नीरज सिसौदिया, बरेली
कैंट विधानसभा क्षेत्र में भारतीय बाल्मीकि धर्म समाज द्वारा भगवान वाल्मीकि विजय दिवस का आयोजन बड़े ही श्रद्धा, उत्साह और गरिमा के साथ किया गया। इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष डॉ. अनीस बेग मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन और आयोजन धीरज मधुकर द्वारा किया गया और भारी संख्या में स्थानीय नागरिक, समाज के वरिष्ठजन, महिलाएँ और युवा उपस्थित रहे, जिससे आयोजन अत्यंत भव्य और ऐतिहासिक बन गया।
कार्यक्रम की शुरुआत भगवान वाल्मीकि जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुई। इसके बाद समाजिक समरसता, समानता और भाईचारे के भावों को प्रदर्शित करती सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने पूरे वातावरण को प्रेरणादायक बना दिया। वाल्मीकि समाज के इतिहास, संघर्ष और गौरव पर आधारित प्रस्तुतियों को उपस्थित लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ सराहा।

मुख्य अतिथि डॉ. अनीस बेग ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान वाल्मीकि जी केवल महर्षि नहीं बल्कि सत्य, ज्ञान, न्याय और मानवता के प्रकाश स्तंभ हैं। उन्होंने रामायण रचकर संपूर्ण मानव समाज को जीवन का मार्ग दिखाया। उन्होंने कहा कि वाल्मीकि समाज ने हमेशा कठिन परिस्थितियों के बीच भी देश और समाज की सेवा और निर्माण में बड़ा योगदान दिया है। सफाई व्यवस्था की रीढ़ कही जाने वाली यह मेहनतकश समाज आज भी अपनी निष्ठा और त्याग से शहरों को स्वच्छ और सुरक्षित बनाए हुए है।
डॉ. बेग ने जोर देते हुए कहा कि समाज का सम्मान केवल भाषणों में नहीं, बल्कि अधिकारों, सम्मानजनक अवसरों और सुरक्षा में दिखाई देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वाल्मीकि समाज के युवाओं को शिक्षा, रोजगार और सरकारी सेवाओं में समान अवसर मिलना चाहिए और यही उनकी लड़ाई का मूल आधार है।
उन्होंने भावुक होकर कहा—
“मैं किसी पद की राजनीति नहीं करता। मेरा संघर्ष समाज के सम्मान, अधिकार और भविष्य के लिए है। जब भी वाल्मीकि समाज पर अन्याय हुआ या किसी परिवार के साथ दुख की घड़ी आई, मैं हमेशा सबसे पहले पहुंचा हूँ और आगे भी खड़ा रहूँगा।”
इस दौरान उपस्थित लोगों ने खुलकर कहा कि डॉ. अनीस बेग जहां भी जाते हैं, समाज को विश्वास और सुरक्षा की ऊर्जा मिलती है। कई वक्ताओं ने कहा कि वे केवल भाषण देने वाले नेता नहीं, बल्कि मैदान में संघर्ष करने वाले साथी हैं। वाल्मीकि समाज के लोगों ने एक स्वर में कहा कि अनीस बेग उनकी आवाज हैं और हर संकट में सबसे पहले उनके साथ खड़े दिखाई देते हैं।

डॉ. बेग के आगमन पर समाज के प्रतिनिधियों ने पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका सम्मान किया। पूरे पंडाल में तालियों और नारों से स्वागत किया गया। कार्यक्रम के दौरान भगवान वाल्मीकि जी के भजनों ने वातावरण को आध्यात्मिक रंग से भर दिया और पूरे सभास्थल में एकता, भाईचारे और सामाजिक सम्मान का संदेश गूंज उठा।

कार्यक्रम में दीपक बाल्मीकि, कुलदीप बाल्मीकि, प्रवेश बाल्मीकि, ओमप्रकाश बाल्मीकि, दिनेश दद्दा, खुशरो मिर्ज़ा, वेद प्रकाश, राम आंबेडकर, कृष्णकांत शर्मा, राकेश फौजी, रामचरण, हरिसिंह गिल, आनंद बाबू, राजेंद्र कुमार, नरेश कठेरिया, अमर पाल फौजी, अमर सिंह, अशोक बाबू, सतीश चंद्र, विजय बाल्मीकि, नीरज बाल्मीकि, लखन बाल्मीकि, राजे बाल्मीकि, संजय बाल्मीकि, पंकज बाल्मीकि, चंचल बाल्मीकि, प्रदीप बाल्मीकि सहित बड़ी संख्या में सम्मानित लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का समापन भगवान वाल्मीकि जी के भजनों और समाज की उन्नति, शांति, सद्भाव तथा एकता की सामूहिक प्रार्थना के साथ हुआ।





