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एमएलसी चुनाव : क्या इं. अनीस अहमद खां को मिलेगा सेवा, समर्पण और वफादारी का ईनाम?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
ऐतिहासिक मतदाता जागरूकता एवं वोटरशिप अभियान चलाने वाले समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता इंजीनियर अनीस अहमद खां बरेली- रामपुर स्थानीय निकाय क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के टिकट के प्रबल दावेदार हैं। उन्हें उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव के दौरान उनके द्वारा पार्टी हित में किए गए सेवा, समर्पण और वफादारी के कार्यों का ईनाम पार्टी उन्हें जरूर देगी लेकिन क्या अखिलेश यादव उन पर भरोसा जताएंगे? यह सवाल सिर्फ इंजीनियर अनीस अहमद खां के ही जेहन में नहीं कौंध रहा बल्कि बरेली के हर शख्स के मन में भी उठ रहा है।
दरअसल, दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके इंजीनियर अनीस अहमद खां लंबे समय से विधानसभा चुनाव की तैयारियां कर रहे थे। लगभग दस माह पूर्व उन्होंने एक अनोखा मतदाता जागरूकता एवं वोटरशिप अभियान चलाया था। उनके इस ऐतिहासिक अभियान ने उन्हें भीड़ से अलग एक नई पहचान दिलाई। इस अभियान के जरिये न सिर्फ जनता को सहूलियत हुई बल्कि अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी की नीतियां भी घर-घर पहुंचीं। रोड शो से लेकर आला नेताओं की सभा तक के कार्यक्रम में इंजीनियर अनीस अहमद खां पहले पायदान पर थे। सबको उम्मीद थी कि इस बार बरेली कैंट विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर इंजीनियर अनीस अहमद खां ही मैदान में होंगे लेकिन ऐन वक्त पर ऐरन दंपति पाला बदलकर साइकिल पर सवार हो गए और इंजीनियर अनीस अहमद खां एवं उनके समर्थकों को निराश होना पड़ा। इसके बाद पूरे जिले में चर्चाएं होने लगीं कि इंजीनियर अनीस अहमद खां सपा प्रत्याशी सुप्रिया ऐरन को हराने के लिए पूरी ताकत झोंक देंगे। अफवाहों का बाजार काफी गर्म रहा और अटकलें लगाई जाने लगीं कि इंजीनियर अनीस अहमद अब किसी दूसरे दल से चुनाव लड़ेंगे। सूत्र बतातो हैं कि बसपा से लेकर कांग्रेस तक के नेता उनके घर के चक्कर काटते रहे लेकिन इंजीनियर अनीस अहमद का सबको एक ही जवाब होता कि मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं, मेरा मकसद विधायक बनना नहीं बल्कि अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाना है। इतना ही नहीं टिकट की घोषणा होने के बाद जैसे ही इंजीनियर अनीस अहमद लखनऊ से लौटे तो पार्टी प्रत्याशी के कार्यालय पर अपनी पूरी टीम के साथ पहुंचे और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। दिलचस्प बात यह रही कि टिकट कटने से नाराज कई दावेदार जहां कोप भवन में जा बैठे वहीं, इंजीनियर अनीस अहमद खां की सक्रियता ने सभी को हैरान कर दिया। वह कैंट सीट से पार्टी प्रत्याशी सुप्रिया ऐरन के साथ न सिर्फ कंधे से कंधा मिलाकर चलते नजर आए बल्कि पूरे जिले में पार्टी का झंडा बुलंद करते दिखाई दिए। बहेड़ी, बिथरी, शहर, भोजीपुरा, फरीदपुर और कैंट सीटों पर इंजीनियर अनीस अहमद खां पार्टी प्रत्याशी की जीत के लिए पूरी ताकत झोंकते दिखाई दिए। यही वजह है कि अब इंजीनियर अनीस अहमद खां के समर्थकों को उम्मीद है कि पार्टी उन्हें एमएलसी प्रत्याशी बनाकर उनकी वफादारी का ईनाम देगी। हालांकि, इस सीट से बरेली के कई अन्य दावेदार भी किस्मत आजमा रहे हैं लेकिन अनुभव, सेवा, जनता के बीच लोकप्रियता और संगठन के प्रति समर्पण के मापदंडों पर इंजीनियर अनीस अहमद खां अन्य दावेदारों के मुकाबले कहीं बेहतर नजर आ रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ आजम खां के करीबी रामपुर के नेता एम. अहमद का एमएलसी प्रत्याशी बनना तय माना जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि कुछ दिन पहले वह बरेली में ही थे और यहां के मतदाताओं से संपर्क भी साध चुके हैं। कहा जा रहा है कि एमएलसी का टिकट उसी को मिलेगा जिसे आजम खां चाहेंगे। यह भी कहा जा रहा है कि आजम खां अपने करीबी एम अहमद को टिकट का वादा पहले ही कर चुके हैं। फिलहाल एमएलसी चुनाव का मुख्य मुकाबला इंजीनियर अनीस अहमद खां और एम अहमद के बीच ही नजर आ रहा है। इंजीनियर अनीस अहमद खां की संभावना इसलिए भी लग रही है क्योंकि लंबे समय से समाजवादी पार्टी ने बरेली के किसी भी नेता को एमएलसी का उम्मीदवार नहीं बनाया है। साथ ही इंजीनियर अनीस अहमद पूर्व केंद्रीय मंत्री और सपा के कद्दावर नेता सलीम शेरवानी के करीबी भी हैं। खुद सलीम शेरवानी ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान यह कहा था कि उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष के समक्ष इंजीनियर अनीस अहमद खां का नाम कैंट विधानसभा सीट से टिकट के लिए प्रस्तावित भी किया था। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार भी सलीम शेरवानी इंजीनियर अनीस अहमद खां का नाम जरूर प्रस्तावित करेंगे। बहरहाल, दस मार्च को विधानसभा के चुनावी नतीजे आने के बाद ही तस्वीर साफ हो सकेगी।

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