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इसी महीने के अंत तक शुरू हो सकती है नीट यूजी की काउंसलिंग, जानिए क्या कहा एनटीए ने?

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) 2024 के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया इस माह के अंत तक शुरू हो सकती है। काउंसलिंग सत्र जुलाई के पहले सप्ताह में शुरू होने की संभावना थी। हालांकि, काउंसलिंग अधिकारियों ने कोई तारीख या कार्यक्रम अधिसूचित नहीं किया था। सूत्रों ने कहा कि कुछ मेडिकल कॉलेजों को अनुमति पत्र जारी करने की प्रक्रिया अभी जारी है और अतिरिक्त सीट जोड़े जाने की संभावना है। आधिकारिक सूत्र कहा, ‘यह प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद काउंसलिंग की तिथि घोषित की जाएगी, ताकि नए कॉलेजों की सीट पर पहले चरण में ही प्रवेश सुनिश्चित किया जा सके।” उन्होंने बताया कि काउंसलिंग इस महीने के अंत में शुरू होने की संभावना है। कथित कदाचार को लेकर विवादों में घिरी नीट-यूजी 2024 परीक्षा को रद्द करने की मांग के बीच केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में कहा था कि गोपनीयता भंग होने के किसी साक्ष्य के बिना इसे रद्द करने का बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इससे लाखों ईमानदार अभ्यर्थियों पर ‘‘गंभीर असर” पड़ सकता है। उच्चतम न्यायालय ने नीट-यूजी 2024 परीक्षा की काउंसलिंग प्रक्रिया को स्थगित करने से पिछले महीने इनकार कर दिया था। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट-यूजी का आयोजन करती है। इस साल पांच मई को यह परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें 571 शहरों के 4,750 परीक्षा केंद्रों पर लगभग 23 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे। प्रश्नपत्र लीक होने समेत अनियमितताओं के आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए तथा विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। इस संबंध में अदालतों में भी कई मामले दायर किए गए। नीट-यूजी और पीएचडी प्रवेश परीक्षा ‘नेट’ में कथित अनियमितताओं को लेकर जनाक्रोश के बीच केंद्र ने सुबोध सिंह को एनटीए महानिदेशक पद से हटा दिया था तथा एजेंसी द्वारा पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष ढंग से परीक्षा का संचालन सुनिश्चित करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख आर राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति अधिसूचित की थी। नीट-यूजी कई अनियमितताओं के आरोपों को लेकर जांच के दायरे में है और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग-राष्ट्रीय अर्हता परीक्षा (यूजीसी-नेट) को तब रद्द कर दिया गया जब शिक्षा मंत्रालय को सूचना मिली कि इस परीक्षा की शुचिता के साथ समझौता किया गया है। दोनों ही मामलों की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच की जा रही है।

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