नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा का इंतिहान शुरू हो चुका है| रविवार को उनकी अग्नि परीक्षा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर होगी| इस परीक्षा के लिए सुभाष चोपड़ा ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है| दरअसल सुभाष चोपड़ा के दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद प्रदेश स्तर पर पार्टी का पहला प्रदर्शन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर होने जा रहा है| यह विरोध प्रदर्शन दिल्ली के गैस चेंबर में तब्दील होने के कारण किया जा रहा है| दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ केजरीवाल सरकार की नाकामियों को प्रदेश स्तर पर उजागर करने के लिए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की ओर से यह विरोध प्रदर्शन किया जाएगा| बता दें कि इस प्रदर्शन के लिए पिछले लगभग 15 दिनों से लगातार प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित की जा रही थी| शनिवार को विरोध प्रदर्शन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया| दोपहर 3:00 बजे कांग्रेस के पूर्व विधायकों की बैठक बुलाई गई थी और ठीक उसके बाद ब्लॉक प्रमुख और नगर निगम के पार्षदों एवं पूर्व पार्षदों की बैठक आयोजित की गई जिसमें पार्टी के विभिन्न जिला अध्यक्षों ने भी हिस्सा लिया| बैठक में विरोध प्रदर्शन को बड़े पैमाने पर करने और सफल बनाने की अपील करने के साथ ही पार्टी के पदाधिकारियों को जिम्मेदारियां भी सौंपी गई| पूर्व विधायक सुशील लेकर ब्लाक प्रमुख स्तर के पदाधिकारियों को भीड़ जुटाने के लिए कहां गया है|
प्रदेश कांग्रेस का यह प्रदर्शन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि लंबे इंतजार के बाद दिल्ली प्रदेश कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिला है और उसके नेतृत्व में होने वाला यह पहला विरोध प्रदर्शन है| साथ ही हरियाणा और महाराष्ट्र में कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन के बाद दिल्ली के कार्यकर्ताओं के अंदर किसी तरह के नए जोश का संचार हुआ है या नहीं यह भी इस प्रदर्शन के जरिए पता चल जाएगा| इसके अलावा इस प्रदर्शन को दिल्ली विधानसभा चुनाव के होमवर्क के तौर पर भी देखा जा रहा है| इस प्रदर्शन में जो जितनी भीड़ जुटा ले जाएगा वह उतना काबिल दावेदार विधानसभा चुनाव के लिए माना जाएगा| वही सुभाष चोपड़ा के लिए भी यह किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है क्योंकि अगर यह प्रदर्शन विफल हो जाता है तो सुभाष चोपड़ा के नेतृत्व पर भी सवाल उठेंगे|
वहीं दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल लगातार टीवी एवं रेडियो में विज्ञापनों के माध्यम से यह संदेश देने में जुटे हुए हैं कि दिल्ली में प्रदूषण पिछले सरकारों की तुलना में कम हो रहा है| बहरहाल यह देखना दिलचस्प होगा कि सुभाष चोपड़ा कांग्रेस को नई दिशा में ले जाने में कितने सफल होते हैं| अगर वह दम तोड़ती कांग्रेस में नई जान फूंक सके तो निश्चित तौर पर यह पार्टी और सुभाष चोपड़ा के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी| फिलहाल दिल्ली में कांग्रेस का भविष्य किस दिशा में जाएगा यह पार्टी द्वारा रविवार को होने वाले विरोध प्रदर्शन से स्पष्ट हो जाएगा|