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यूपी के निलंबित आईएएस अफसर अभिषेक प्रकाश का बरेली कनेक्शन : इनवर्टिस यूनिवर्सिटी में खपाई थी काली कमाई! ईडी से शिकायत, विजिलेंस जांच में घिरे अभिषेक प्रकाश की बढ़ीं मुश्किलें, पढ़ें क्या है पूरा मामला?

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नीरज सिसौदिया, बरेली

अभिषेक प्रकाश वह नाम है जिनकी गिनती उत्तर प्रदेश सरकार के तेज-तर्रार अधिकारियों में हुआ करती थी लेकिन अब वह विवादित अफसरों की सूची में शामिल हो चुके हैं। उन पर पंजाब स्थित एक निजी ऑपरेटर द्वारा सौर ऊर्जा परियोजना के लिए मंजूरी से संबंधित “5% कमीशन” लेने का आरोप लगा है। इस मामले में वह विजिलेंस जांच के दायरे में हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है। दूसरी ओर, विपक्ष ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। इस मामले को लेकर वह यूपी सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है। विपक्ष ने मांग की है कि भ्रष्टाचार के इस मामले की जांच में उन परियोजनाओं को भी शामिल किया जाना चाहिए जिनकी क्लीयरेंस पिछले 3 साल के दौरान अभिषेक प्रकाश की ओर से दी गई है। अभिषेक प्रकाश के खिलाफ एक के बाद एक शिकायतें सामने आ रही हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बरेली जिले का सामने आया है। वर्ष 2006 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अभिषेक प्रकाश वर्ष 2012 में बरेली के जिलाधिकारी के पद पर तैनात थे। बरेली भाजपा के वरिष्ठ नेता और जिला सहकारी संघ के पूर्व चेयरमैन महेश पांडेय ने अभिषेक प्रकाश की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के डायरेक्टर को एक पत्र लिखकर अभिषेक प्रकाश के बरेली में किए गए काले कारनामों का खुलासा करने का दावा किया है। महेश पांडेय ने निलंबन से पहले उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास विभाग के सचिव और इनवेस्ट यूपी के सीईओ रहे अभिषेक प्रकाश पर अपनी काली कमाई का कुछ हिस्सा बरेली के मेयर और वरिष्ठ भाजपा नेता उमेश गौतम की इनवर्टिस यूनिवर्सिटी, फरीदपुर रोड, बरेली में खपाने का आरोप लगाया है।
ईडी निदेशक को लिखे गए पत्र में महेश पांडेय ने कहा, ‘इनवर्टिस यूनिवर्सिटी के प्रमोटर्स डॉ उमेश गौतम मूल रूप से ग्राम लालपुर थाना कोसीकलां, तहसील कोसीकलां जनपद मथुरा के निवासी हैं। ग्राम लालपुर में इनकी स्वयं की इनके पिता कौशल किशोर गौतम की व इनके दादा रोशन लाल की पैतृक सम्पत्ति नाममात्र की रही होगी, इतना ही नहीं स्वयं महापौर डॉ. उमेश गौतम जब पहली बार बरेली आए तो सिविल लाइन्स स्थित एक अखबार के कार्यालय के पास किराये के मकान में रहा करते थे। आज की तारीख में महापौर व उनके परिजनों के नाम कई हजार करोड़ की अकूत सम्पत्ति बरेली समेत, नोएडा, देहरादून व देश-विदेश में स्थित है। वर्ष 2012 से 2014 के बीच जिस समय निलम्बित आईएएस अफसर अभिषेक प्रकाश बरेली के जिलाधिकारी पद पर तैनात थे, उन्होंने अपनी काली कमाई का मोटा हिस्सा महापौर डॉ. उमेश गौतम की यूनिवर्सिटी इनवर्टिस विश्वविद्यालय में खपाया। इनवर्टिस यूनिवर्सिटी की मौजूदा समय में बाजार भाव दो हजार करोड़ रुपए से भी अधिक है।’
महेश पांडेय ने कहा कि अगर इनवर्टिस यूनिवर्सिटी में खपाए गए कालेधन की जांच की जाए तो आईएएस अभिषेक प्रकाश की काली कमाई के साथ ही कई अन्य लोगों की काली कमाई का भी खुलासा हो सकता है। इस संबंध में जब अभिषेक प्रकाश और उमेश गौतम से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका। अगर वो चाहें तो हमारे ई-मेल आईडी indiatime24x7@gmail.com पर अपना पक्ष लिखकर भेज सकते हैं, हम उसे भी प्रमुखता से प्रकाशित करेंगे।

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