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आईएमए और इसवा ने पहलगाम के शहीदों को दी श्रद्धांजलि, डॉ. अनीस बेग ने दिया एकता का संदेश, कहा-कोई भी धर्म ऐसे अपराध की इजाजत नहीं देता, आतंकियों के मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे, पढ़ें और क्या-क्या कहा?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, बरेली और इंटेलेक्चुअल सोशल वेलफेयर एसोसिएशन ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और शहीद हुए बेगुनाहों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसमें समाजवादी पार्टी चिकित्सा प्रकोष्ठ के संयोजक और जाने-माने बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अनीस बेग ने एकजुटता का संदेश दिया। आईएमए की ओर से शहर के आईएमए हॉल में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जबकि इसवा की ओर से वीरवार शाम सात बजे गांधी उद्यान से लेकर चौकी चौराहे तक कैंडल मार्च निकाला गया। इस मार्च में सैकड़ों की संख्या में इसवा पदाधिकारी, सदस्य, मसीह समाज के लोग और विभिन्न समुदायों के नागरिक शामिल हुए। कैंडल मार्च गांधी उद्यान पार्क से शुरू होकर चौकी चौराहे पर संपन्न हुआ। डॉक्टर अनीस बेग आईएमए के सदस्य और इसवा के पूर्व अध्यक्ष भी हैं।


इस मौके पर डॉक्टर अनीस बेग ने पहलगाम आतंकी हमले को कायराना नरसंहार करार देते हुए मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित कर पीड़ित परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आतंकियों ने जो नरसंहार किया है वह अत्यंत निंदनीय है। असल दोषियों को सामने लाया जाना चाहिए और ऐसे कड़े कदम उठाए जाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

उन्होंने कहा कि इस हमले ने प्रत्येक देशवासी के दिल को गहरी ठेस पहुंचाई है, जो कई कीमती जिंदगियों के नुकसान से दुखी हैं। यह आतंकी हमला कायरतापूर्ण और अमानवीय है। इस घृणित घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि आतंकवादियों का कोई धर्म या मजहब नहीं होता और उनका एकमात्र उद्देश्य लोगों में दहशत फैलाना था। यह हमला क्रूर और जघन्य है क्योंकि कोई भी धर्म इस तरह के घृणित अपराध की कतई इजाजत नहीं देता। यह हिंसा मानवता पर सीधा हमला है और इस घटना की निंदा हर व्यक्ति को धर्म, क्षेत्र, राष्ट्रीयता या किसी अन्य विचारधारा से ऊपर उठकर कड़े से कड़े शब्दों में करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि अगर आतंकवादियों ने नाम पूछकर गोली मारी है तो यह साफ है कि ये हम लोगों को हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर बांटना चाहते हैं। लेकिन क्या हम उन्हें उनके मकसद में कामयाब होने देंगे? बिल्कुल नहीं। हमें एकजुट होकर भाईचारे से इस नफरत का जवाब देना होगा। यह लड़ाई सिर्फ आतंक के खिलाफ ही नहीं है बल्कि हमारे देश की आत्मा को बचाने की है।


इसवा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ. अय्यूब अंसारी ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “आतंकवाद के खिलाफ सरकार को कठोरतम कदम उठाने चाहिए। अब समय आ गया है कि आतंकवाद का हमेशा के लिए खात्मा हो।” वहीं, इसवा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद फाजिल ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता। उन्हें सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए। इस कैंडल मार्च में सभी धर्मों के लोग एकजुट होकर शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं, जो हमारी एकता का प्रतीक है।”
डॉ. एस.ई. हुदा ने भावुक होते हुए कहा, “शहीदों की इस त्रासदी ने हर हिंदुस्तानी को झकझोर दिया है। बेगुनाहों पर गोली चलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार आतंकवादियों और उनके समर्थक देशों, विशेष रूप से पाकिस्तान, के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।” कैंडल मार्च में इसवा के अध्यक्ष डॉ. अय्यूब अंसारी, पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनीस बेग, पूर्व अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद फाजिल, डॉ. एस.ई. हुदा, डॉ. आफताब अंसारी, डॉ. इरफान खान, डॉ. अनसार अंसारी, डॉ. फिरासत हुसैन, डॉ. परवेज, डॉ. चिश्ती, फसाहत नूर खान, बिलाल बेग, मसीह समाज के सदस्यों सहित बड़ी संख्या में इसवा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए। यह कैंडल मार्च न केवल शहीदों के प्रति सम्मान का प्रतीक था, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता और देश की अखंडता के लिए एक मजबूत संदेश भी था।

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