यूपी

महानगर अध्यक्ष के लिए 40 नेताओं ने किया आवेदन, इस बार दलित को मिल सकती है बरेली की कमान, पढ़ें बरेली भाजपा की सियासी खींचतान

Share now

नीरज सिसौदिया, बरेली
बरेली महानगर में तीन मंडलों के अध्यक्षों के नामों पर जारी खींचतान के बीच महानगर अध्यक्ष पद की लड़ाई भी उफान पर आ चुकी है। मौजूदा महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना की विदाई लगभग तय होने के बाद महानगर अध्यक्ष पद के लिए आवेदनों की बाढ़ आ गई है। बताया जाता है कि इस पद के लिए अब तक 40 नेताओं ने आवेदन किए हैं। इनमें दो पूर्व महानगर अध्यक्षों के साथ ही दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके रामगोपाल मिश्रा भी शामिल हैं। इस सियासी खींचतान में माना जा रहा है कि नया महानगर अध्यक्ष अनुसूचित जाति से होगा। वह मेयर उमेश गौतम के खेमे का होगा या फिर कैंट विधायक संजीव अग्रवाल का करीबी, यह फिलहाल तय नहीं है। माना जा रहा है कि संगठन आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहता, इसलिए वह किसी गुट के नेता की जगह ऐसे नेता को कमान सौंपने की तैयारी में है जो इन दोनों में से किसी भी खेमे का न हो। हालांकि, बरेली में ऐसा नेता मिलना फिलहाल बेहद मुश्किल नजर आ रहा है।
महानगर अध्यक्ष पद के लिए जिन लोगों के नाम की चर्चा हो रही है उनमें देवेंद्र जोशी, यतिन भाटिया, पुष्पेंदु शर्मा, राज शर्मा सहित कई नाम शामिल हैं लेकिन हाईकमान इनमें से किसी भी नाम को ज्यादा तवज्जो देने के मूड में नजर नहीं आ रहा। वह नहीं चाहता कि महानगर में गुटबाजी बढ़े और विरोधी समाजवादी पार्टी को इसका लाभ मिल सके। साथ ही सपा के पीडीए की काट के लिए इस बार दलित को महानगर की कमान सौंपने की तैयारी की जा रही है। बता दें कि महानगर के अंतर्गत आने वाली कैंट और शहर विधानसभा सीटों पर अगर दलित वोटों का बिखराव होता है तो समाजवादी पार्टी ये सीटें भाजपा से छीन सकती है। सपा के टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे डॉ. अनीस बेग और लोहिया वाहिनी के सुरेंद्र सोनकर जैसे नेता पहले ही दलितों को अपने खेमे में जोड़ने के लिए सम्मेलन और बैठकों का आयोजन कर रहे हैं। वहीं, सपा का संगठन भी दलितों को जाेड़ने की कवायद में जुट गया है। ऐसे में दलित वोटों के बिखराव को रोकने के लिए भाजपा किसी दलित चेहरे को कमान सौंपने की तैयारी कर रही है। अगर ऐसा होता है तो क्षेत्रीय अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य के करीबी यतिन भाटिया का महानगर अध्यक्ष के सिंहासन पर विराजमान करने का सपना, महज सपना ही बनकर रह जाएगा और मेयर उमेश गौतम का अधीर प्रेम भी अधूरा ही रह जाएगा। बहरहाल, वो चेहरा कौन होगा, इसका खुलासा तो मकर संक्रांति के बाद ही होगा।

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *