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7 राज्यों की 13 विधानसभा सीटों के परिणाम घोषित, 10 सीटों पर जीता इंडिया, सिर्फ दो सीटें भाजपा के हिस्से में आईं, एक पर निर्दलीय रहा विजेता, जानिए किस सीट से किसे मिली जीत और कौन हारा?

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नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों के चुनाव परिणाम शनिवार काे घोषित हो गए। इसमें दस सीटों पर इंडिया, दो सीटों पर भाजपा और एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की।
हिमाचल प्रदेश की देहरा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में शनिवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी और कांग्रेस उम्मीदवार कमलेश ठाकुर ने भाजपा प्रत्याशी होशियार सिंह को 9,399 मतों के अंतर से शिकस्त दी। राज्य में विधानसभा की तीन सीट पर उपचुनाव हुए थे।
हिमाचल प्रदेश के दो निर्दलीय विधायकों को इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होना महंगा पड़ा, क्योंकि वे शनिवार को विधानसभा उपचुनाव में अपनी-अपनी सीट पर कांग्रेस उम्मीदवारों से हार गए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी और कांग्रेस उम्मीदवार कमलेश ठाकुर ने देहरा सीट पर भाजपा के होशियार सिंह को 9399 मतों से हराया। नालागढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस के हरदीप सिंह बावा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार के. एल. ठाकुर को 8990 वोटों से हराया। बावा पांच बार भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं। हालांकि, हमीरपुर विधानसभा सीट पर भाजपा के आशीष शर्मा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस उम्मीदवार पुष्पेंद्र वर्मा को 1571 मातों के अंतर से हराया। उपचुनाव के नतीजों के बाद राज्य के चुनावी इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री सुक्खू और उनकी पत्नी कमलेश ठाकुर के रूप में कोई दंपति हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य होंगे। पहली बार राज्य विधानसभा में एक भी निर्दलीय विधायक नहीं होगा। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में देहरा से होशियार सिंह, हमीरपुर से आशीष शर्मा और नालागढ़ से केएल ठाकुर तीन निर्दलीय विधायक चुने गए। लेकिन 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के लिए मतदान करने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस के छह बागियों ने चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के लिए ‘क्रास वोटिंग’ भी की थी और बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे। निर्दलीय विधायकों ने 22 मार्च को इस्तीफा दिया और अगले दिन भाजपा में शामिल हो गए। तीन जून को विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने विधायकों का त्यागपत्र स्वीकार कर लिया था। 10 जुलाई को तीन सीट पर उपचुनाव हुए, जिसमें 71 प्रतिशत मतदान हुआ।
वहीं, उत्तराखंड में रिक्त हुए दो विधानसभा क्षेत्रों में 10 जुलाई को हुए उपचुनाव के परिणाम शनिवार को आ गए। दोनों सीटों पर भारतीय जनता पाटर्ी (भाजपा) को कांग्रेस से करारी शिकस्त मिली है। बद्रीनाथ से लखपत बुटोला ने 5,224 मतों से, जबकि मंगलौर से काज़ी निजामुद्दीन 449 मतों से जीते हैं। चमोली जिले की बदरीनाथ सीट पर कांग्रेस के लखपत सिंह बुटोला ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के राजेंद्र सिंह भंडारी को पराजित किया है। सुबह आठ बजे मतगणना शुरू होने के बाद से ही बुटोला लगातार भंडारी से आगे चल रहे थे। जैसे जैसे उनका वोट अंतर बढ़ा, वैसे ही वैसे कांग्रेस समर्थकों ने पूरे बदरीनाथ क्षेत्र में जश्न मनाना शुरू कर दिया। जमकर मिठाइयां बांटी गईं और अबीर, गुलाल उड़ाया गया। उल्लेखनीय है कि भाजपा प्रत्याशी भंडारी ने वर्ष 2022 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की थी। लोकसभा चुनाव से पहले वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। इस कारण यह सीट रिक्त होने पर दस जुलाई को उपचुनाव के लिए मतदान हुआ। भाजपा ने श्री भंडारी पर भरोसा व्यक्त करते हुए उन्हें ही प्रत्याशी बनाया। पौड़ी संसदीय क्षेत्र में आने वाली इस सीट पर हाल में हुए चुनाव में भी भाजपा प्रत्याशी को बढ़त हासिल हुई। परन्तु उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। हरिद्वार जिले की मंगलौर सीट से कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के करतार सिंह भड़ाना को 449 मतों से पराजित किया है। दस चरण की मतगणना में कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन को 31,710 वोट मिले। जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के करतार सिंह भड़ाना को 31,261 वोट मिले। बसपा के उबेदुरर्हमान को कुल 19552 वोट मिले। लोकसभा चुनाव में भाजपा को इस सीट से बढ़त हासिल हुई थी। इस क्षेत्र से भाजपा कभी भी विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकी है। यहां बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस का दबदबा रहा है। यह सीट बसपा विधायक सरवत करीम अंसारी के निधन से रिक्त हुई थी। इस चुनाव में दिवंगत अंसारी के पुत्र को बसपा ने उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वह तीसरे स्थान पर रहे।
उधर, आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मोहिंदर भगत ने जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट पर उपचुनाव में शनिवार को अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं भाजपा उम्मीदवार शीतल अंगुराल को 37,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों के अनुसार भगत को 55,246 वोट मिले जबकि अंगुराल को 17,921 वोट मिले। कांग्रेस उम्मीदवार सुरिंदर कौर तीसरे स्थान पर रहीं और उन्हें 16,757 वोट मिले। जालंधर में स्थित भगत के निवास पर जश्न मनाया गया। आप कार्यकर्ताओं ने भगत की जीत पर पटाखे फोड़े, मिठाइयां बांटी और ढोल की थाप पर नृत्य किया। इस जीत के साथ अब 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में आप के 91 विधायक हो जाएंगे। अपनी जीत पर 66 वर्षीय भगत ने कहा कि मतदाताओं ने भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किए गए कार्यों के कारण आप के पक्ष में जनादेश दिया। उन्होंने कहा, ‘‘इस परिणाम से यह स्पष्ट है कि लोगों को राज्य सरकार का काम पसंद आ रहा है।” भगत ने पहले चरण से लेकर 13 चरण की मतगणना तक बढ़त बनाए रखी। कांग्रेस उम्मीदवार सुरिंदर कौर नौ चरण की मतगणना तक दूसरे स्थान पर रहीं और उसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अंगुराल ने यह स्थान हासिल कर लिया। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) उम्मीदवार सुरजीत कौर चौथे स्थान पर और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) उम्मीदवार बिंदर कुमार पांचवें स्थान पर रहे। आप विधायक के तौर पर अंगुराल के इस्तीफे के कारण यह सीट रिक्त हुई थी जिसके बाद इस सीट पर उपचुनाव कराया गया। वह मार्च में भाजपा में शामिल हो गए थे। जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट पर बुधवार को मतदान हुआ था और मतदान प्रतिशत 54.98 रहा था। वहीं 2022 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 67 प्रतिशत मतदान हुआ था। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के लिए, उपचुनाव में जीत हासिल करना महत्वपूर्ण है क्योंकि उनकी पार्टी ‘आप’ को लोकसभा चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी राज्य की 13 संसदीय सीट में से सिर्फ तीन पर जीत हासिल कर सकी थी।
बिहार में पूर्णिया जिले की रुपौली विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों को पछाड़ते हुए आज निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से 8246 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। चुनाव आयोग के अनुसार, 10 जुलाई को संपन्न हुए रुपौली विधानसभा उपचुनाव की शनिवार को हुई मतगणना के दौरान बारहवें और अंतिम राउंड की गणना के बाद निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह 68070 वोट हासिल कर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के कलाधर मंडल को 8246 मतों के अंतर से चित कर दिया। श्री मंडल 59824 मत प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे। वहीं, जदयू छोड़ रुपौली से अपनी विधायकी गंवाकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सिंबल पर लोकसभा चुनाव में जमानत जब्त करा चुकी बीमा भारती ने इस उपचुनाव में भी राजद के टिकट पर ही भाग्य आजमाया। लेकिन, उनकी झोली में महज 30619 वोट ही गए। जनता ने उन्हें लोकसभा चुनाव की तरह इस उपचुनाव में भी तीसरे स्थान पर ही रखा। रुपौली से पांच बार वर्ष 2000, 2005, 2010, 2015 और 2020 में विधायक रह चुकी श्रीमती भारती मतगणना के पहले राउंड से ही तीसरे स्थान पर रही। जदयू के श्री मंडल हालांकि पहले राउंड की गिनती से बढ़त बने हुए थे। लेकिन, सातवें चक्र की गणना से श्री सिंह ने वापसी की और आगे लगातार बढ़त बनाए रखा और 13 वें राउंड की गणना के बाद वह अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी श्री मंडल पर 8246 मतों की बढ़त से जीत का झंडा बुलंद किया। हाल में संपन्न लोकसभा का चुनाव राजद के टिकट पर लड़ने के लिए रुपौली की तत्कालीन विधायक बीमा भारती ने जनता दल यूनाइटेड और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके कारण रिक्त हुई इस सीट पर उप चुनाव 10 जुलाई को संपन्न हुआ। इस चुनाव में राजद ने श्रीमती भारती को और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने कालाधार मंडल को अपना उम्मीदवार बनाया था। इनके अलावा नौ अन्य प्रत्याशी भी मैदान में थे। माना जा रहा था कि रुपौली उपचुनाव में श्रीमती भारती और श्री मंडल के बीच सीधी टक्कर होगी लेकिन निर्दलीय शंकर सिंह ने यहां मुकाबले को दिलचस्प बना दिया। पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजेश रंजन उफर् पप्पू यादव के समर्थन की घोषणा भी श्रीमती भारती के काम नहीं आई। लोकसभा चुनाव में श्रीमती भारती के धुर विरोधी रहे श्री यादव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ‘‘किसी कारणवश मेरी प्रत्याशी से भूल हुई हो तो इसके लिए मैं हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं। रुपौली की बेटी बीमा भारती के पक्ष में वोटिंग करने की अपील करता हूं।”
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के अन्नियुर शिवा ने विक्रवंडी विधानसभा सीट अपने प्रतिद्वंद्वी पट्टाली मक्कल कच्ची (पीएमके) के सी अंबुमणि पर 63,000 से अधिक मतों की अजेय बढ़त बना ली है। गौरतलब है कि 10 जुलाई को हुए उपचुनाव में वोटों की गिनती आज कड़ी सुरक्षा के बीच जारी रही। अपराह्न तीन बजे तक और 18वें दौर की मतगणना के अंत में श्री शिवा श्री अंबुमणि से 63,217 मतों से आगे चल रहे थे। श्री शिवा को 1,13,671 वोट मिले हैं, जबकि श्री अंबुमणि को 50,454 वोट मिले हैं। चुनाव आयोग (ईसीआई) के अनुसार, नाम तमिलर काची (एनटीके) के डॉ अभिनय 9,740 वोट पाकर तीसरे स्थान पर हैं। श्री शिवा के बड़ी बढ़त बनाने और सीट बरकरार रखने के साथ द्रमुक मुख्यालय अन्ना अरिवालयम सहित राज्य भर में द्रमुक कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़कर और मिठाइयां बांटकर जश्न मनाना शुरू कर । अपराह्न के समय द्रमुक अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री एम के स्टालिन पाटर्ी कार्यालय पहुंचे, तो उनका द्रमुक कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। उन्होंने मंत्रियों, विधायकों, पदाधिकारियों और पाटर्ी कार्यकर्ताओं को व्यक्तिगत रूप से मिठाइयां भी बांटी। बाद में एक बयान में श्री स्टालिन ने कहा कि यह जीत द्रमुक के इतिहास में सुनहरे शब्दों में अंकित होगी। उन्होंने कहा कि 2019 में शुरू हुआ तमिलनाडु में ‘इंडिया समूह’ का विजय अभियान जारी है। श्री शिवा की जीत की पुष्टि के बाद जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि यह रिकॉडर् तोड़ जीत द्रमुक शासन की विभिन्न उपलब्धियों के लिए एक गौरवशाली उपलब्धि है और इसने और अधिक करने के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन और अतिरिक्त जिम्मेदारी दी है। इस बीच, पट्टाली मक्कल काची(पीएमके) ने भी इस उपचुनाव में अच्छी संख्या में वोट हासिल करने के लिए पटाखे फोड़कर जश्न मनाया। पीएमके की हार पर प्रतिक्रिया देते हुए पाटर्ी संस्थापक डॉ. एस. रामदास ने कहा कि द्रमुक ने धनबल का इस्तेमाल कर जीत हासिल की है और यह एक अस्थायी जीत है। उन्होंने कहा, ‘यह पीएमके के लिए एक वास्तविक जीत थी और पाटर्ी 2026 के विधानसभा चुनावों में भारी जीत हासिल करेगी।’ उन्होंने कहा, ‘‘पीएमके लोगों के फैसले को स्वीकार करती है। श्विक्रवंडी के मतदाताओं को धन्यवाद देते हुए, डॉ. रामदास ने कहा कि पीएमके ने इस उपचुनाव में विल्लुपुरम संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इस विधानसभा क्षेत्र में लोकसभा चुनावों में मिले वोटों से 75 प्रतिशत अधिक वोट हासिल किए हैं। गौरतलब है कि मुख्य विपक्षी दल अखिल भारतीय अन्ना द्रमुक मुन्नेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक ) और उसके सहयोगी डीएमडीके ने चुनावों का बहिष्कार करने का फैसला किया था। उपचुनाव में भारी मतदान हुआ और कुल 2.37 लाख मतदाताओं में से 82.48 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि 2021 में यह आंकड़ा 82.04 प्रतिशत था। द्रमुक के गढ़ विल्लुपुरम जिले की विक्रवंडी सीट पर उपचुनाव द्रमुक विधायक एन. पुघाझेंडी के निधन के बाद कराना पड़ा था।
मध्यप्रदेश के अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पाटर्ी (भाजपा) प्रत्याशी कमलेश शाह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के धीरन शाह को लगभग तीन हजार से अधिक मतों से शिकस्त देकर कांग्रेस से ये सीट छीन ली है। निर्वाचन आयोग की ओर से मुहैया कराए गए आंकड़ों के अनुसार श्री कमलेश शाह को 83 हजार 36 और श्री धीरन शाह को 79 हजार 784 मत हासिल हुए। तीसरे स्थान पर गोंडवाना गणतंत्र पाटर्ी के देवरावेन भलावी रहे, जिन्हें 28 हजार 638 मत प्राप्त हुए। शुरूआती चार दौर तक भाजपा के कमलेश शाह आगे थे, लेकिन कांग्रेस के धीरन शाह ने पांचवे दौर में एक हजार से अधिक मतों से बढ़त बनायी और छठवें दौर में बढ़त को बढ़ाकर चार हजार मतों से अधिक कर लिया था। इसके बाद से उन्होंने लगातार बढ़त बनाई। हालांकि इसके बाद 19वें राउंड में भाजपा प्रत्याशी ने अपनी निर्णायक बढ़त बनाई और अंतिम दौर में जीत हासिल कर ली। लगभग आठ माह पहले संपन्न विधानसभा चुनाव में श्री कमलेश शाह (भाजपा) ने यहां से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में विजय दर्ज करायी थी। उन्होंने उस समय भाजपा की प्रत्याशी रहीं सुश्री मोनिका बट्टी को लगभग 25 हजार मतों से पराजित किया था। लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान श्री कमलेश शाह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ गए और उनके विधायक पद से त्यागपत्र के कारण यहां उपचुनाव हुआ। छिंदवाड़ा कभी वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ के नाम का पर्याय माना जाता था, लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी विवेक बंटी साहू ने श्री कमलनाथ के पुत्र एवं कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ को पराजित कर कांग्रेस के इस गढ़ में भाजपा का परचम फहरा दिया। दो सौ तीस सदस्यीय मध्यप्रदेश विधानसभा में आज अमरवाड़ा चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा के 163 सदस्य हो गए हैं, जबकि कांग्रेस के 64 और एक विधायक भारत आदिवासी पाटर्ी से है। दो सीट रिक्त हैं।
पश्चिम बंगाल की रायगंज विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में शनिवार को तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार कृष्णा कल्याणी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और भाजपा प्रत्याशी को 50,000 से अधिक मतों से शिकस्त दी। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों से यह जानकारी मिली। उत्तर दिनाजपुर जिले के रायगंज निर्वाचन क्षेत्र में कल्याणी ने भाजपा उम्मीदवार मानस कुमार घोष को 50,077 मतों के अंतर से हराया। कल्याणी को 86,479 मत मिले, जबकि घोष को 36,402 वोट प्राप्त हुए।
पश्चिम बंगाल के बागदा विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को हुए उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार मधुपर्णा ठाकुर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पाटर्ी (भाजपा) उम्मीदवार बिनय कुमार बिस्वास को 33 हजार से ज्यादा मतों से पराजित किया। नवविजेता उम्मीदवार राज्य विधानसभा में सबसे कम उम्र की विधायक होंगी। तृणमूल उम्मीदवार मधुपर्णा को कुल 1,07,706 मत पड़े। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी को 33,455 मतों से हराया। भाजपा उम्मीदवार के खाते में 74,251 मत पड़े। तीसरे स्थान पर ऑल इंडिया फॉरवडर् ब्लॉक के गौर विस्वास रहे, उन्हें केवल 8189 वोट से संतुष्ट होना पड़ा। टैगोर परिवार की सदस्य और राज्यसभा सांसद ममताबाला टैगोर की बेटी मधुपर्णा ठाकुर को तृणमूल कांग्रेस ने उपचुनाव में उतारा। राजनीति में बिल्कुल नई मधुपर्णा ने भाजपा को उपचुनाव में पीछे छोड़ दिया है। बागदा विधानसभा सीट के लिए हुए मतगणना की शुरुआत से ही तृणमूल आगे चल रही थी। कुल 13 राउंड तक मतगणना चली। मधुपर्णा छठे राउंड के अंत में 14 हजार से ज्यादा अंतर से आगे चल रही थी, बाद में समय के साथ यह अंतर बढ़ता गया। आखिरकार मधुपर्णा ने भाजपा उम्मीदवार विनयकुमार विश्वास को 33,455 वोटों से हराकर जीत हासिल की। राज्य की चार विधानसभ सीटों पर हुए उपचुनाव में अभी तीन सीटें तृणमूल कांग्रेस के खाते में आ गयी हैं और एक अन्य पर बढ़त बनाये हुए है।
पश्चिम बंगाल की चारों सीटों पर ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने जीत हासिल कर ली। राणाघाट विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को हुए उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार मुकुट मणि अधिकारी ने शनिवार को हुए मतगणना में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पाटर्ी (भाजपा) उम्मीदवार मनोज कुमार विस्वास को 39 हजार से ज्यादा मतों से पराजित किया। श्री अधिकारी के खाते में कुल 113533 मत पड़े। उन्होंने श्री विस्वास को 39048 मतों से हराया। भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में 74485 मत पड़े। तीसरे स्थान पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पाटर्ी के अरिंदम विस्वास को 13082 वोट से संतुष्ट होना पड़ा। लोकसभा चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में चार विधानसभा सीटों पर 10 जुलाई को उपचुनाव कराए गए थे।आज कोलकाता का माणिकतला, उत्तर 24 परगना के बागदा, नादिया के राणाघाट दक्षिण और उत्तर दिनाजपुर का रायगंज में वोटों गिनती हुई। इन चारों सीटों पर हुए उपचुनाव में 35 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई थी, लेकिन सफलता सिफर् तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों के हाथ लगी है। उपचुनाव में तीन सीटों पर तृणमूल कांग्रेस ने अपना परचम लहराया है और मणिकतला सीट पर आगे चल रही है।

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