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‘केशव कुंज’ के प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में बोले संघ प्रमुख मोहन भागवत- हमारी दशा बदले, दिशा नहीं, पढ़ें और क्या-क्या कहा संघ प्रमुख ने?

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नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों को बुधवार को नसीहत दी कि वे अनुकूलता और समृद्धि के वातावरण में मर्यादा और सतकर्ता पर जोर देते हुए इस बात का विशेष ध्यान रखें कि हमारी दशा बदले, पर दिशा नहीं। डॉ. भागवत ने राजधानी के झंडेवालान में पुनर्निर्मित ‘केशव कुंज’ के प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उक्त विचार व्यक्त किए। सरसंघचालक ने कहा, ‘देश में संघ कार्य गति पकड़ रहा है, व्यापक हो रहा है। आज जिस पुनर्निर्मित भवन का यह प्रवेशोत्सव है, उसकी भव्यता के अनुरूप ही हमें संघ कार्य का रूवरूप भव्य बनाना है और हमारे कार्य से उसकी अनुभूति होनी चाहिए। यह कार्य पूरे विश्व तक जाएगा और भारत को विश्वगुरु के पद पर आसीन करेगा, ऐसा हमें पूर्ण विश्वास है। और हम अपनी इसी देह, इन्हीं आखों से बनते देखेंगे, यह विश्वास है। लेकिन संघ के स्वयंसेवकों को इसके लिए पुरुषार्थ करना होगा। हमें इसके लिए कार्य को सतत विस्तार देना होगा।’ उन्होंने कहा कि आज संघ के विभिन्न आयामों के माध्यम से संघ कार्य विस्तृत हो रहा है। इसलिए अपेक्षा है कि संघ के स्वयंसेवक के व्यवहार में सामर्थ्य, शुचिता बनी रहे।
डॉ. भागवत ने कहा कि आज संघ की दशा बदली है, लेकिन दिशा नहीं बदलनी चाहिए। समृद्धि की आवश्यकता है, जितना आवश्यक है उतना वैभव होना चाहिए भी, लेकिन ऐसा मर्यादा में रहकर होना चाहिए। श्री केशव स्मारक समिति का यह पुनर्निर्मित भवन भव्य है, इसकी भव्यता के अनुरूप ही कार्य खड़ा करना होगा। सरसंघचालक ने इस अवसर पर संघ के आरम्भ से ही आद्य सरसंघचालक द्वारा झेली अनेक कठिनाइयों का उल्लेख किया और नागपुर में पहले कार्यालय‘महाल’की शुरुआत के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि क्योंकि दिल्ली देश की राजधानी है और सूत्रों का संचालन यहां से होता है, इसलिए यहां एक कार्यालय की आवश्यकता महसूस हुई और उस आवश्यकता के अनुसार यहां कार्यालय बनाया गया है।
उन्होंने कहा, ‘आज यह भव्य भवन बन जाने भर से संघ स्वयंसेवक का काम पूरा नहीं होता। हमें ध्यान रखना होगा कि उपेक्षा और विरोध हमें सावधान रखता है, लेकिन अब अनुकूलता का वातावरण है, हमें अधिक सतकर् रहने की आवश्यकता है।’ इस मौके पर सरसंघचालक ने कहा कि कार्यालय हमें कार्य की प्रेरणा देता है, लेकिन उसके वातावरण की चिंता करना प्रत्येक स्वयंसेवक का कर्तव्य है।
श्रीराम जन्मभूमि न्यास के कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि आज श्री गुरुजी की जयंती है इसलिए पावन दिन है। आज शिवाजी की भी जयंती है। शिवाजी संघ की विचार शक्ति हैं। कांची कामकोटि पीठ के तत्कालीन शंकराचार्य परमाचार्य जी ने एक बार एक वरिष्ठ प्रचारक से कहा था कि संघ प्रार्थना से बढ़कर कोई मंत्र नहीं है। गोविंददेव गिरी जी ने छावा फिल्म का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्रपति ने ऐसे मावले तैयार किए, जो थकते नहीं, रुकते नहीं, झुकते नहीं और बिकते नहीं। संघ के स्वयंसेवक छत्रपति शिवाजी के तपोनिष्ठ मावलों सरीखे ही हैं। हम हिन्दू भूमि के पुत्र हैं, संघ राष्ट्र की परंपरा को पुष्ट करते हुए राष्ट्र की उन्नति की बात करता है। उदासीन आश्रम दिल्ली के प्रमुख संत राघावानंद जी महाराज ने अपने संक्षिप्त आशीर्वचन में कहा कि संघ 100 वर्ष पूर्ण कर चुका है तो इसके पीछे डाक्टर साहब का प्रखर संकल्प ही है। संघ ने समाज के प्रति समर्पण भाव से कार्य किया है, समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए कार्य किया है। इसलिए संघ कार्य सतत बढ़ रहा है। श्री केशव स्मारक समिति के अध्यक्ष आलोक कुमार ने शुरू से लेकर अब तक के केशव कुंज के पुनर्निर्माण के विभिन्न पड़ावों की विस्तार से जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में 1939 से ही संघ का काम रहा है। तब झंडेवालान में इसी स्थान पर एक छोटा सा भवन बनाया गया था, जिसमें संघ कार्यालय का कुछ हिस्सा बना था। लेकिन आगे 1962 में इसका विस्तार करके अन्य कक्ष बनाए गए थे। वर्ष 1969 में श्री केशव स्मारक समिति का गठन हुआ। अस्सी के दशक में आवश्यकता के अनुसार भवन का और विस्तार हुआ। साल 2016 में सरसंघचालक ने ही अपने करकमलों से इसी स्थान पर पूजानुष्ठान के साथ श्री केशव स्मारक समिति के द्वारा निर्मित केशव कुंज के तीन टॉवर वाले इस भवन का शिलान्यास किया था। और आज यह पुनर्निर्मित स्वरूप में हम सबके सामने है। केशव कुंज में मुख्यत: तीन टॉवर हैं—1. साधना 2. प्रेरणा 3. अर्चना। एक आकर्षक और आज की सब आवश्यकताओं से परिपूर्ण अशोक सिंहल सभागार है, आम जन के लिए एक केशव पुस्तकालय है, ओपीडी चिकित्सालय है, साहित्य भंडार है, सुरुचिपूर्ण और राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत पुस्तकों के लिए सुरुचि प्रकाशन है। केशव कुंज की विद्युत आवश्यकताओं की पूर्ति में सहयोग के लिए 150 किलोवाट का सोलर प्लांट है, कचरे के उचित निस्तारण रीसाइकिलिंग के लिए 140 केएलडी क्षमता का एसटीपी प्लांट है। पूर्व की तरह ही नूतन भवन में एक सुंदर-दिव्य हनुमान मंदिर है। कार्यक्रम में ऐसे कुछ सेवा प्रदाताओं का प्रतिनिधि रूप में सम्मान किया गया जिन्होंने भवन के निर्माण में विविध कामों में योगदान दिया है।कार्यक्रम में मंच पर सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, उत्तर क्षेत्र संघचालक पवन जिंदल, दिल्ली प्रांत संघचालक डॉ. अनिल अग्रवाल भी उपस्थित थे। प्रवेशोत्सव में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंंत्री राजनाथ सिंह, स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्ढा, संघ के सहसरकार्यवाह डा. कृष्ण गोपाल, अरुण कुमार, वरिष्ठ प्रचारक सुरेश सोनी, सम्पकर् प्रमुख रामलाल, सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र ठाकुर, इंद्रेश कुमार, प्रेम गोयल, रामेश्वर सहित अनेक वरिष्ठ कार्यकर्ता और स्वयंसेवक उपस्थित थे।

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