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डॉक्टर अनीस बेग ने बच्चों के लिए नाकाफी स्वास्थ्य सुविधाओं पर जताई थी चिंता, मासूम जिंदगियों को निगल गई सरकारी अस्पताल की अव्यवस्था, पढ़ें कैसे नाकाफी इंतजाम बन गए नवजात बच्चों की मौत का सबब और क्या कहा था डॉक्टर अनीस बेग ने, देखें पूरा वीडियो?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
सरकारी अस्पतालों के नाकाफी इंतजामों ने चार मासूमों की जिंदगी निगल ली। बदायूं के जिला महिला अस्पताल में जन्मे इन नवजातों की मौत सिर्फ इस वजह से हो गई कि अस्पताल में सीपैप और वेंटिलेटर सपोर्ट की व्यवस्था नहीं थी। डॉक्टरों ने चारों बच्चों को हायर सेंटर रेफर किया था लेकिन गरीब परिजन बच्चों को ले जाने में असमर्थ थे। नतीजतन चार मासूमों को दुनिया छोड़कर जाना पड़ा।

बदायूं की यह घटना यूपी सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े करती है। मंदिरों और महाकुंभ के नाम पर अरबों रुपए खर्च करने वाली यूपी सरकार एक जिले के मासूम बच्चों की जिंदगी बचाने के लिए सीपैप और वेंटिलेटर सपोर्ट नहीं खरीद पाई। यह कोई छोटे मोटे अस्पताल या डिस्पेंसरी की बात होती तो समझा भी जा सकता था लेकिन जिला महिला अस्पताल की ऐसी स्थिति पूरे जिले के लिए दुखदायी है।
पिछले दिनों बच्चों के जाने-माने डॉक्टर और समाजवादी पार्टी चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉक्टर अनीस बेग ने पीडीए पंचायत और महा पंचायत में बच्चों के लिए उपलब्ध सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था कि पीडीए के बच्चों को बस दो चीजें चाहिए, एक अच्छी शिक्षा और दूसरा स्वास्थ्य।

उन्होंने चेताया था कि सरकारी अस्पतालों के नाकाफी इंतजाम कभी भी किसी भी मासूम की जिंदगी निगल सकते हैं। उन्होंने आईएए हॉल में हुई पीडीए की महापंचायत में जीवनरक्षक सुविधाएं न होने का मुद्दा उठाया था और अब यह बात साबित हो चुकी है कि सरकारी अव्यवस्थाओं ने चार गरीब नवजातों की सांसें छीन ली हैं।
महज 12 घंटे के अंदर ये चार मासूम इस दुनिया को छोड़कर चले गए।

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