजूद भी उनका घोर पराजय हुआ और लोकतंत्र के, आदरणीय सभापति जी, ये विश्व का सबसे बड़ा चुनाव अभियान और उसमें भारत की जनता ने हमें तीसरी बार देश की सेवा करने का मौका दिया है। ये अपने आप में लोकतांत्रिक विश्व के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण घटना है, बहुत ही गौरवपूर्ण घटना है।
हमें हर कसौटी पर कसने के बाद देश की जनता ने ये जनादेश दिया है। जनता ने हमारे 10 साल के ट्रेक रिकॉर्ड को देखा है। जनता ने देखा है कि गरीबों के कल्याण के लिए हमने जिस समर्पण- भाव से जनसेवा ही प्रथम सेवा इस मंत्र को कृतार्थ करते हुए, हमने जो कार्य किया है उसके कारण 10 साल में 25 करोड़ गरीब गरीबी से बाहर निकले हैं। देश की आजादी के कालखंड में इतने कम समय में, इतने लोगों को गरीबी से बाहर निकालने का ये सफल प्रयास इस चुनाव में हमारे लिए आशीर्वाद का कारण बना है।
हम 2014 में जब पहली बार जीतकर के आए थे तो चुनाव के अभियान में भी हमने कहा था कि हमारा करप्शन के प्रति zero tolerance रहेगा। और आज मुझे गर्व है कि हमारे सरकार ने देश का सामान्य मानवी जो करप्शन के कारण पीड़ित है, देश को करप्शन ने दीमक की तरह खोखला कर दिया है। ऐसे में भ्रष्टाचार के प्रति हमारी जो zero tolerance नीति है, आज देश ने हमें उसके लिए आशीर्वाद दिया है।
आज दुनिया भर में भारत की साख बढ़ी है। आज विश्व में भारत का गौरव हो रहा है और भारत की तरफ देखने का नजरिया भी एक गौरवपूर्ण नजरिया हर भारतवासी अनुभव करता है। देश की जनता ने देखा है कि हमारा एकमात्र लक्ष्य nation first है, भारत सर्वप्रथम है। हमारे हर नीति, हमारे हर निर्णय, हमारे हर कार्य का एक ही तराजू रहा है कि भारत प्रथम और भारत की प्रथम की भावना के साथ देश में जो आवश्यक reform थे, उस reform को भी हमने लगातार जारी रखा हैं। 10 वर्ष में हमारी सरकार ‘सबका साथ सबका विकास’ इस मंत्र को लेकर के लगातार देश के सभी लोगों का कल्याण करने का प्रयास करती रही है। हम उस सिद्धातों को समर्पित हैं जिसमें भारत के संविधान के स्प्रिट के अनुसार सर्वपंथ समभाव उस विचार को सर्वोपरि रखते हुए हमने देश की सेवा करने प्रयास किया हैं।
इस देश ने लंबे अरसे तक तुष्टिकरण की राजनीति भी देखी, इस देश ने लंबे अरसे तक तुष्टीकरण का गवर्नेंस का मॉडल भी देखा। देश ने पहली बार secularism का एक पूरा हमने जो प्रयास किया और वो हमने तुष्टीकरण नहीं, संतुष्टीकरण और संतुष्टीकरण के विचार को लेकर के हम चले हैं। और जब हम संतुष्टीकरण की बात करते हैं तो इसका मतलब है कि हर योजना का सैचुरेशन। गवर्नेंस की आखिरी व्यक्ति तक पहुंचने की हमारी जो संकल्पना है इसको परिपूर्ण करना। और जब हम सैचुरेशन के सिद्धांत को लेकर चलते हैं तब सैचुरेशन सच्चे अर्थ में सामाजिक न्याय होता है। सैचुरेशन सच्चे अर्थ में secularism होता है और उसी को देश की जनता ने हमें तीसरी बार बिठाकर के मोहर लगा दी है।
मोदी ने कहा कि Appeasement ने इस देश तबाह करके रखा है और इसलिए हमने justice to all, appeasement to none इस सिद्धांत को लेकर के चले हैं। 10 साल के हमारे कार्यकाल को देखने, परखने के बाद भारत की जनता ने हमारा समर्थन किया है। हमें फिर एक बार 140 करोड़ देशवासियों की सेवा करने का मौका मिला है। इस चुनाव ने इस बात को सिद्ध किया है कि भारत की जनता कितनी परिपक्व है, भारत की जनता कितने विवेकपूर्ण से और कितने उच्च आदर्शों को लेकर के अपने विवेक का सद्बुद्धि से उपयोग करती है। और उसी का नतीजा है कि आज तीसरी बार हम आपके सामने, देश की जनता के सामने नम्रतापूर्वक सेवा करने के लिए उपस्थित हुए हैं। देश की जनता ने हमारी नीतियों को देखा है। हमारी नीयत, हमारी निष्ठा उस पर देश की जनता ने भरोसा किया है। इस चुनाव में हम जनता के बीच एक बड़े संकल्प के साथ देश की जनता के पास आशीर्वाद मांगने के लिए गए थे। और हमने आशीर्वाद मांगा था विकसित भारत के हमारे संकल्प के लिए। हमने विकसित भारत के निर्माण के लिए एक प्रतिबद्धता के साथ, एक शुभनिष्ठा के साथ, जन सामान्य का कल्याण करने के इरादे से हम गए थे। जनता ने विकसित भारत के संकल्प को चार चांद लगा करके हमें फिर से एक बार हमें विजयी बनाकर के देश की जनता की सेवा करने का मौका दिया है। जब देश विकसित होता है तब कोटि-कोटि जनों के सपने पूरे होते हैं। देश जब विकसित होता है तब कोटि-कोटि जनों के संकल्प सिद्ध होते हैं।
जब देश विकसित होता है तब आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक मजबूत नीव उनके सपनों को पूरा करने के लिए तैयार हो जाती है। विकसित भारत का सीधा-सीधा लाभ हमारे देश के नागरिकों की गरिमा, हमारे देश के नागरिकों के quality of life में सुधार ये स्वाभाविक हमें विकसित भारत होने से देश के कोटि-कोटि जनों के भाग्य में आता है। आजादी के बाद मेरे देश का सामान्य नागरिक इन चीजों के लिए तरसता रहा है। जब विकसित भारत होता है तब हमारे गांव की स्थिति, हमारे शहरों की स्थिति उसमें भी बहुत बड़ा सुधार होता है। गांव के जीवन में गौरव भी होता है, गरिमा भी होती है और विकास के नए-नए अवसर भी होते हैं। हमारे शहरों का विकास भी एक अवसर के रूप में विकसित भारत में उभरता है तब दुनिया की विकास यात्रा में भारत के शहर भी बराबरी करेंगे ये हमारा सपना है।
मोदी ने कहा कि विकसित भारत का मतलब होता है कोटि-कोटि नागरिकों को कोटि-कोटि अवसर उपलब्ध होते हैं। अनेक-अनेक अवसर उपलब्ध होते हैं और वो अपने कौशल, अपनी क्षमता और संसाधनों के अनुसार विकास की नई सीमाओं को प्राप्त कर सकता है। मैं आज आपके माध्यम से देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं, मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि विकसित भारत के जिस संकल्प को लेकर के हम चले हैं उस संकल्प की पूर्ति के लिए हम भरसक प्रयास करेंगे, पूरी निष्ठा से करेंगे, पूरी ईमानदारी से करेंगे और हमारा समय का पल-पल और हमारे शरीर का कण-कण हम देशवासियों को विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए लगाएंगे। हमने देश की जनता को कहा था 24 by7 for 2047. आज मैं इस सदन में दोहराता हूं कि हम उस काम को अवश्य पूरा करेंगे।
2014 के उन दिनों को याद कीजिए, उन 2014 के उन दिनों को याद करेंगे तो हमारे ध्यान में आएगा कि हमारे देश के लोगों ने उनका आत्मविश्वास खो चुका था, देश निराशा की गर्त में डूब चुका था। ऐसे में 2014 के पहले देश ने जो सबसे बड़ा नुकसान भुगता था, जो सबसे बड़ी अमानत खोई थी, वो था देशवासियों को आत्मविश्वास। और जब विश्वास और आत्मविश्वास खो जाता है तब उस व्यक्ति को, उस समाज को, उस देश को खड़ा होना मुश्किल हो जाता है। और उस समय सामान्य मानवी के मुहं से यही निकलता था कि वो इस देश का कुछ हो नहीं सकता, उस समय हर जगह पर ये सात शब्द सुनाई देते थे। इस देश का कुछ नहीं हो सकता। यही शब्द 2014 के पहले सुनाई देते थे । भारतीयों की हताशा के ये सात शब्द एक प्रकार से पहचान बन गए थे। उस समय हर आए दिन अखबार खोलते थे तो घोटालों की खबरें ही पढ़ने को मिलती थी। और सैंकड़ों करोड़ के घोटाले, रोज नए घोटाले, घोटालों की घोटालों से स्पर्धा, ये घोटालेबाज लोगों के घोटाले, इसी का ये कालखंड था। और बेशर्मी के साथ सार्वजनिक रूप से स्वीकार भी कर लिया जाता था कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है तो 15 पैसा पहुंचता है। एक रुपये में 85 पैसे का घोटाला। इस घोटालों की दुनिया ने देश को निराशा की गर्त में डूबा दिया था। पॉलिसी paralysis था। भाई भतीजावाद इतना फैला हुआ था कि जिसके लिए सामान्य नौजवान तो आशा छोड़ चुका था कि अगर कोई सिफारिश करने वाला नहीं है तो जिंदगी अटक जाएगी। ये स्थति पैदा हुई थी। गरीब को घर लेना हो हजारों रुपयों की रिश्वत देनी पड़ती थी।
अरे गैस के कनेक्शन के लिए, Member Parliament के यहां, सांसदों के यहां अच्छे अच्छों को चक्कर काटने पड़ते थे। और वो भी बिना कट लिए गैस के कनेक्शन नहीं मिलते थे। मुफ्त राशन भी पता नहीं कब बाजार में दुकान पर बोर्ड लटक जाए। हक का राशन नहीं मिलता था, उसके लिए भी रिश्वत देनी पड़ती थी। और हमारे ज्यादातर भाई – बहन इतने निराश हो चुके थे कि वो अपने भाग्य को दोष देकर के, अपने नसीब को दोष देकर के जिंदगी काटने के लिए मजबूर हो जाते थे।
वो एक वक्त था 2014 के पहले जब वो सात शब्द हिन्दुस्तान के जन मन में स्थिर हो चुके थे। निराशा की गर्त में डूबा हुआ समाज था। तब देश की जनता ने हमें सेवा करने के लिए चुना था और वो पल देश के परिवर्तित युग का प्रारंभ हो चुका था। और 10 साल में मैं कहूंगा मेरी सरकार की अनेक सफलताएं हैं, अनेक सिद्धियां हैं। लेकिन एक सिद्धि जिसने हर सिद्धियों में भी जोर भर दिया, ताकत भर दी वो थी देश निराशा की गर्त में से निकलकर के आशा और विश्वास के साथ खड़ा हो गया। देश में आत्मविश्वास बुलंदी पर पहुंचा और उसके कारण वो सब वक्त के जो शब्द थे देश की युवा पीढ़ी की dictionary से निकलने लगे। धीरे- धीरे देश के मन में स्थिर हो गया। जो 2014 से पहले कहते थे कुछ नहीं हो सकता, वो कहने लगे कि अब इस देश में सब कुछ हो सकता है, इस देश में सब कुछ संभव है। ये विश्वास जताने का काम किया हमने। सबसे पहले तेज 5जी रोल आउट हमने दिखाया। आज देश कहने लगा तीव्र गति से 5जी का रोल आउट होना, देश गौरव से कहने लगा भारत कुछ भी कर सकता है।
वो एक जमाना था जब कोयले घोटाले में बड़ों-बड़ों के हाथ काले हो चुके थे। आज कोयले का सर्वाधिक उत्पाद, सर्वाधिक पुनरक्षण आज coal production के विक्रम हुए हैं। और इसी के कारण देश अब कहने लगा है-अब भारत कुछ भी कर सकता है। वो एक समय था 2014 के पहले फोन बैंकिंग करके बड़े-बड़े बैंक घोटाले किये जा रहे थे। अपनी personal property की तरह बैंक का खजाना लूट लिया गया था।
मोदी ने कहा कि 2014 के बाद नीतियों में परिवर्तन, निर्णयों में गति, निष्ठा प्रमाणिकता की और उसी का परिणाम है दुनिया की अच्छी बैंकों में आज भारत की बैंकों का स्थान बन गया। आज भारत की बैंक सर्वाधिक मुनाफा करने वाली बैंक बन गई। और लोगों की सेवा करने के लिए। 2014 के पहले वो भी एक वक्त था जब आतंकी आकर के जी चाहे वहां, जी चाहे वहां, जब चाहे वहां हमला कर सकते थे। 2014 के बाद स्थिति ये बनी कि जब वहां उस समय 2014 के पहले निर्दोष लोग मारे जाते थे। हिन्‍दुस्‍तान के कोने-कोने को टारगेट किया जाता था और सरकारें चुपचाप बैठी रहती थी, मुंह तक खोलने को तैयार नहीं थी। आज 2014 के बाद का हिन्‍दुस्‍तान घर में घुसकर मारता है, सर्जिकल स्ट्राइक करता है, एयर स्ट्राइक करता है और आतंकवाद के आकाओं को भी सामर्थ्‍य दिखा दिया है। देश एक-एक नागरिक जानता है कि अपनी सुरक्षा के लिए भारत कुछ भी कर सकता है।
मोदी ने कश्मीर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370, इसकी पूजा करने वाले लोगों ने वोट बैंक की राजनीति का हथियार बनाने वालों ने 370 को उसने जम्मू-कश्मीर के जो हालात कर दिए थे, वहां के लोगों के अधिकार छीन लिए थे, भारत का संविधान जम्‍मू-कश्मीर की सीमा में प्रवेश नहीं कर सकता था और यहां संविधान सर पर रखकर के नाचने वाले लोग संविधान को जम्मू-कश्मीर में लागू करने का हौसला नहीं रखते थे। बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान किया करते थे और 370 का वो जमाना था, सेनाओं पर पत्थर चलते थे और लोग निराशा में डूबकर के कहते थे, अब तो जम्मू-कश्मीर में कोई हो नहीं सकता है। आज आर्टिकल 370 की दीवार गिरी, पत्थरबाजी बंद है, लोकतंत्र मजबूत है और लोग बढ़-चढ़ करके भारत के संविधान में भरोसा करते हुए, भारत के तिरंगे झंडे पर भरोसा करते हुए, भारत के लोकतंत्र में भरोसा करते हुए बढ़-चढ़ करके मतदान करने के लिए आगे आ रहे हैं, ये साफ-साफ दिखाई देता है।
140 करोड़ देशवासियों में ये विश्वास पैदा होना ये उम्मीद और जब विश्वास जगता है तो विकास का वो ड्राइविंग फोर्स बन जाता है। इस विश्वास ने विकास का ड्राइविंग फोर्स का काम किया है। ये विश्वास विकसित भारत, संकल्प से सिद्धि का विश्वास है। जब आजादी की जंग चल रही थी और जो भाव देश में था। जो जोश था, उत्साह था, उमंग था, जो विश्वास था कि आजादी लेकर रहेंगे, आज देश के कोटि-कोटि जनों में वो विश्वास पैदा हुआ है जिस विश्वास के कारण आज विकसित भारत होना एक प्रकार से उसकी मजबूत नींव इस चुनाव में शिलान्यास हो चुका है। जो ललक आजादी के आंदोलन में थी, वो ही ललक विकसित भारत के इस सपने को साकार करने में है।
आज भारत के लक्ष्य बहुत विराट हैं और आज भारत को एक ऐसी स्थिति पर 10 साल में पहुंचा है कि हमें खुद से ही स्पर्धा करनी है, हमें ही अपने पुराने रिकॉर्ड तोड़ने हैं और नेक्‍स्‍ट लेवल पर हमें हमारी विकास यात्रा को ले जाना है। 10 वर्षों में भारत विकास की जिस ऊंचाई पर पहुंचा है वो हमारी प्रतिस्पर्धा का एक मार्क बन चुका है, एक बेंचमार्क बन चुका है। पिछले 10 साल में हमने जो स्पीड पकड़ी है, अब हमारा मुकाबला उसी स्पीड को और ज्यादा स्पीड में ले जाने का है और विश्वास है देश की इच्छा को हम उसी गति से पूरा करेंगे। हम हर सफलता को, हर सेक्टर को नेक्‍स्‍ट लेवल तक ले जाएंगे। 10 सालों में भारत की इकोनॉमी को 10 साल के अल्पकाल में हम 10 नंबर से इकोनॉमी को 5 नंबर पर ले गए। अब हम नेक्‍स्‍ट लेवल पर जाने के लिए जिस गति से निकले हैं, अब हम देश की इकोनॉमी को नंबर 3 पर ले जाएंगे।
मोदी ने कहा कि 10 सालों में हमने भारत को मोबाइल फोन का बड़ा मैन्युफैक्चरर बना दिया। भारत को मोबाइल फोन का बड़ा एक्सपोर्टर बना दिया। अब यही काम इस हमारे टेन्योर में सेमीकंडक्टर और अन्य सेक्‍टर्स में हम करने जा रहे हैं। दुनिया के महत्वपूर्ण कामों में जो चिप्स काम में आएंगी, वो चिप मेरे भारत की मिट्टी में तैयार हुई होगी। मेरे भारत की नौजवानों की बुद्धि का परिणाम होगा। मेरा भारत के नौजवानों के परिश्रम का परिणाम होगा, ये विश्वास हमारे दिल में है।
हम आधुनिक भारत की तरफ भी जाएंगे। हम विकास की नई ऊंचाइयों को, लेकिन हमारी जड़ें जमीन से जुड़ी रहेंगी, हमारे पैर देश के जनसामान्य की जिंदगी से जुड़े रहेंगे, और हम चार करोड़ गरीबों के घर बना चुके हैं। आने वाले इस टेन्योर में तेज गति से तीन करोड़ और घर बना करके इस देश में किसी को भी घर के बिना रहना न पड़े, ये हम देखेंगे।
दस साल में women self help group में हमने देश की कोटि-कोटि बहनों को entrepreneur के क्षेत्र में एक बहुत सफलता पूर्वक हम आगे बढ़े हैं। अब हम उसको next level पर ले जाने वाले हैं। अब हमारे women self help group में जो बहनें काम कर रही हैं, उनकी आर्थिक गतिविधि इतना बढ़ाना चाहते हैं, उसका इतना विस्तार करना चाहते हैं कि हम बहुत कम समय में तीन करोड़ ऐसी बहनों को लखपति दीदी बनाने का संकल्प ले करके चलने वाले हैं।
उन्होंने कहा, मैंने पहले भी कहा है, आज मैं फिर से दोहरा रहा हूं- हमारी तीसरी टर्म का मतलब है हम तीन गुना स्पीड से काम करेंगे। हमारी तीसरी टर्म का मतलब है हम तीन गुना शक्ति लगाएंगे। हमारी तीसरी टर्म का मतलब है हम देशवासियों को तीन गुना परिणाम लाकर दे देंगे। एनडीए का तीसरी बार सरकार में आना एक ऐतिहासिक घटना है। आजादी के बाद ये सौभाग्य दूसरी बार इस देश में आया है। और 60 साल के बाद आया है। इसका मतलब ये सिद्धि पाना कितना कठोर परिश्रम के बाद होता है। कितना अभूतपूर्व विश्वास संपादन होने के बाद होता है। ऐसे ही ये राजनीति के खेल से नहीं होता है। जनता जनार्दन की सेवा से प्राप्त आशीर्वाद से होता है।
जनता ने हमें स्थिरता और निरंतरता, इसके लिए जनादेश दिया है। लोकसभा चुनाव के साथ ही आदरणीय सभापति जी, लोगों की नजर से चीजें जरा ओझल हो गईं। लोकसभा चुनाव के साथ-साथ हमारे देश में चार राज्यों के भी चुनाव हुए हैं और आदरणीय सभापति जी, इन चारों ही राज्यों में एनडीए ने अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है, अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है। हमने शानदार विजय प्राप्त की है। महाप्रभु जगन्नाथ जी की धरती उड़ीसा ने हमें भरपूर आशीर्वाद दिया है। आंध्र प्रदेश एनडीए ने क्‍लीन स्‍वीप किया है। सूक्ष्म दर्शन यन्त्र में भी ये नजर नहीं आते हैं। अरुणाचल प्रदेश, हम फिर एक बार सरकार बनाएंगे। सिक्किम में एनडीए ने फिर एक बार सरकार बनाई है। अभी 6 महीने पहले ही आदरणीय सभापति जी, आपका होम स्टेट राजस्‍थान, मध्‍य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हमने प्रचण्ड विजय पाया है। हमें नए-नए क्षेत्रों में जनता का प्यार मिल रहा है, जनता का आर्शीवाद मिल रहा है।
बीजेपी ने केरला में इस बार खाता खोला है और बड़े गर्व से केरला से हमारे सांसद हमारे साथ बैठते हैं। तमिलनाडु में कई सीटों पर बीजेपी ने दमदार उपस्थिति दर्ज की है। कर्नाटक, यूपी और राजस्थान में पिछले बार की तुलना में बीजेपी का वोट परसेंट बढ़ा है। आने वाले समय में तीन राज्यों में चुनाव है। जिन राज्यों में चुनाव है उसमें से तीन की मैं बात करता हूं। महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड… यहां चुनाव आ रहे हैं।
पिछली विधानसभा में इन तीन राज्यों में हमें जितने वोट मिले थे। इस लोकसभा चुनाव में इन तीन राज्यों में हमें उससे भी ज्यादा वोट मिले थे। पंजाब में भी हमारा अभूतपूर्व प्रदर्शन रहा है और हमें बढ़त मिली है। जनता जनार्दन का भरपूर आशीर्वाद हमारे साथ है। 2024 के चुनाव में कांग्रेस के लिए भी इस देश की जनता ने जनादेश दिया है और इस देश की जनादेश है कि आप वहीं बैठिए, विपक्ष में ही बैठो और तर्क खत्‍म हो जाएं तो चीखते रहो, चिल्‍लाते रहो।
कांग्रेस के इतिहास का ये पहला मौका है, जब लगातार तीन बार, लगातार तीन बार कांग्रेस 100 का आंकड़ा पार नहीं कर पाई है। कांग्रेस के इतिहास में ये तीसरी सबसे बड़ी हार है। तीसरा सबसे खराब प्रदर्शन है। अच्‍छा होता कांग्रेस अपनी हार स्वीकार करती, जनता जनार्दन के आदेश को सर-आंखों पर चढ़ाती, आत्ममंथन करती… लेकिन ये तो कुछ शीर्षासन करने में लगे हुए हैं और कांग्रेस और उसका इकोसिस्टम दिन-रात बिजली जला करके हिन्‍दुस्‍तान के नागरिकों के मन में ये प्रस्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने हमें हरा दिया है।
ऐसा क्यों हो रहा है? मैं जरा अपने सामान्य के जीवन के अनुभव से बताता हूं। कोई छोटा बच्चा साइकिल लेकर के निकला है और अगर वो बच्चा गिर जाता है, साइकिल से लुढ़क जाता है, रोने लगता है तो कोई बड़ा व्यक्ति आकर के उसके पास पहुंच जाता है और उसको कहता है देखो चींटी मर गई, देखो चिड़िया उड़ गई, अरे देखो तुम तो बढ़िया साइकिल चलाते हो, अरे तुम तो गिरे नहीं हो… ऐसा करके उसका जरा मगज ठीक करने के लिए प्रयास करते हैं। उसका ध्यान भटका करके उस बच्‍चे का मन बहला देते हैं। तोे आजकल बच्चे का मन बहलाने का काम चल रहा है और कांग्रेस के लोग और उनका इकोसिस्टम आजकल ये मन बहलाने का काम कर रहा है।
1984, उस चुनाव को याद कीजिए, उसके बाद इस देश में 10 लोकसभा के चुनाव हुए… 10 लोकसभा के चुनाव हुए हैं… 1984 के बाद 10-10 लोकसभा के चुनाव होने के बावजूद भी कांग्रेस 250 के आंकड़े को छू नहीं पाई है। इस बार किसी तरह 99 के चक्कर में फंसे गए हैं। मुझे एक किस्सा याद आता है… 99 मार्क्स लेकर एक बालक घमंड में घूम रहा था और वो सबको दिखाता था देखो कितने ज्यादा मार्क्स आए हैं, तो लोग भी जब 99 सुनते थे तो शाबाशी देते थे, बहुत उसको हौसला बुलंद करते थे। तो फिर उनके टीचर आए कि भैया किस बात की मिठाई बांट रहे हो? ये 100 में से 99 नहीं लाया, ये तो 543 में से लाया है। अब उस बालक-बुद्धि को कौन समझाए कि तुमने फेल होने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना लिया है। कांग्रेस…
मोदी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के नेताओं के बयानों में ये बयानबाजी ने शोले फिल्म को भी पीछे छोड़ दिया है। आप सबको शोले फिल्‍म की वो मौसी जी याद होंगी… तीसरी बार तो हारे हैं पर मौसी ये बात तो सही है तीसरी बार ही तो हारे हैं पर मौसी मोरल विक्‍ट्री तो है ना? 13 राज्यों में 0 सीटें आईं हैं, अरे मौसी 13 राज्यों में 0 सीटें आईं हैं पर हीरो तो है ना? अरे पार्टी की लुटिया तो डुबोई है, अरे मौसी पार्टी अभी भी सांसे तो ले रही है। मैं कांग्रेस के लोगों को कहूंगा, जनादेश को फर्जी जीत के जश्न में मत दबाओ। जनादेश को फर्जी जीत के नशे में मत डुबाओ, उस जश्न में मत दबाओ। ईमानदारी से देशवासियों के जनादेश को जरा समझने की कोशिश करो, उसे स्वीकार करो। सभापति जी, मुझे नहीं पता कि कांग्रेस के जो साथी दल हैं, उन्होंने इस चुनाव का विश्लेषण किया है कि नहीं किया है। ये चुनाव इन साथियों के लिए भी एक संदेश है। अब कांग्रेस पार्टी 2024 से एक परजीवी कांग्रेस पार्टी के रूप से जानी जाएगी। 2024 से जो कांग्रेस है वो परजीवी कांग्रेस है और परजीवी वो होता है जो जिस शरीर पर उस शरीर के साथ रहता है, ये परजीवी उसी को ही खाता है। कांग्रेस भी जिस पार्टी के साथ गठबंधन करती है, उसी के वोट खा जाती है और अपनी सहयोगी पार्टी की कीमत पर वो फलती-फूलती है और इसलिए कांग्रेस परजीवी कांग्रेस बन चुकी है। मैं जब परजीवी कह रहा हूं तो तथ्यों के आधार पर कह रहा हूं।
मैं कुछ आंकड़े आपके माध्यम से सदन को और इस सदन के माध्यम से देश के सामने रखना चाहता हूं। जहां-जहां भाजपा और कांग्रेस का सीधा मुकाबला था या जहां कांग्रेस मेजर पार्टी थी और साथी के पास 1-2-3 सीटें थीं वहां कांग्रेस का स्ट्राइक रेट सिर्फ और सिर्फ 26 परसेंट है। लेकिन जहां किसी का पल्लू पकड़कर के चलते थे, जहां वो जूनियर पार्टनर थे, किसी दल ने उनको कुछ दे दिया मौका, ऐसे राज्यों में कांग्रेस जहां जूनियर पार्टनर थी उनका स्ट्राइक रेट 50 परसेंट है। और कांग्रेस की 99 सीटों में से ज्यादातर सीटें उनके सहयोगियों ने उनको जिताया है। और इसलिए मैं कहता हूं ये परजीवी कांग्रेस है। 16 राज्यों में जहां कांग्रेस अकेले लड़ी वहां उसका वोटर शेयर इस चुनाव में गिर चुका है।
गुजरात, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश इन तीन राज्यों में जहां कांग्रेस अपने दम पर लड़ी और 64 में से, चौंसठ में से सिर्फ 2 सीट जीत पाई है, 64 में से 2. इसका साफ मतलब है कि इस चुनाव में कांग्रेस पूरी तरह परजीवी बन चुकी और अपने सहयोगी दलों के कंधे पर उन्होंने चढ़कर के ये सीटों का आंकड़ा बढ़ाया है। अगर कांग्रेस ने अपने सहयोगियों के जो वोट खाए हैं वो अगर ना खाए होते तो लोकसभा में उनके लिए इतनी सीटें जीत पाना भी बहुत मुश्किल था।
ऐसे समय एक अवसर आया देश ने विकास के रास्ते को चुना है, देश ने विकसित भारत के सपने को साकार करने का मन बना लिया है। तब भारत को एकजुट होकर समृद्धि का नया सफर तय करना है। ऐसे समय ये देश का दुर्भाग्य है कि हिंदुस्तान में 6-6 दशक तक राज करने वाली कांग्रेस पार्टी अराजकता फैलाने में जुट़ी हुई है। ये दक्षिण में जाकर उत्तर के लोगों के खिलाफ बोलते हैं, ये उत्तर में जाकर के दक्षिण के खिलाफ जह़र उगलते हैं, पश्चिम के लोगों के खिलाफ बोलते हैं, महापुरुषों के खिलाफ बोलते हैं। इन्होंने भाषा के आधार पर बांटने की हर कोशिश की है। जिन नेताओं ने देश के हिस्से को भारत से अलग करने की वकालत की थी उनको संसद की टिकट देने तक का दुर्भाग्य हमें देखना पड़ा जो कांग्रेस पार्टी ने पाप किया है। कांग्रेस पार्टी खुलेआम एक जाति को दूसरी जाति के खिलाफ लड़ाने के लिए रोज नए-नए narrative जड़ रही है। नयी नयी अफवाहें फैला रही है।
उन्होंने कहा कि देश के एक हिस्से के लोगों को हीन बताने की प्रवृत्ति का भी कांग्रेस के लोग बढ़ावा दे रहे हैं। कांग्रेस देश में आर्थिक अराजकता फैलाने की दिशा में भी सोची-समझी चाल रही है। चुनाव के दौरान जो बातें की गई राज्यों में, उनके राज्यों में जिस प्रकार से आर्थिक कदम ये उठा रहे हैं, ये वो रास्ता आर्थिक अराजकता की तरफ देश को घसीटने वाला है। उनके राज्य देश पर आर्थिक बोझ बन जाए ये खेल जानबूझकर के खेला जा रहा है। मंचों से साफ-साफ घोषणा की गई, अगर इनके मन का परिणाम नहीं आया 4 जून को देश में आग लगा दी जाएगी। लोग इकट्ठे होंगे, अराजकता फैलाएंगे ये अधिकृत रूप से आह्वान किए गए। ये अराजकता फैलाना इनका मकसद है। भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सवालों के घेरे में लाकर अराजकता फैलाने का प्रयास किया गया है। CAA को लेकर जो अराजकता फैलाई गई, देश के लोगों में गुमराह करने का जो खेल खेला गया, पूरी eco-system इस बात को बल देती रही क्योंकि उनकी राजनीतिक मकसद परे हो।
देश को दंगों में झोंकने के भी उचित प्रयास पूरे देश ने देखें हैं। आजकल sympathy gain करने का एक नई ड्रामेबाजी शुरू की गई है, नया खेल खेला जा रहा है, मैं एक किस्सा सुनाता हूं। एक बच्चा स्कूल से आया और जोर-जोर से रोने लगा और उसकी मां भी डर गई क्या हो गया, बहुत रोने लगा और फिर कहने लगा मां मुझे आज स्कूल में मारा गया, आज स्कूल में मुझे उसने मारा, आज स्कूल में मुझे इसने मारा और जोरो-जोरो से रोने लगा, मां परेशान हो गई। उसने उसे पूछा कि बेटा बात क्या थी लेकिन वो बता नहीं रहा था बस रो रहा था मुझे मारा, मुझे मारा। बच्चा ये नहीं बता रहा था कि आज स्कूल में उस बच्चे ने किसी बच्चे को मां की गाली दी थी। उसने ये नहीं बताया किसी बच्चे की किताबें उसने फाड़ दी थी। उसने ये नहीं बताया कि उसने टीचर को चोर कहा था। उसने ये नहीं बताया कि किसी का टिफिन चुराकर के खा गया था। हमने कल सदन में यही बचकाना हरकत देखी हैं। कल यहां बालक बुद्धि विलाप चल रहा था, मुझे मारा गया, मुझे इसने मारा, मुझे उसने मारा, मुझे यहां मारा, मुझे वहां मारा। ये चल रहा था।
Sympathy हासिल करने के लिए ये नया ड्रामा चलाया गया है। लेकिन देश ये सच्चाई जानते हैं कि ये हजारों करोड़ रुपये, उसकी हेरा-फेरी के मामले में जमानत पर बाहर है। ये ओबीसी वर्ग के लोगों को चोर बताने के मामले में सजा पा चुके हैं। इनको देश की सर्वोच्च अदालत पर गैर-जिम्मेदाराना बयान देने के बाद माफी मांगनी पड़ी है। इनपर महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर जैसे महान व्यक्तित्व पर अपमान करने का मुकदमा है। इनपर देश की सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष को हत्यारा कहने का मुकदमा चल रहा है। इनपर अनेक नेताओं, अधिकारियों संस्थानों पर झूठ बोलने के गंभीर आरोप हैं, और वो केस चल रहे हैं।
बालक बुद्धि में ना बोलने का ठिकाना होता है और ना ही बालक बुद्धि में व्यवहार का कोई ठिकाना होता है। और जब ये बालक बुद्धि पूरी तरह सवार हो जाती है तो सदन में भी किसी के गले पड़ जाते हैं। ये बालक बुद्धि अपनी सीमाएं खो देती हैं तो सदन के अंदर बैठकर के आंखें मारते हैं, आंखें मारते हैं। इनकी सच्चाई आदरणीय सभापति जी अब पूरा देश समझ गया है। इसलिए आज देश इनसे कह रहा है तुमसे नहीं हो पाएगा, तुमसे न हो पाएगा।
तुलसीदास जी कह गए हैं, अखिलेश जी… तुलसीदास जी कह गए हैं झूठइ लेना झूठइ देना। झूठइ भोजन झूठ चबेना। तुलसीदास जी ने कहा है झूठइ लेना झूठइ देना। झूठइ भोजन झूठ चबेना। कांग्रेस ने झूठ को राजनीति का हथियार बनाया। कांग्रेस के मुंह झूठ लग गया है। जैसे वो आदमखोर एनिमल होता है ना जिसको लहू मुंह पर लग जाता है वैसे आदरणीय सभापति जी, कांग्रेस के मुंह झूठ का खून लग गया है। देश ने कल 1 जुलाई को खटाखट दिवस भी मनाया है। 1 जुलाई को लोग अपने बैंक चैक कर रहे थे। कि 8500 रुपए आए कि नहीं आए। ये झूठ नेरेटिव का परिणाम देखिए कांग्रेस ने देशवासियों को गुमराह किया। माताओं-बहनों को हर महीने 8500 रुपए देने का झूठ इन माताओं के, बहनों के दिलों को जो चोट लगी है ना वो श्राप बनकर के ये कांग्रेस को तबाह करने वाली है।
ईवीएम को लेकर झूठ, संविधान को लेकर झूठ, आरक्षण को लेकर झूठ, उससे पहले राफेल को लेकर झूठ, एचएएल को लेकर के झूठ, एलआईसी को लेकर के झूठ, बैंकों को लेकर झूठ, कर्मचारियों को भी भड़काने के प्रयास हुए। हौसला तो इतना बढ़ गया कि कल सदन को भी गुमराह करने का प्रयास हुआ। कल अग्निवीर को लेकर सदन में झूठ बोला गया। कल यहां भरपूर असत्य बोला गया कि एमएसपी नहीं दिया जा रहा।
संविधान की गरिमा से खिलवाड़ ये सदन का दुर्भाग्य है और अनेक बार लोकसभा में जीतकर के आए लोग सदन की गरिमा के साथ खिलवाड़ करे ये शोभा नहीं देता है। सदन की गरिमा से खिलवाड़ ये हमारा संविधान निर्माताओं का अपमान है, इस देश के महापुरुषों को अपमान है। देश के लिए आजादी के लिए बलिदान देने वाले वीर सपूतों को अपमान है और इसलिए सभापति जी, मैं जानता हूं आप बहुत सर्वदयी हैं, आप उदार मन के मालिक हैं, आप संकट के समय भी हल्की फुल्की मीठी मुस्कान के साथ चीजों को झेल लेते हैं। अब जो हो रहा है, कल जो हुआ है उसको गंभीरता से लिए बिना संसदीय लोकतंत्र को हम रक्षित नहीं कर पाएंगे। इन हरकतों को बालक बुद्धि कहकर के, बालक बुद्धि मानकर के अब नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, कतई नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। और मैं इसलिए कह रहा हूं कि इसके पीछे इरादे नेक नहीं हैं, इरादे गंभीर खतरे के हैं और मैं देशवासियों को भी जगाना चाहता हूं। इन लोगों का झूठ हमारे देश के नागरिकों की विवेक बुद्धि पर आशंका व्यक्त करता है। उनका झूठ देश के सामान्य विवेक बुद्धि पर एक तमाचा मारने की निर्लज्ज हरकत है। ये हरकतें देश की महान परंपराओं पर तमाचा है। इस सदन की गरिमा बचाने को बहुत बड़ी जिम्मेदारी आप पर है। सदन में शुरू हुई झूठ की परंपरा पर कठोर कार्रवाई करेंगे ये देशवासियों की भी और इस सदन की भी अपेक्षा है।
कांग्रेस ने संविधान और आरक्षण पर भी हमेशा झूठ बोला है। आज मैं 140 करोड़ देशवासियों के सामने सच्चाई रखना चाहता हूं, बड़ी नम्रता पूर्वक रखना चाहता हूं। देशवासियों को भी इस सत्य को जानना बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि सरकारों को गिराना, मीडिया को दबाना, हर कारनामे संविधान की भावना के खिलाफ, संविधान की धाराओं के खिलाफ, संविधान के एक-एक शब्द के खिलाफ थे। ये वो लोग हैं, जिन्होंने प्रारंभ से देश के दलितों के साथ, देश के पिछड़ों के साथ घोर अन्याय किया है।
और इसी कारण से बाबा साहेब अंबेडकर ने कांग्रेस की दलित विरोधी, पिछड़े विरोधी मानसिकता के कारण, नेहरू जी की कैबिनेट से इस्तीफा दिया था। उन्होंने पर्दाफाश किया था कि कैसे नेहरू जी ने दलितों, पिछड़ों के साथ अन्याय किया। और बाबा साहब अंबेडकर ने कैबिनेट से इस्तीफा देते समय जो कारण बताए थे वो कारण इनके चरित्र को दर्शाते हैं। बाबा साहब अंबेडकर जी ने कहा था मैं सरकार द्वारा अनुसूचित जातियों की उपेक्षा पर अपने अंदर उत्पन्न आक्रोश को रोक नहीं सका, ये बाबा साहब अंबेडकर के शब्द हैं। अनुसूचित जातियों की उपेक्षा इसने बाबा साहब अंबेडकर को आक्रोशित कर दिया। बाबा साहब के सीधे हमले के बाद नेहरू जी ने बाबा साहब अंबेडकर का राजनीतिक जीवन खत्म करने के लिए पूरी ताकत लगा दी।
बाबा साहब की तरह ही दलित नेता बाबू जगजीवन राम जी को भी उनका हक नहीं दिया गया। इमरजेंसी के बाद जगजीवन राम जी के पीएम बनने की संभावना थी। इंदिरा गांधी जी ने पक्का किया कि जगजीवन राम जी किसी भी हालात में पीएम न बनें। और एक किताब में लिखा गया है कि किसी भी कीमत पर जगजीवन राम प्रधानमंत्री नहीं बनने चाहिए। अगर बन गए तो वो हटेंगे नहीं जिंदगी भर। ये इंदिरा गांधी जी का quote उस किताब में है। कांग्रेस ने चौधरी चरण सिंह जी के साथ भी यही व्यवहार किया, उनको भी नहीं छोड़ा था। पिछड़ों के नेता कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बिहार के सपूत सीताराम केसरी के साथ भी अपमानित व्यवहार करने का पाप इसी कांग्रेस ने किया। कांग्रेस पार्टी प्रारंभ से ही आरक्षण की घोर विरोधी रही है। नेहरू जी ने तो मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर के साफ-साफ शब्दों में आरक्षण का विरोध किया था। कांग्रेस के एक प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी ने मंडल कमीशन का रिपोर्ट ठंडे बक्से में सालों तक दबाए रखा था।
गंभीर बात है कि आज हिंदुओं पर झूठा आरोप लगाने की साजिश हो रही है, गंभीर षड्यंत्र हो रहा है। आदरणीय सभापति जी, ये कहा गया हिंदू हिंसक होते हैं, ये हैं आपके संस्कार, ये है आपका चरित्र, ये है आपकी सोच, ये है आपकी नफरत, इस देश के हिंदुओं के साथ ये कारनामे। ये देश शताब्दियों तक इसे भूलने वाला नहीं है। एक सोची समझी रणनीति के तहत इनका पूरा इकोसिस्टम हिंदू परंपरा, हिंदू समाज, इस देश की संस्कृति, इस देश की विरासत, इसको नीचा दिखाना, उसको गाली देना, उसे अपमानित करना, हिंदुओं का मजाक उड़ाना इसे फैशन बना दिया है और उसको संरक्षण देने का काम अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए ऐसे तत्व कर रहे हैं। हमारे देवी-देवताओं का अपमान 140 करोड़ देशवासियों के दिलों को गहरी चोट पहुंचा रहा है। निजी राजनीतिक स्वार्थ के लिए ईश्वर के रूपों का इस प्रकार से खेल। ये देश कैसे माफ कर सकता है।
मैं इस सदन के माध्यम से जानना चाहता हूं, आखिर किसके लिए कांग्रेस हमारी सेनाओं को कमजोर करना चाहती है? किसके फायदे के लिए कांग्रेस वाले सेना के संबंध में इतना झूठ फैला रहे हैं? वन रैंक वन पेंशन को लेकर के देश के वीर जवानों को उनकी आंखों में धूल झोंकने का प्रयास किया गया। हमारे देश में इंदिरा गांधी ने वन रैंक वन पेंशन की व्यवस्था को खत्म किया था।
मोदी ने कहा कि आदरणीय राष्ट्रपति महोदया ने अपने उद्बोधन में पेपर लीक पर भी चिंता जताई है। मैं भी देश के हर विद्यार्थी को, देश के हर नौजवानों को कहूंगा कि सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अत्यंत गंभीर है और युद्धस्तर पर हम अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए एक के बाद एक कदम उठा रहे हैं। युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को कतई छोड़ा नहीं जाएगा। नीट के मामले में पूरे देश में लगातार गिरफ्तारियां की जा रही हैं। केन्द्र सरकार पहले ही एक कड़ा कानून बना चुकी है। परीक्षा कराने वाले पूरे सिस्टम को पुख्ता करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

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