नीरज सिसौदिया, बरेली
नगर निगम कार्यकारिणी के सदस्य और शहर विधानसभा सीट से भाजपा के संभावित प्रत्याशी माने जा रहे सतीश चंद्र सक्सेना कातिब उर्फ मम्मा मंगलवार को शहर में विभिन्न सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से शामिल रहे। उनकी उपस्थिति ने न सिर्फ जनसंपर्क को मजबूती दी, बल्कि यह भी संदेश दिया कि वे सामाजिक सरोकारों से सीधे जुड़कर जनता के बीच काम करने में विश्वास रखते हैं।

मंगलवार की शुरुआत उन्होंने वरिष्ठ राजनीतिज्ञ और शहर की राजनीति में महत्वपूर्ण पहचान रखने वाले स्वर्गीय कुंवर सुभाष पटेल (पूर्व विधायक एवं पूर्व महापौर) को श्रद्धांजलि अर्पित करके की। मम्मा ने कहा कि कुंवर सुभाष पटेल न केवल जनसेवक थे, बल्कि उन्होंने संगठन और समाज सेवा को हमेशा प्राथमिकता दी। इस अवसर पर पूर्व महानगर अध्यक्ष डॉ. के.एम. अरोड़ा भी मौजूद रहे। दोनों ने पुष्प अर्पित कर उनके योगदान को याद किया। कार्यक्रम में स्थानीय कार्यकर्ता और समाजसेवी भी उपस्थित रहे।

इसके बाद मम्मा अपने कैंप कार्यालय पर पहुंचे, जहां शून्य से पांच वर्ष, पाँच से दस वर्ष, दस से सोलह वर्ष तक के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं के लिए टीकाकरण शिविर आयोजित किया गया था। यह शिविर सरकारी स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सकों की टीम की देखरेख में संचालित हुआ। मम्मा ने चिकित्सकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “बच्चों और माताओं की सेहत सुरक्षित रखना समाज की पहली जिम्मेदारी है।” शिविर में आए परिजनों ने भी इस पहल की सराहना की। कैंप में अच्छी संख्या में परिवार पहुंचे और लाभान्वित हुए।

इसके अलावा उन्होंने परंपरागत वैदिक रीति से भगवान पशुपतिनाथ को अर्पित किए जाने वाले पवित्र गंगाजल कलश यात्रा में भी भाग लिया। यह गंगाजल कलश श्री शिव प्रकाश रावल जी महाराज द्वारा लाया गया। कलश यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु और स्थानीय नागरिक शामिल हुए। गंगाजल के कलश को ध्वज, शंखध्वनि और जयघोष के बीच आगे बढ़ाया गया। मम्मा ने कहा कि यह परंपरा हमारी आस्था और आध्यात्मिक विरासत को जीवित रखती है।
शाम होते-होते मम्मा श्री शिव मंदिर, मण्डल विहार कॉलोनी, आईवीआरआई रोड पहुंचे, जहां प्रत्येक माह की भांति सुंदरकांड पाठ का भव्य आयोजन हुआ। उपस्थित श्रद्धालुओं ने भक्ति रस से ओतप्रोत वातावरण में सुंदरकांड के स्वर सुनकर आध्यात्मिक सुकून का अनुभव किया। मम्मा ने यहां श्रद्धालुओं से संवाद किया और कहा कि “शहर में धार्मिक परंपराएं हमारी सांस्कृतिक पहचान हैं और इनका संरक्षण हमारा दायित्व है।”

पूरा दिन सामाजिक सक्रियता में व्यतीत करने वाले मम्मा की यह पहल शहर में चर्चा का विषय रही। स्थानीय लोगों का कहना है कि उनकी सरलता, संपर्क शैली और सामाजिक भागीदारी उन्हें अन्य नेताओं से अलग पहचान देती है। आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए इसे उनकी जनभागीदारी का मजबूत संकेत माना जा रहा है।





