घना कोहरा आगे अंधेरा
नज़र कुछआता न हो।
हो अवसाद व तनाव
और कुछ भाता न हो।।
पर मत सोचना फिर भी
नकारात्मक विचार।
जो सकारात्मक ऊर्जा
जीवन में लाता न हो।।
आपकी सोच विचार ऊर्जा
जीत आधार बनती है।
आपकी उचित जीवन शैली
कारगार बनती है।।
कर्म ही पूजा कर्म ही
मन्त्र है सफलता का।
उत्साह से ही जाकर जिंदगी
शानदार बनती है।।
संकल्प, दृढ़ दृष्टिकोण हों
जीवन के प्रमुख अंग।
अनुशासनहीनता हो तो लग
जाती है जंग।।
सतत कोशिश और बार बार
का करना अभ्यास।
निरंतर प्रयास हो और कभी
ध्यान नहीं हो भंग।।
जीवन एक कर्मशाला जगहे
ऐशो आराम नहीं है।
है यह संघर्ष का तपोवन कोई
घृणा का मैदान नहीं है।।
मत पलायन से बदनाम कर
इस अनमोल जीवन को।
बिना पूरे किये सरोकार जीवन
का उतरता एहसान नहीं है।।
रचयिता।।एस के कपूर श्री हंस
बरेली।