पंजाब

न्यू रतन नगर की नहर पर बना पुल गिराने जा रहा है विभाग, विधायक सुशील रिंकू ने लोगों को थमाया लॉलीपॉप

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नीरज सिसौदिया, जालंधर
दुर्गा मंदिर से छोटी नहर जो न्यू रतन नगर से होकर जाती है और बस्ती बावा खेल के पास जाकर मिलती है, इस पर लगभग 10 साल पहले एक पुल बनाया गया था जाे न्यू रतन नगर से लेकर शिव नगर तक की कॉलोनियों को रास्ता देता है| कॉलोनियों के लोगों के आवागमन का यह एकमात्र जरिया है. वर्षों तक सिंचाई विभाग को इस पुल की कोई सुध नहीं आई लेकिन अब अचानक से विभाग को यह पुल अवैध नजर आने लगा है और वह इसे गिराने भी जा रहा है| विभागीय अधिकारी इस पुल को अवैध करार देते हुए गिराने भी पहुंच गए थे लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण उन्हें 21 जून तक विधायक सुशील कुमार रिंकू से बात कर मसला सुलझाने का अल्टीमेटम देकर लौटना पड़ा था| दरअसल इस नहर को पक्का किया जा रहा है| इसके चलते यहां जीर्णोद्धार का काम किया जाना है| विभागीय अधिकारी कहते हैं कि इस काम में यह पुल आड़े आ रहा है| यही वजह है कि पिछले दिनों सिंचाई विभाग की टीम जेसीबी लेकर स्कूल को गिराने के लिए पहुंच गई थी लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध करने पर विभाग की टीम इस पुल को गिरा नहीं सकी थी| विरोध कर रहे लोगों को एसडीओ ने यह भरोसा दिलाया था कि अगर वह स्थानीय विधायक से बात कर लें और विधायक इस पुल को न गिराने पर सहमति जता दें तो यह पुल नहीं गिराया जाएगा| स्थानीय निवासी महेंद्र सिंह नागी ने बताया कि वह अन्य लोगों के साथ विधायक सुशील कुमार रिंकू के पास पुल न गिराने की गुहार लगाने गए थे लेकिन विधायक ने उन्हें लॉलीपॉप थमा दिया और पुल गिराने की बात कही है| उन्होंने बताया कि विधायक ने यह भरोसा दिलाया कि अभी पुल गिरने दो इसके बाद 20 दिन के अंदर वह नया पुल तैयार करवा देंगे| हैरानी की बात है कि जब पुल दोबारा बनवाना ही है तो इसे गिरवाया ही क्यों जा रहा है. जैक लगाकर हटाया भी जा सकता है. इससे विधायक की मंशा पर सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं.
दिलचस्प बात तो यह है कि इस नहर में जो काम किया जा रहा है वह भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से घटिया स्तर का किया जा रहा है| इसमें न तो सरिया लगाई जा रही है और न ही सीमेंट और रेत का अनुपात उचित मात्रा में मिलाया जा रहा है| रेत ही रेत से इसे कमजोर बनाया जा रहा है. इससे बनने के बाद यह नहर कितने दिन तक टिक सकेगी यह कहना मुश्किल है| स्थानीय लोग पहले यह समस्या लेकर पूर्व पार्षद प्रदीप राय के पास पहुंचे थे लेकिन प्रदीप राय ने गेंद स्थानीय विधायक सुशील रिंकू के पाले में डालते हुए कहा कि विकास का जिम्मा स्थानीय विधायक और स्थानीय पार्षद का है इसलिए आप सभी लोग पहले उनके पास जाकर गुहार लगाएं| अगर बात नहीं बनती है तो विभागीय अधिकारियों के साथ शांतिपूर्ण तरीके से बात की जाएगी और जरूरत पड़ी तो प्रोटेस्ट भी करेंगे. इसके बाद स्थानीय निवासी राकेश कुमार, राजीव कुमार, सुखवंत सिंह, महेंद्र सिंह नागी, जुगल किशोर, सतेंदर, गुरबचन सिंह, प्रीतम कौर, राजरानी, वीणा कुमारी, दर्शन कौर, प्रेमलता और अन्य लोग विधायक सुशील रिंकू के पास पहुंचे और पुल न तोड़े जाने की गुहार लगाई| एसडीओ ने स्थानीय लोगों को यह भरोसा दिलाया था कि अगर विधायक सुशील रिंकू पुल तोड़ने पर सहमत हो जाते हैं तो वह पुल नहीं तोड़ेंगे| लेकिन विधायक रिंकू के दरबार से भी लोगों को निराशा ही हाथ लगी और रिंकू ने पुल तोड़ने को लेकर अपनी मंशा साफ जाहिर कर दी| उन्होंने स्थानीय लोगों को भरोसा दिलाया कि अभी पुल टूटने दीजिए, पुल टूटने के बाद वह स्वयं 20 दिन के भीतर नए सिरे से पुल तैयार करवा देंगे| रिंकू के भरोसे में कितनी सच्चाई है यह तो पुल टूटने के बाद ही पता चल पाएगा लेकिन अगर यह पुल टूटता है तो न्यू रतन नगर से लेकर शिवनगर तक की हजारों लोगों की आबादी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा|

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