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महाकुंभ : सबसे पहले अमृत स्नान करने वाले महानिर्वाणी अखाड़े की शोभायात्रा की अनदेखी तस्वीरें और वीडियो सिर्फ इंडिया टाइम 24 पर देखें, गुरुवार से महाकुंभ में होगा सुरों का संगम, पढ़ें बुधवार को क्या-क्या हुआ महाकुंभ में?

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नीरज सिसौदिया

महाकुंभ में सबसे पहले अमृत स्नान करने वाले महानिर्वाणी अखाड़े की शोभायात्रा की तस्वीरें और वीडियो इंडिया टाइम 24 के पास सबसे पहले आई हैं। इन तस्वीरों और वीडियो में महानिर्वाणी अखाड़े के शिविर से निकाली गई शाेभायात्रा की तड़के की उस समय की झलक दिखाई दे रही है जब महामंडलेश्वर के रथ तैयार थे और वह उन पर सवार होने आने वाले थे। इसके बाद नागा साधुओं की शोभायात्रा किस तरह शिविर से प्रारंभ हुई वह भी दिखाई दे रहा है। इस अमृत स्नान में साढ़े तीन करोड़ लोगों ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई थी।

वहीं, बुधवार को जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने बुधवार को यहां सुबह सेक्टर 19 में मोरी मार्ग पर स्थित शंकराचार्य शिविर में पहुंच कर गो प्रतिष्ठा महायज्ञ का उद्घाटन किया। शंकराचार्य के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शैलेन्द्र योगिराज सरकार ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि प्रकृष्ट मात्रा में याज जहां होते हैं, ऐसे प्रयागराज की पावन भूमि पर गो को राष्ट्रमाता के पद पर प्रतिष्ठा करने के लिये गाय की रक्षा के लिये एवं गायों को पुष्ट करने के लिये एक महीने तक एक बहुत बड़ा यज्ञ प्रयागराज कुम्भ में शुरू हुआ। इस महायज्ञ में 324 कुंडीय यज्ञ, जिसमें सवा तीन करोड़ आहुतियां दी जायेंगी।


उधर, प्रयागराज के महाकुंभ मेले में आकर सुर्खियों में छाईं एप्पल के सह संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने अपने गुरु और पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि से मंगलवार को दीक्षा ले ली। स्वामी कैलाशानंद गिरि के मीडिया सलाहकार शगुन त्यागी ने बताया, “लॉरेन पॉवेल जॉब्स को मंगलवार रात्रि में दीक्षा दी गई। गुरु जी ने लॉरेन पॉवेल को काली का बीज मंत्र दिया। दीक्षा में पॉवेल ने गुरु जी को दक्षिणा में जो भी दिया वह गुप्त है।”


महाकुम्भ में 16 जनवरी से 24 फरवरी तक ‘संस्कृति का महाकुम्भ’ होगा। मुख्य मंच गंगा पंडाल का होगा, जिसमें देश के नामचीन कलाकार भारतीय संस्कृति का प्रवाह करेंगे। इसके अतिरिक्त यमुना पंडाल, सरस्वती पंडाल में भी 16 जनवरी से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रारंभ होंगे। त्रिवेणी पंडाल में 21 जनवरी से अनवरत सांस्कृतिक सुरों का संगम होगा।

16 जनवरी को गंगा पंडाल में बॉलीवुड सिंगर शंकर महादेवन के सुरों की गंगा में श्रोता आनंद की डुबकी लगाएंगे तो यमुना पंडाल में काशी के संस्कृत विद्यालय के विद्यार्थी मंगला चरण से ईश्वर के चरणों में श्रद्धा निवेदित करेंगे। पहले दिन सरस्वती पंडाल पर नौटंकी विधा से भी श्रद्धालु परिचित होंगे। पद्मश्री रामदयाल शर्मा 30 सदस्यीय टीम के साथ कृष्ण सुदामा की मित्रता को दर्शकों के सामने प्रस्तुत करेंगे।

भक्ति व विरासत के इस उत्सव में गंगा पंडाल का मंच मुख्य होगा। 10 हजार दर्शकों की क्षमता के लिए सेक्टर-1 के परेड ग्राउंड में गंगा पंडाल बनाया गया है। यह भारत के प्रसिद्ध कलाकारों की भव्य प्रस्तुतियों का केंद्र है। इसके अलावा दो हजार दर्शकों की क्षमता वाला त्रिवेणी, यमुना व सरस्वती पंडाल बनाया गया है। य़हां भी मेजबान उत्तर प्रदेश समेत देश के नामचीन कलाकार अनेक विधाओं में अपनी प्रस्तुति देंगे।

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