विचार

शिवरूपी आकार दिखा

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जहां- जहां तक दृष्टि जाती ।
शिव का ही आधार दिखा ।
भौतिक- नश्वर हर वस्तु में,
ये शिवमय संसार दिखा ।।
आज प्रकृति शिवमय दीखी ।
शिव लीला अद्भुत दीखी ।।
जल -थल- नभ -अग्नि -वायु में,
शिवमय ज्योति जगी दीखी ।।
मानव को हर प्राणतत्व में ,
.शिव रूपी आकार दिखा ।।
ये शिवमय संसार दिखा.

रूप अलौकिक शिवमय है ।
नाद अलौकिक शिवमय है ।।
शोध किया तो ये पाया,
ब्रह्म अलौकिक शिवमय है ।।
श्वासों के हर स्पंदन में,
शिव-शिव का उच्चार दिखा ।।
ये शिवमय संसार दिखा.

शिव-शिव जप ले अंतर्मन ।
केवल शिव का हो चिंतन ।।
घर-घर हर आंगन-आंगन ,
.हो शिव पूजन- आराधन ।।
हर गति ,हर लय, छंदों में,
बस शिव का झंकार दिखा ।।
ये शिवमय संसार दिख ।

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