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बरेली शहर विधानसभा सीट : ये हैं प्रमुख युवा चेहरे जो आजमा रहे हैं किस्मत, जानिए कौन-कौन है टिकट की कतार में

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नीरज सिसौदिया, बरेली
बरेली शहर विधानसभा सीट पर इस बार दोनों ही प्रमुख दलों से नए चेहरे मैदान में नजर आने वाले हैं। भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी दोनों ही दलों से पिछले चुनाव में मैदान में उतरे उम्मीदवार इस बार मैदान से बाहर होने जा रहे हैं। भाजपा विधायक अरुण कुमार सक्सेना की राह में जहां 75 वर्ष की आयु सीमा बाधा बनती नजर आ रही है तो वहीं, समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रत्याशी राजेश अग्रवाल कैंट विधानसभा सीट पर दावेदारी जता रहे हैं। ऐसे में कुछ पुराने दिग्गजों के साथ ही कुछ युवा चेहरे भी किस्मत आजमाने की तैयारी कर रहे हैं। आइये जानते हैं कौन से हैं वो प्रमुख युवा चेहरे-

1- राहुल जौहरी (भाजपा)

बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष राहुल जौहरी पूर्व मंत्री स्वर्गीय दिनेश जौहरी के पुत्र हैं।पिता की सियासत की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए राहुल जौहरी वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भी दावेदारी जता चुके थे लेकिन कुछ कारणों से उन्होंने खुद ही चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया था।

राहुल जौहरी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सुपुत्र जय शाह के करीबी बताए जा रहे राहुल जौहरी को लेकर चर्चा है कि इस बार वह शहर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी में हैं। अगर राहुल जौहरी मैदान में उतरते हैं तो उनका मुकाबला करना बेहद मुश्किल हो सकता है। हालांकि, राहुल जौहरी ने अभी तक सार्वजनिक रूप से ऐसी कोई घोषणा नहीं की है कि वो चुनाव लड़ेंगे या नहीं?

2- हसीब खान (समाजवादी पार्टी)

समाजवादी पार्टी के शहर विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष हसीब खान पिछले 17 वर्षों से संगठन में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इन 17 वर्षों में उन्होंने संगठन के साथ-साथ खुद को भी बेहद मजबूत किया है। बूथ स्तर से लेकर पार्टी के आला नेताओं के बीच गहरी पैठ रखने वाले हसीब खान पार्टी के शहर विधानसभा प्रभारी निर्मोज यादव के समक्ष भी अपनी दावेदारी जता चुके हैं। साफ-सुथरी छवि वाले निर्विवाद और सरल स्वभाव वाले नेता के रूप में हसीब खान अपनी एक अलग पहचान बना चुके हैं।

हसीब खान

साथ ही वह वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद भी लगातार सक्रिय भूमिका निभाते आ रहे हैं। उनकी यही खूबियां समाजवादी पार्टी में उनकी दावेदारी को सबसे मजबूत बनाती हैं।

3- अतुल कपूर (भाजपा)

युवा भाजपा नेता अतुल कपूर बरेली नगर निगम के पूर्व उपसभापति हैं। अतुल कपूर ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत लगभग 4 बार के पार्षद रह चुके प्रह्लाद मल्होत्रा को हराकर शुरू किया था। वह पहली बार सभासद बने और अपनी काबिलियत के दम पर पहली बार में ही उपसभापति के पद को भी सुशोभित किया। इस बार अतुल कपूर का वार्ड आरक्षित हो गया तो उन्होंने नए वार्ड से लड़ने का निर्णय लिया लेकिन वह भी महिला आरक्षित होने की वजह से अतुल कपूर ने अपनी पत्नी को मैदान में उतारा और शानदार जीत हासिल की।

अतुल कपूर

अतुल कपूर ने यह साबित कर दिया कि उन्हें चाहे जहां से टिकट मिले वो जीत हासिल करके पार्टी की झोली में जरूर डालेंगे। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भी अतुल कपूर ने पुरजोर तरीके से दावेदारी की थी। अब इस बार भी वह चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं और दावेदारी करने की तैयारी कर रहे हैं। अतुल कपूर यूपी सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के करीबी भी बताए जाते हैं।

4- मोहम्मद कलीमुद्दीन (समाजवादी पार्टी)

मोहम्मद कलीमुद्दीन की पहचान एक जुझारू नेता की है। वह ओमेगा क्लासेज के नाम से मेडिकल और इंजीनियरिंग में दाखिले की कोचिंग देते हैं। उनकी कोचिंग से अब तक सैकड़ों बच्चे डॉक्टर बन चुके हैं। कोरोना काल में वह सबसे पहले अपनी समाजसेवा के दम पर सुर्खियों में आए थे। उनकी छवि एक जुझारू और पढ़े-लिखे नेता की है।

मो. कलीमुद्दीन

पिछले विधानसभा चुनाव में कलीमुद्दीन ने भी पुरजोर तरीके से टिकट की दावेदारी की थी लेकिन पार्टी ने यहां से हिन्दू नेता को उतारने का मन बनाया और राजेश अग्रवाल को मैदान में उतार दिया। इस बार फिर से कलीमुद्दीन टिकट की दावेदारी की तैयारी कर रहे हैं। मौजूदा समय में वह समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव हैं।

5- डॉ. विनोद पागरानी (भाजपा)

खुशलोक अस्पताल के मालिक और आईएमए, बरेली के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर विनोद पागरानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों के करीबी बताए जाते हैं। सीधे और सरल स्वभाव के पागरानी की डॉक्टरों सहित एलीट वर्ग में काफी अच्छी पकड़ है। वह संघ और भाजपा के कार्यक्रमों में भी सक्रिय रहते हैं।

डा. विनोद पागरानी।

पिछले विधानसभा चुनाव में भी पागरानी का नाम भाजपा के टिकट के दावेदारों में शामिल था। अब एक डॉक्टर के जाने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि शायद भाजपा एक और डॉक्टर को मौका दे दे। भाजपा के युवा चेहरों में पागरानी एक प्रमुख चेहरा हैं। बताया जाता है कि पागरानी पिछले विधानसभा चुनाव से ही 2027 के चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।

6- गौरव सक्सेना (समाजवादी पार्टी)

नगर निगम में समाजवादी पार्षद दल के नेता गौरव सक्सेना छात्र जीवन से ही समाजवादी पार्टी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वह अपने दम पर शहर विधानसभा सीट से लगातार पार्षद बनते आ रहे हैं। पिछले चुनाव के दौरान गौरव सक्सेना के माता-पिता दोनों का ही निधन हो गया था और वह चुनाव प्रचार भी नहीं कर सके थे। इसके बावजूद वार्ड के लोगों ने गौरव सक्सेना को भारी मतों से विजयी बनाया। गौरव सक्सेना के पास संगठन का भी अनुभव है।

गौरव सक्सेना

वह महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी की टीम में महासचिव के पद पर सेवाएं दे चुके हैं। नगर निगम में जनहित के मुद्दों को लगातार बुलंद करते रहे हैं। उनकी गिनती बरेली के चुनिंदा तेज-तर्रार युवा नेताओं में होती है।

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